फिर मैंने दो लड़कों को दूसरी साइड भेज दिया और कहा कि जब महिला पुलिस वालीं कपड़े उतारकर लेटेंगी, तब उन सबको दोनों साइड से टॉर्च जलाकर शोर मचाकर डराना है. वो दोनों दूसरी साइड चलेंगे, तो इधर हम लोग रहेंगे.
योजना के मुताबिक़ हम सब अपनी जगह पर आ गए.
करीब 15 मिनट बाद कल की तरह वो कपड़े उतारकर नंगी हो गईं और साथ लाई चादरों पर लेट गईं.
बस यही समय था, जब हम डराकर पुरूष पुलिस वालों को भगा देना चाह रहे थे.
हम तीनों ने टॉर्च जलाकर शोर किया ‘कौन है … कौन है..’
इसी तरह हमारे दोनों साथियों ने दूसरी तरफ से शोर मचा दिया. उन लोगों को कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हुआ. उन्होंने सोचा कि गांव वाले आ गए हैं. पुरुष पुलिस वाले तो वहां से भागने लगे और महिला पुलिस वालीं अपने कपड़े उठाने को भागीं. जब हमने पुरुष पुलिस वालों को भागते देखा, तो हम लोग ये कहते हुए भागकर उस जगह आ गए कि सालों का वीडियो बना लिया है. लेकिन अँधेरे के कारण चेहरे साफ़ नहीं दिख रहे थे. बस अब इन लौंडियों को पकड़ो और गांव ले चलो.
ये सुनकर पुलिस वालों की गांड फट गई और वे भाग गए. मेरा प्लान सफल हो गया था. वे पुलिस वाले अब वापस आने से पहले दस बार सोचेंगे.
इसके बाद हमने देखा कि वहां महिला पुलिस वालीं जल्दी जल्दी अपने कपड़े पहनने की कोशिश कर रही थीं.
वो सब डरी हुई थीं. हमने जल्दी से 2 महिला पुलिस वालियों का हाथ पकड़ लिया और एक दूसरे को कहने लगे कि फोन करके गांव से लोग बुलाओ, इनको नंगी ही पंचायत में लेकर चलेंगे.
ये सब सुनकर वो बहुत डर गईं और कहने लगीं- हमको जाने दो.
इतनी देर में हमारे एक साथी ने उनके उतारे हुऐ कपड़े इकठ्ठा किया और दूर भाग गया. वो डर से और ठंड से कांप रही थीं. हम उन्हें लगातार गालियां दे रहे थे कि सालियों ने यहां गंदगी फैलाई हुई है … गश्ती हैं साली रंडियां.
वो ये सुनकर पूरी तरह से डर गई थीं.
चार बिना कपड़ों के थीं और एक ने कपड़े डाले हुऐ थे. वो सब हाथ जोड़कर कहने लगीं- हमारे कपड़े दे दो, हमें जाने दो … किसी को मत बुलाओ.
इतने में मेरा दोस्त अमित बोला कि एक शर्त पर जाने देंगे, जो तुम लोग उन पुलिस वालों के साथ करने आई थीं. वो हम लोगों के साथ करो, तब जाने देंगे … नहीं तो हम अभी गांव से और लोगों को बुला लाएंगे.
वो सब एक दूसरे का चेहरा देखने लगीं. उनके पास कोई और रास्ता नहीं था. वो मान गईं.
बस फिर क्या था, हमने आवाज लगा कर अपने उस साथी को भी बुला लिया और फिर हमने एक एक को उठाया और थोड़ी थोड़ी दूर ले गए. चादर बिछाकर उन्हें लिटा कर अपना लोअर उतारकर उनकी चुदाई शुरू कर दी.
कसम से ठंड में लंड चुत में क्या घुसा … हीटर का अहसास होने लगा था. थोड़े झटके लगाकर मैं एक पुलिस वाली के ऊपर से उठा और दूसरे साथी के पास जाकर उसे अपनी जगह भेज दिया. मैं खुद उसकी वाली पुलिस वाली को चोदने लगा.
हम पांचों लड़के उन पांचों पुलिस वालियों की चुत में ताबड़तोड़ लंड पेल रहे थे. अमित तो अपनी वाली को चोदते हुए कह रहा था कि साली ये पुलिस वालीं भी बड़ी मस्त चुदवाती हैं. उसके दूध तो देखो कितने कसे हुए हैं.
मैं बगल में ही चुदाई में लगा था. मैंने कहा- इसके भी बड़े मस्त दूध हैं, चल छेद बदल लेते हैं.
हम दोनों चुत बदल कर लंड पेलने लगे. अब तक वे पुलिस वालीं भी लंड से चुदने का मजा लेने लगी थीं.
मेरी वाली तो बेहद सीत्कार करते हुए कह रही थी- तेरा बहुत बड़ा है … मजा आ गया.
इस तरह उन पांचों पुलिस वालियों ने चुत चुदाई का मजा लिया और लंड की ताकत को सराहा.
उस दिन हम लड़कों बदल बदल कर पांचों पुलिस वालियों की चुत में लंड पेला और हम सबने अपना अपना पानी उनकी चुत में ही निकाल दिया.
चुदाई के बाद हम सब उन्हें उनके कपड़े देकर वहां से भाग गए. गांव के लौंडे अपने घरों में चले गए और मैं अपने टेंट में आकर सो गया.
हमारा मिशन कामयाब रहा. हमने अगले दिन भी महिला पुलिस के टेंट पर नजर रखी … लेकिन 3-4 दिन तक कोई खबर नहीं हाथ लगी.
एक दिन रात को महिला पुलिस के टेंट के सामने एक पुलिस जीप 3 पुलिस वालियों को 8 बजे ले गई और रात 11 बजे उन्हें वापिस छोड़ गई. शायद इस बार वे किसी बड़े पुलिस अफसर से चुदवाने गई होंगी.
फिर एक दिन हमारे साथी ने बताया कि अब चुदाई सड़क पार वाले खेतों में होती है.