माँ ने लिए तीन मोटा लुंड एक सात

मम्मी तो जैसे डर ही रही थीं. साले का क्या लंड था.. काला मूसल जैसा, जिस पर लाल रंग का टमाटर जैसा सुपारा था, लंड भी पूरा बालिश्त भर लम्बा होगा.. करीब 9 इंच लम्बा और ढाई इंच से भी ज्यादा मोटा. मम्मी की आंखें के सामने आते ही मम्मी की तो आंखें ही बंद हो गईं. भोला मम्मी के मुँह में लंड डालना चाह रहा था लेकिन मम्मी ने अपना मुँह भींच लिया था.

तभी मोहन सामने आया, उसका लंड भी कम नहीं था. करीब 7 इंच लम्बा लेकिन उसका सुपारा ज्यादा मोटा नहीं था. उसका लंड बीच में से थोड़ा टेढ़ा था.
तीसरा शमशेर उसका लंड भी करीब 5-6 इंच के आसपास ही था, लेकिन उसका सुपारा काफी मोटा था. मम्मी उन्हें देख कर ही घबरा रही थीं.

मैं समझ गया था कि आज मम्मी की खैर नहीं है. इनमें भोला का लंड सबसे बड़ा था. फिर उन्होंने काफी कोशिश की लेकिन मम्मी ने मुँह में नहीं लिया तो शमशेर बोला- चलो साली की चुदाई करते हैं.

ये कह कर वह मम्मी के बगल में आकर लेट गया और मम्मी की एक टांग को अपने हाथ से उठा कर मम्मी के मम्मों की तरफ किया और एक टांग को अपनी जांघों में लेकर लंड को चूत के पास ले आया. वो एक हाथ से लंड को मम्मी की चूत पर मसलने लगा. मम्मी अब भी थोड़ा विरोध कर रही थीं लेकिन जब शमशेर ने जैसे लंड को चूत पर टिकाया, तो लंड अन्दर नहीं जा रहा था. मम्मी की चूत शायद एकदम टाईट हो रही थीं. इसी तरह शमशेर ने दो तीन बार प्रयास किया, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. उसने मोहन से कुछ कहा तो उसने आकर मम्मी की टांगों को कस कर पकड़ लिया.
अब शमशेर ने सुपारा चूत के छेद पर रखा और कमर का एक झटका लगाया तो सुपारा सरसराता चूत में दाखिल हो गया.

एक बार तो मम्मी छटपटाईं, लेकिन दूसरे झटके में आधे से भी ज्यादा लंड अन्दर समा गया. अब मम्मी भी ढीली पड़ गईं और तीसरे झटके में तो लंड जड़ तक चूत की गहराई में खो गया.
तीसरा झटका इतनी जोर का था कि मम्मी की चीख निकल गई. ‘उइइइ.. मर गइइइ.. हाययय.. रे र.. माररर.. डालाआ.. रेर..’

तभी मोहन ने उनका मुँह भींच लिया. मम्मी की आंखों में आंसू आ गए. लेकिन उन लोगों को कोई फिक्र नहीं थी. अब वो धीरे धीरे लंड को अन्दर बाहर करने लगा तो मैंने देखा कि अब मम्मी बिल्कुल शांत थीं.

मैं देख रहा था कि लंड को टोपे को चूत की फांकों तक लाता और एक ही झटके में अन्दर कर देता. मम्मी हर झटके के साथ ‘उई आह सीईइइ..’ करने लगीं. लंड जब बाहर आता तो अन्दर से लाल लाल
खरबूजे के जैसी गिरी को बाहर लाता और अन्दर कर डालता.

शमशेर भी अब ‘हाय सीईइइइ..’ करने लगा तो मोहन बोला- साले अभी अन्दर मत डालना.. साले चूत गीली कर देगा तो मजा नहीं आएगा.
यह सुन कर मम्मी गिड़गिड़ाईं और बोलीं- प्लीज अन्दर मत डालना, कल ही मेरा पीरियड खत्म हुआ है.

शमशेर पेल ही रहा था कि अब भोला आ गया और बोला- हट अब मैं करता हूँ.
शमशेर ने जैसे लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि साले का लंड चूत का पानी पी कर तो और भी भयंकर हो गया था. लंड के बाहर आते ही चूत का मुँह खुला का खुला रह गया और अन्दर की लाल दरार साफ दिखने लगी.
शमशेर के हटने के साथ ही भोला ने मम्मी के दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख लिया, जिससे अब मम्मी के दोनों पैर आसमान की तरफ हो गए और चूत उभर कर ऊपर हो गई.

और कहानिया   मैंने माँ को और पापा ने बेहेन को चोदा

भोला ने अपना मोटा लंड मम्मी की चूत पर रख कर कमर का एक जोरदार झटका मारा तो वो फिर से चिल्लाईं- अइरेर.. मार डाला रेर.. हाय एक बार बाहर निकालो.. मेरी तो फट गई रेररर..
मैंने देखा कि वो मूसल मम्मी की चूत में एक ही झटके में जड़ तक अन्दर चला गया.
मम्मी छटपटाने लगीं- मररर.. गईइइ.. निकालो इसे हायय..

लेकिन अब भोला भी अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा और कुछ ही देर में अपनी स्पीड बढ़ा कर पेलने लगा. जब भोला ठाप मारता तो मम्मी के मुँह से ‘हा हाहहाहाहा.. हाह..’ की आवाज निकलती और ‘थपथप..’ की आवाज आ रही थी. अचानक ही मम्मी के मुँह से जोरदार सिसकारी निकलने लगी- सीइइ..इइइ इइ..
मुझे लगा कि अब मम्मी भी इस चुदाई का पूरा मजा ले रही हैं. भोला के ठाप के साथ मम्मी भी चूतड़ उचका कर उसका साथ दे रही थीं. तभी चूत से फचाफच पानी आने लगा. लेकिन यह क्या मम्मी कुछ ही देर में शांत हो गईं. भोला भी करीब दस मिनट तक पेल कर हट गया.

अब मोहन का नम्बर आया तो उसने मम्मी को बोला- रानी, अब तू घोड़ी बन जा.
उसने मम्मी को घोड़ी बना कर खुद घोड़े की तरह मम्मी के पीछे आ गया और अपने मोटे सुपारे को चूत के छेद पर रख कर धक्का मारा कि मम्मी का मुँह तो जमीन पर टिक गया.

एक बार मम्मी फिर चिल्लाईं- हायय.. सालों ने आज तो मार डाला रे.. धीरे कर लो..
लेकिन मोहन ने मम्मी की कमर को पकड़ कर धक्के लगाना स्टार्ट कर दिया फिर ‘थपथप.. खचफच..’ की आवाज आने लगी.

मम्मी तो बस कबूतरी की तरह फड़फड़ा रही थीं. अब तक तीनों की चुदाई से मम्मी कई बार झड़ चुकी थीं, इसलिए अब मम्मी को मजा नहीं आ रहा था.

मोहन भी करीब 15 मिनट के बाद ‘हाय सीईइइ..’ करने लगा और उसने अपनी स्पीड तेज कर दी. फिर अचानक ही मोहन 10-15 ठापें मारके शांत होने वाला ही था कि शमशेर ने उसे हटा दिया और उसने मम्मी को जमीन पर चित्त लिटाकर मम्मी की दोनों टांगों को ऊपर करके एक बार फिर से लंड अन्दर डाल दिया. मैं देख रहा था कि अब मम्मी रबर की गुड़िया की तरह उनके इशारों पर कर रही थीं, जैसे वो चाह कर रहे थे.

तभी शमशेर ने जोर जोर से ठाप लगाई और 25-30 कस के ठापें मारीं और शांत हो गया.
मम्मी के मुँह से ‘आहहहह.. ये क्या कर रहे हो.. तुम्हें मना किया था… हे भगवान मैं तो मर गई रेर..’

वो शमशेर को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगीं, लेकिन शमशेर ने उन्हें इस पोजिशन में जकड़ा हुआ था कि मम्मी छटपटाने के अलावा कुछ भी नहीं कर सकती थीं.

मैंने देखा कि शमशेर अपनी गांड भींच रहा था. वैसे ही मम्मी ‘हाय सीई..’ कर रही थीं. वो मम्मी के ऊपर निढाल होकर गिर पड़ा था.

तभी मोहन ने उसे हटाया और वो मम्मी के ऊपर से हटा और लंड बाहर निकाला तो मैंने देखा कि अब उसका लंड मुरझा गया है.

फिर मैंने मम्मी की चूत को देखा तो देखता ही रह गया साले ने क्या हालत बना दी थी. मैंने देखा कि चूत का दरवाजा काफी खुला हुआ था, उसमें से सफेद सफेद गाढ़ा पदार्थ रिस रहा था. शमशेर एक तरफ हट गया तो अब मोहन ने भी लंड चूत में डाला तो जैसे उसका लंड अन्दर गया तो चूत से एक सफेद पदार्थ की पिचकारी निकली क्योंकि शमशेर का वीर्य चूत से पूरी तरह निकला नहीं था. मोहन के मोटे लंड की वजह से सारा रस बाहर निकलने लगा.

अब मोहन ने ठाप मारना स्टार्ट कर दिया तो मम्मी फिर बड़बड़ाने लगीं- प्लीज अन्दर मत डालो.. प्लीज..
लेकिन मोहन तो ठाप मारे जा रहा था और कुछ ही देर में वो भी शमशेर की तरह ही मम्मी पर औंध गया और वो भी अपनी गांड को खुल्लु भिच्चु करने लगा. मम्मी तो एकदम निढाल हुई पड़ी थीं.

और कहानिया   घरवाली और बाहरवाली भाग 2

जैसे मोहन हटा तो उसका लंड खचाक की आवाज करता हुआ बाहर आया. अब तो चूत का बुरा हाल हो रहा था. वीर्य अपने आप ही बहने लगा.

अब बारी थी भोला की, वो भी उसी पोजिशन में मम्मी के ऊपर चढ़ गया और ठाप मारने लगा. मम्मी की चूत वीर्य से भरी थी, इसलिए उसका लंड फसर फसर चल रहा था. वो दोनों अब भी मम्मी की चूचियां दबा रहे थे और भोला ठाप पर ठाप मार रहा था.

मम्मी भी अब शांत हो गई थीं, उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हो रही थी. मम्मी का पूरा शरीर ढीला हो चुका था. कुछ देर बाद भोला मम्मी के ऊपर से हटा तो सभी ने मेरी मम्मी की चूत की तरफ देखा, जिसका बुरा हाल हो चुका था. उसमें से गाढ़ा गाढ़ा वीर्य रिस रहा था.

फिर उन्होंने थोड़ा पानी लेकर मम्मी के मुँह में डाला और छींटे मारे तो मम्मी के शरीर में कुछ हरकत हुई. मम्मी उठ कर बैठी.
मोहन बोला- कुसुम यार, मजा आ गया बहुत दिनों के बाद तेरी चूत चोद कर!
मम्मी बोली- हरामी, तुझे पहले कभी मना किया था? आज मुझे जल्दी जाना था और तूने देर करवा दी.
वे तीनों खींसें निपोरते हुए चले गए और मेरी मम्मी की चूत चुद गई.

हमें अभी तो 2 किमी और जाना था. मैंने मम्मी को पानी पिलाया और उन्हें उठाया तो मम्मी जैसे ही बैठीं उनकी चूत से खून के साथ ढेर सारा वीर्य टपक गया.. जो जमीन पर सफेद रंग का गिर रहा था.

करीबन आधे घंटे के बाद मम्मी कपड़े पहन कर चलने लगीं, लेकिन मम्मी से चला भी नहीं जा रही था. वो बड़ी मुश्किल से धीरे धीरे कदम रख रही थीं. हम जैसे तैसे बुआ के घर 7 बजे तक पहुँचे.

तो उस समय तक तो मम्मी का बुरा हाल हो चुका था. मम्मी तो जाते ही चारपाई पर गिर पड़ीं.

फिर चाय पानी पीकर मम्मी की बुआ का हाल चाल जान कर मम्मी बोलीं- बुआ मैं पैदल चलकर आई हूँ, जिससे मेरी तबीयत खराब हो गई है. मैं आराम करना चाहती हूँ. हम सुबह बात करेंगे.
तो बुआ ने कहा- ठीक है बेटी कुसुम अब तुम सो जाओ.

एक कमरे में मम्मी के बिस्तर लगा दिये. मैंने देखा कि मम्मी चारपाई में घुसते ही रजाई ओढ़ कर सो गईं.

मैं तो समझ रहा था कि मम्मी कई बार मोटे लंडों से चुद कर आई हैं, तो ये हालत तो होनी थी.

फिर सबने खाना खाया और सो गए. बुआ का केवल एक लड़का था, जिसकी शादी अभी नहीं हुई थी, तो वह ही बुआ की देखभाल करता था. वह ही बुआ के कमरे में सो गया और मुझसे कहा कि बेटा तुम हमारे साथ सो जाओ.
तो मैंने मम्मी के पास ही सोने को कहा. फिर मैं मम्मी की रजाई में जाकर सो गया.

मम्मी को देख कर मुझे वही सीन ध्यान आ रहा था कि कैसे उन सालों ने मम्मी को रौंदा था. मम्मी तो एकदम निढाल थीं.
मैं मम्मी के बिस्तर में घुसा, तब भी उनको मेरे आने का पता नहीं चला. मैं सोने की कोशिश कर रहा था लेकिन नींद तो मेरी आंखों से कोसों दूर थी. बस रह रह कर चुदाई ही याद आ रही थी.

मेरी हिंदी एडल्ट स्टोरी पर मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा.

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.