मों ने अपनी दोस्त के साथ मिलकर मुझे चोद

ही दोस्तो मेरा नाम राहुल है और मैं अभी अभी 18 का हुआ हू. मेरे घर में मैं और मेरी प्यारी सी मों रहती है जो बोहोट खूबसूरत है और उनका फिगर मीडियम साइज़ का है. मतलब ना ज़्यादा मोटी ना ज़्यादा पतली. उनकी उमर 38 है और मुझसे बेहाध प्यार करती है.

मैं पिछले कुछ साल हॉस्टिल में रहता था अपनी पढ़ाई के लिए और इस बार वाकेशन में अपने घर जाईपुर आया था. ये कहानी कुछ वक़्त पहले की है.

उस दौरान गर्मी बोहोट ज़्यादा थी और हम अक्सर घर में ही एसी ओं कर के साथ ही सोते थे. मैं पढ़ाई में नंबर 1 रहता था और मेरा नेचर बोहोट शांत स्वाभाव का है. ना किसी से ज़्यादा दोस्ती ना दुश्मनी ना बातचीत. बस पढ़ाई, मुझे बाकी दुनिया की भी ज़्यादा खबर नही थी.

मैं इतने टाइम देल्ही में था जहा ठंड बोहोट ज़्यादा होती है. और अचानक आया था अपने घर जहा गर्मी हाढ़ से ज़्यादा होती है. तो मुझे शुरू शुरू में कुछ दिन अपने मैं पार्ट्स की जगह पे रॅशस होने लगे थे.

डॉक्टर ने बिना कुछ चेक किए बस एक क्रीम दिया था लगाने लेकिन कुछ दिन कम होता, फिर बढ़ जाता. ये बात से मम्मी भी परेशन होती थी आख़िर ऐसा क्यू हो रहा है. तो एक दिन जब रॅशस ज़्यादा हुए, तो मैने कहा मम्मी से-

राहुल – मम्मी, अब नई होता कंट्रोल ये पाईं, बार बार क्यू हो रहा है??

मों – बेटा डॉक्टर को भी तो दिखा आए. अछा एक काम कर दिखा कितना ज़्यादा हो गया है.

राहुल – वो मम्मी रॅशस यहा (अपने नुणु की तरफ उंगली दिखाते हुए) हुआ है.

मों – बेटा जानती हू मैं रॅशस वहीं होते है, दिखा कितना बढ़ गया है.

राहुल – मम्मी वो अजीब लगेगा.

मों – अजीब क्या इसमें बेटा, मा हू तेरी, मेरे सामने क्या शरमाना?

राहुल – ठीक है मम्मी दिखता हू.

मैने तोड़ा हिचकिचाते हुए अपनी जीन्स उतरी, और अपनी व शेप वाली ब्लॅक अनडाइस में खड़ा था मम्मी के सामने. फिर मैने खड़े खड़े ही अनडाइस को तोड़ा साइड किया मम्मी को दिखाने के लिए.

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मों – अरे बेटा, इससे क्या दिखेगा? उतार दे ना अपनी चड्डी, 2 मीं की बात है, चेक कर लू फिर उस हिसाब से हम इसका इलाज ढूंदे.

राहुल – ओके मम्मा.

मैने फिर तोड़ा शरमाते हुए मम्मी के सामने चड्डी थाइस तक नीचे की और मेरी नॉर्मल साइज़ की लुल्ली जिसके आस पास बोहोट सारे बाल थे, लटक रही थी मम्मी के सामने. देखते ही मम्मी ने कहा-

मों – समाज गयी बेटा क्या प्राब्लम है.

राहुल – क्या मम्मी?

मों – बेटा इतने ज़्यादा बाल है वाहा रॅशस तो होगा ही जब पसीना होगा तो, इसे शेव कर दे और फिर देख अपने आप रॅशस सब ख़तम हो जाएगा.

राहुल – लेकिन मम्मी मैने लाइफ में कभी शेव नही किया. अब तक तो मुझे चेहरे पे भी बियर्ड नही आई और मैने तो कभी रेज़र भी नही पकड़ा है. ऐसे में शेव कैसे करू?

मों – पहले कपड़े पहें फिर बताती हू.

मैने तुरंत अपनी चड्डी और जीन्स पहें ली और मम्मी के कहने पर हम बेडरूम में चले गये जहा बैठ कर मम्मी मुझसे बातें करने लगी-

मों – देख बेटा, ऐसे में रॅशस होना आम बात है. गर्मी भी इतनी है उपर से टाइट जीन्स पहेनटे हो तुम आज कल के बचे. आज एक काम कर इसे शेव कर दे, कल तक ठीक हो जाएगा.

राहुल – बुत मों मुझे नही आता.

मों – कुछ तो पता होगा ना बेटा?

राहुल – नो मों.

मों – अछा कोई बात नई, चिंता मत कर मैं सिखाती हू कैसे करते है, फिर नेक्स्ट टाइम तू खुद करना. ठीक है?

राहुल – ओके मुम्मा.

मों – अभी करे? एसी ओं कर दे बेटा, मई सब समान लेकर आती हू.

मैं बेडरूम में लेते ही एसी ओं करता हू और कुछ 2 मिनिट बाद मम्मी एक नॅपकिन, 1 मग, 1 रेज़र लेकर मेरे पास आकर बैठी.

मों – चल बेटा, कपड़े उतार.

राहुल – कपड़े क्यू मुम्मा?

मों – उतरेगा नई तो सीखौँगी कैसे बेटा?

राहुल – ओके मम्मा, सिर्फ़ जीन्स और अंडरवेर ना?

मों – एस मी बेबी.

मैने मम्मी के सामने जीन्स और अंडरवेर उतार के साइड में रख दी और लेट गया.

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मों – अरे बेटा रुक, अपने बम्स उठा ये नॅपकिन रखने दे नीचे वरना चदडार गंदी हो जाएगी.

मैने अपने बम्स उठाए और मों ने नीचे नॅपकिन बिछा दी और मैं फिर ठीक से लेट गया. मों ने रेज़र को मग के पानी में डुबया और उसे गीला कर दिया.

मों – बेटा अपना नुणु पकड़ के नीचे की तरफ कर. और ध्यान से देखना बेटा, यहा जल्दबाज़ी ज़रा भी नही, बिल्कुल आराम से प्यार से. वॉच मे बेबी.

राहुल – ओके मम्मा.

फिर मैने मों को देखा और अपना नुणु पकड़ना भूल गया. जिसके बाद मम्मी ने खुद ही मेरा नुणु पकड़ के नीचे साइड किया और फिर उपर से हल्के हल्के से मुझे शेव करने लगी.

मैं इतने साल मम्मी से दूर रहा और मुझे उनसे बोहोट ज़्यादा अटॅचमेंट है. लेकिन ये सब मेरे लिए नया था. मम्मी के कोमल कोमल हाथ मुझे छूटे हुए बोहोट अलग सा महसूस हो रहा था. खैर इसके बाद मम्मी ने धीरे धीरे शेव करना शुरू किया. जब उपर का पार्ट हो गया तो मम्मी ने मुझसे कहा-

मों – बेटा गोतियाँ उपर कर.

मैने मम्मी की बात मानते हुए गोतियाँ उपर की और मम्मी नीचे से शेव करने लगी. फिर जब उन्हे लगा की मैं सही से नही पकड़ रहा तो उन्होने एक हाथ से मेरी गोतियाँ उपर की और दूसरे हाथ से शेव करने लगी. मुझे शेव करने का आइडिया तो आ चुका था लेकिन पता नही क्यू मेरा नूनन्ू सूजने लगा था और लंबा होने लगा था. जिसे देख कर मम्मी काफ़ी बार मुझे देखकर स्माइल करती. फिर शेव कंप्लीट होने के बाद-

मों – बेटा, देख लिया तूने?

राहुल – हा मुम्मा.

मों – गुड बॉय, तो अब मैं कुछ देर बाहर बैठती हू, तू तोड़ा खुद को शांत कर ले फिर आती हू.

राहुल – मतलब? संजा नई मम्मी.

मों – अरे मेरा राजा बेटा (मुझे फोर्हेड पे किस करते हुए) मेरा मतलब है तू एग्ज़ाइट हो चुका है. तो हिला ले फिर मूज़े आवाज़ दे.

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