हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम वीरेन है और में 28 साल का लड़का हूँ। जब में कॉलेज में था तो एक घटना हुई थी। मेरे पापा का एक्सिडेंट हुआ था। हमारे घर में मेरी बहन, माँ और पापा है। मेरी बहन शादीशुदा थी और पापा के एक्सिडेंट की वजह से वो भी हमारे घर थोड़े दिनों के लिए आई है। पापा को उसी दौरान अटेक भी आया था। मेरी माँ पढ़ी लिखी थी और उसने ब्यूटी और मसाज़ पार्लर भी खोला था, लेकिन वो भी कुछ दिनों के लिए बंद था। अब धीरे-धीरे पापा थोड़े ठीक हो गये थे। फिर पापा और बहन ने माँ से कहा कि तुम पार्लर क्यों बंद कर रही हो? कम से कम तुम्हारा दिन तो निकल जायेगा और तुम पार्लर में जाना चालू करो।
फिर पापा ने कहा कि में थोड़ा-थोड़ा मेरा काम कर सकता हूँ और तुम्हें मेरे लिए पूरा दिन घर बैठने की ज़रूरत नहीं है और वैसे भी छोटू तो है ना। छोटू हमारा घर का नौकर है और वो एक बच्चा है। हम उसे स्कूल में भी भेजते है। फिर सब के समझाने के बाद माँ ने हाँ कह दिया और फिर थोड़े ही दिनों के बाद मेरी बहन भी अपने घर चली गई। अब घर में पापा, छोटू और माँ हम ही थे। में सुबह हमेशा जिम जाता था और जिम के सर मेरी मसाज करते थे। में एक हट्टा-कट्टा बॉडी वाला हूँ। मेरी माँ भी जल्दी उठती थी। माँ का नाम माला है और उसकी उम्र 50 साल है। वो थोड़ी मोटी, सुंदर और कामुक है। उसके बड़े-बड़े बूब्स और कूल्हों को देखकर तो कोई भी पागल हो जायेगा। मैंने नोटिस किया है कि जब पापा के दोस्त घर आते है तो वो भी माँ की गांड को बड़ी ही वासना की नज़र से देखते थे। वो उसकी हर हरकत को वासना की नज़र से देखते थे। शायद ये माँ को मालूम था, लेकिन माँ ने उनकी तरफ कभी ध्यान नहीं दिया था।
एक दिन में कपड़े बदल रहा था तो तभी मेरी माँ ने मुझे देख लिया, लेकिन मैंने उन्हें ऐसे दिखाया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है। फिर थोड़े ही दिनों के बाद मैंने माँ में अजीब सा परिवर्तन देखा, वो हमेशा मेरे नज़दीक आने लगी और मुझे किसी ना किसी बहाने से टच करने लगी। तभी वो बोली कि अरे तुझे तो मसाज़ की ज़रूरत है। तू दोपहर को मेरे पार्लर पर आ जा, अगर तू आ रहा है तो में पार्लर आज दोपहर को खुला रखती हूँ। फिर मैंने कुछ जवाब नहीं दिया और में कॉलेज चला गया। उन दिनों परीक्षा के दिन थे तो में कभी-कभी लेट या जल्दी आता था। फिर में रात को देर से घर आया और पापा ने कहा कि तू आज दोपहर को माँ के पार्लर पर क्यों नहीं गया? माँ तेरा इंतजार कर रही थी। मैंने कहा कि मुझे कुछ काम था। फिर पापा ने कहा कि माँ बोल रही थी कि तेरी बॉडी की मसाज़ करनी ज़रूरी है तो मैंने कहा कि मेरी मसाज़ जिम के सर करते है तो पापा ने कहा कि कोई बात नहीं इस बार तेरी माँ करेगी। तभी माँ आई और उसने कहा चल अब खाना खा ले और कल आ ही जाना, तो मैंने हाँ कहा।
फिर दूसरे दिन में 3 बजे माँ के पार्लर में गया। माँ ने कहा था कि शुक्रवार को आना क्योंकि लाईट कटौती की वजह से लाईट नहीं होती है इसलिए माँ कभी-कभी पार्लर शुक्रवार को शाम 7 बजे के बाद खोलती है। फिर में पार्लर में गया। पार्लर आगे से बंद था में जानता था कि पिछला दरवाजा खुला है। फिर में अंदर गया और माँ मेरा अंदर ही इंतजार कर रही थी। फिर माँ बोली चल अब अपने कपड़े उतार, फिर मैंने मेरा शर्ट निकाला, फिर बनियान निकाल दिया और मसाज़ बेंच पर बैठ गया। अब माँ भी उठी और बोली कि इतना क्या शरमा रहा है? अपनी पेंट तो उतार दे। फिर मैंने अपनी जीन्स उतारी और अब में अपनी चड्डी में था तो माँ फिर बोली कि अरे ये चड्डी तो उतार, क्या कर रहा है? मसाज के वक़्त ओपन और फ्री होना चाहिए। फिर मैंने मेरी चड्डी भी निकाली। अब माँ उठी और उसने काली फूलों की साड़ी पहनी थी। वो साड़ी पारदर्शी नहीं थी, फिर उसने अपनी साड़ी उतारी और अब वो मेरे सामने ब्लाउज और पेटीकोट में आ गई।
फिर मैंने कहा आज तुम्हारा मसाज गाउन कहाँ है? तो माँ ने कहा गाउन तो और के लिए होता है। मुझे तेरे सामने क्या शर्माना? फिर ऐसा कहकर उन्होंने अपनी साड़ी निकाल कर बाजू में फेंक दी। अब वो मेरे सामने पेटीकोट और ब्लाउज पहने थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स देखकर मेरा लंड चड्डी में ही मुझे परेशान करने लगा। फिर उसने मसाज का तेल अपने हाथों पर लगाया और मेरे हाथों की मसाज़ करने लगी। फिर उसने मेरा हाथ अपने कधों पर रखा, लेकिन मेरा ध्यान बीच-बीच में उसके बूब्स पर जा रहा था। वो उसे मालूम था। फिर बाद में उसने मुझे मसाज़ बेड पर लेटने को कहा। मसाज़ बेड थोड़ा ऊँचा था। फिर में लेट गया और वो मेरे सिर के पास खड़ी रही और तेल लेकर मेरी छाती पर लगाने लगी। अब तो उसके बूब्स मेरे सर के ऊपर ही थे, मेरा मुँह बार-बार उसके बूब्स पर लग रहा था। अब मेरा लंड पूरा खड़ा हुआ था और मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था।
अब में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, क्योंकि वो बिल्कुल ही मेरे सिर के पीछे खड़ी थी। उसके बड़े-बड़े बूब्स की वजह से में माँ का मुँह देख नहीं पा रहा था, लेकिन अब मेरा लंड 180 डिग्री में खड़ा हुआ था और उसकी वजह से मेरी चड्डी का शेप भी अजीब सा हो रहा था। अब मेरा लंड चड्डी से बाहर आने की कोशिश कर रहा था। शायद माँ को ये मालूम था तो माँ बोली कि चल अब अपनी छाती के बल सो जा और अपने हाथ बेड पर रख। वो अब भी वहीं खड़ी थी और मेरी पीठ की मसाज़ कर रही थी। अब तो मेरा मुँह माँ के बूब्स के बिल्कुल ही सामने ही था। माँ के बूब्स इतने बड़े थे कि वो भी ब्लाउज के बाहर आ रहे थे उनकी हर हरकत की वजह से ऐसा लग रहा था कि वो अभी ब्लाउज फाड़कर बाहर आ जायेंगे। अब मेरा मुँह भी माँ के बूब्स को टच कर रहा था। दोस्तों ये कहानी आप चोदन डॉट कॉम पर पड़ रहे है।