खेल खेल में भाग 1

हां चलो…..बहुत मज़ा आएगा……देखते हैं बचपन का खेल अब खेलने
मैं कैसा लगता है……ठीक है…..तुम मम्मी …मैं डॅडी……

और हमारे बच्चे…? उसने हंसते हुए पूछा….

अरे हां….बच्चा तो कोई भी नहीं..है….तो फिर तो हम केवल पति
–पत्नी हुए ना अभी…..ना की मम्मी-डॅडी.

वो खुस हुई….हां ये ठीक है…..पति-पत्नी. आप मेरे पति और मैं
आपकी पत्नी. और आज हम पूरे घर के अंदर ये खेलेंगे…ना की किसी
कोने मैं…..

ओके….मैने कहा.

और हम पति-पत्नी की तरह आक्टिंग करने लगे. खेल सुरू हो गया. मैं
फिर उसकी खूबसूरती के जादू मैं डूबने लगा. मेरे शरीर मैं एक
खुशनुमा मादकता च्चाने लगी. उसके बदन को छूने …देखने के बहाने
मैं ढूँढने लगा. जैसे वो किचन मैं चाइ बनाने लगी…तो मैं
चुपके से पीछे पहुँच गया….और उसके बम्स पर एक चिकोटी काटी. वो
उच्छली…ऊऊ….क्या कर रहे हैं आप…..

अपनी खूबसूरत बीबी से छेड़ छाड़…..मैने मुस्कुराते हुए कहा.

वो वाक़ई मैं बेलन लेकर झूठ-मूठ मरने के लिए मेरे पीछे
आई….मैं दूसरे कमरे मैं भगा….उसने एक मारा भी…..

आआहह….तुम तो मारने वाली बीबी हो…..मैने शिकायत भरे स्वर मैं
कहा……देखना जो मेरी असली बीवी होगी ना….वो मुझसे पागलों की तरह
प्यार करेगी.

और आप….? आप उसे कितना प्यार करोगे….?

मैं…..आपने से भी ज़्यादा……दुनिया उसके कदमों मे रख दूँगा मैं…..

साच…? वो कितनी लकी होगी…..अच्छा आप उसे किस तरह पुकरूगे…?

मैं उसे हमेशा डार्लिंग कहूँगा…..

तो आज के लिए मुझे भी कहो ना….

ओके…..तो मेरी डार्लिंग बबली…..ये बेलन वापस रखो…..और नाश्ता
दो…..मुझे ऑफीस भी जाना है….

ओह…..हां अभी देती हूँ…..आप ऑफीस के लिए त्यार हो जाओ…

वो जैसे ही जाने लगी…मैने कहा एक मिनिट. वो रुकी. मैं आगे बड़ा ,
अचानक मैने उसे आपनी बाहों मैं उठा लिया…और ले चला….

आआहह….ऊओह…आप क्या कर रहे हैं……ऊओ..हह..और वो खिलखिलाई.

अपनी सुंदर सेक्सी पत्नी..को मैं ऐसे ही भाहों मैं उठा रखूँगा …..
डार्लिंग! मैने उसे उठा कर किचन तक ले गया….जिस्मों की ये पहली
मुलाकात बड़ी असरदायक थी. उसके दूधिया बूब्स की एक छोटी सी झलक
मिली जो उसने मुझे वहाँ पर देखते हुए देखा भी. झंघाओं का वो
स्पर्श…जब मैं उसे उठाए हुए था….धीरे धीरे उसके जिस्म से मेरी
छेड़ चाड बादने लगी. एक दो बार मैने उसे बाहों मैं भी भरा. वो
थोडा शरमाई भी..ज़्यादा नहीं…हल्की सी सुर्ख लाली …..गालों पर.

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चलो आब ऑफीस जाओ…बहुत नटखट है ये मेरा पति…..सिर्फ़ शैतानिया
ही सुझति हैं आपको….वो बोली.

मैं झूठ-मूठ ऑफीस जाने का नाटक करने लगा (ये इस खेल का एक हिस्सा
होता था). ऑफीस जाने से पहले….मैं फिर उसके सामने खड़ा हो गया.

अब क्या है…..?

उसके कान मैं मैने कहा…….एक किस…..डार्लिंग, जो हर बीवी आपने पति
को ऑफीस जाने से पहले देती है.

और ये कहकर मैने उसे बाहों मैं भर लिया. वो
कसमसाई….छ्चोड़िए….क्या कर रहे हैं….बट अब मेरे होंठों ने….अपनी
प्यास भुझा ने की ठान ली थी. मैने उसे कसते हुए एक चुंबन उसके
दाहिने गाल पर जाड दिया…..सुंदर मदहोश कर देने वाला एक लंबा सा
किस. फिर उसे एक भरपूर नजऱ से देखा……उसके खूबसूरत चेहरे
को…दोनो मुस्कुराए…या मुस्कुराने की कोशिश की…..और फिर एक उनपेक्षित
चुंबन मैने उसके होंठो पर रख दिया. इस चुंबन ने जादू सा
किया. इसका प्रभाव ये हुआ की मेरे उठते हुए काम लंड ने इस चुंबन के
असर मैं आकर उसकी पेल्विस मैं एक चुभन दे डाली.ठीक वहीं
जहाँ…कुदरत ने उसका कर्म क्षेत्र बनाया है.

मैने एक बार उसके होंठ छोड़ दिए….कहा….तुम बहुत सुंदर हो
बबली….तुम जैसी ही बीवी तो चाहिए मुझे….. कितना सुंदर बदन है
तुम्हारा…..और एक बार फिर मैं उसके होंठ पीने लगा. एक लंबे
चुंबन के बाद….. उसने साथ नहीं दिया था…….मैने
पूछा….बबली….बुरा तो नहीं लगा?

नहीं…बिल्कुल नहीं…..आप तो किस करने मैं माहिर हैं!…. .वो नज़र
झुकाए ही बोली.

तो फिर तुमने क्यों नहीं किस किया मुझे…..?

मुझे नहीं आता …… आप सिख़ाओगे? अच्छा पर अभी आप ऑफीस जाओ……. वो
मुझे धक्का देने लगी.

अच्छा बाबा…जाता हूँ …..मैं हंसते हुए बोला.

मेरे लिए ऑफीस से वापस आते हुए क्या लाओगे…..?

एक गरमागरम किस…..

मारूंगी हां…..वो बनावटी गुस्से से बोली…..

मैं जाते हुए बोला…..अक्चा अक्च्छा मैं लाओंगा…..

थोड़ी देर के लिए मैं घर से बाहर गया. ऐसे ही नाटक करते हुए
मैं वापस भी आ गया. वो बेडरूम मैं थी. मैं चुपके से दूसरे
कमरे गया. उसके लिए मैने जो बीच ब्रा और जी-स्ट्रिंग पॅंटी खरीदी
थी वो पॅकेट निकाला……इन कपड़ों को चूमा. फिर जैसे की ऑफीस से
वापस आ गया……वापस बेडरूम मैं आ गया, जहाँ वो लेटी थी.

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फिर यूँ ही खेल के कुछ और हिस्से चले…..फिर शाम भी हुई ….घूमने
गये….एसा करते करते हमारे खेल मैं रात आई…

इस खेल के डिन्नर के बाद…..? जब हमै रात मैं एक साथ सोना
था…उस समय उसने पूछा ….मेरे लिए क्या लाए…?

मैने पॅकेट उसके हाथ मैं दिया……देखो…..

क्या है….. वो ब्रा और पॅंटी निकालते हुए बोली……

वाउ….कितनी सुंदर है ये…..पर ये तो बहुत छोटी छोटी हैं…….

ब्रा और पॅंटी कोई बड़ी बड़ी होती हैं क्या…? मैं तो अपनी बीवी को ऐसी
ही पहनाओंगा….

पहनकर तो देखो…..

ओके….देखती हूँ…सच आप वाक़ई अच्छे पति हो आपको याद था की मुझे
ब्रा पहनना बहुत पसंद है? थॅंक यू…

थॅंक यू से काम नहीं चलेगा….पहनकर दिखना पड़ेगा……मैं भी तो
देखूं 34-18-35 के खूबसूरत जिस्म पर ये कैसे सुंदर लगते हैं….!

धात…स्ष…मैं कोई इन कपड़ों मैं आपके सामने आओंगी…?

क्यों भाई पति से शरमाओगी क्या? तो फिर दिखओगि किसे …डार्लिंग?
प्लीआसस्स्सीए! दिखाओ ना!

आच्छा ठीक है पर दूर से देखना पास ना आना. ओके?

ठीक है बाबा…तुम जाओ तो सही!

और ये क्या है…ये मेरा अंडरवेर है…..मैने आपना जॉकी उसके हाथ से
लेते हुए कहा….

वो दूसरे कमरे मैं चली गई…….मैने बिजली की फुरती से अपने कपड़े
निकाले और सिर्फ़ वो नया जॉकी का अंडरवेर पहन लिया….और मिरर के
सामने देखने लगा. जैसे की देख रहा हूँ कि ये अंडरवेर कैसा लगता
है. अंडरवेर बहुत सेक्सी था.फ्रंट मैं सिर्फ़ लंड को कवर करता
था.बाकी उस्मै बॉल तक सारे दिख रहे थे.

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