कमसीन गर्लफ्रेंड की वर्जिन छूट फड़ दी

फिर मैं झटपट टायलेट कर के अनिता के पास गया और उसे देख कर हंसने लगा.
तो वह बोली- क्या हुआ? बहुत देर लगा दी?
मैंने कहा- तुम्हारे लिए इंतजाम करने गया था.

वो कुछ समझी नहीं.
मैंने बोला- थोड़ी देर में समझ जाओगी.
फिर मैंने उसे पकड़ा और उसे अपने गोद में बैठा दिया और उसे किस करते हुए उसके कपड़े उतारने लगा.
तो वो बोली- कोई आ जाएगा.

मैंने उसे सारी बात बताई तो वह खुश हो गई और अपने कपड़े हटाने में मेरी मदद करने लगी। मैं उसे चूस रहा था, अपने दांतों से काट रहा था.

धीरे-धीरे मैंने नीचे से उसकी सलवार हटायी तो वह मेरा हाथ पकड़ कर रोकने लगी. फिर मैं उसके दोनों हाथ को पकड़ कर अपने लन्ड को जबरदस्ती उसकी चूत में घुसाने लगा.
पहले तो उसने रोकने की कोशिश बहुत की लेकिन जब वह समझ गई कि कोई फायदा नहीं है तो वह भी मेरा साथ देने लगी. वह अपने पैर थोड़ा और फैलाकर बैठ गई.

मैंने किसी तरह उसे चोदने की कोशिश की लेकिन जब नहीं हो पाया तो हम वहां से निकल पड़े।

बाहर निकलने के बाद अनिता ने बताया कि उसके घर वाले बाहर गये हुए हैं.
तो मैंने कहा- चलो घर!
उसने कहा- छोटा भाई है घर पर, आज नहीं हो सकता. कल हम दोनों आफिस नहीं जायेंगे, आप काली घाट आ जाना. मैं वहां से आपको अपने घर ले चलूंगी.

तो मैंने उसके कहे अनुसार अगले दिन काली घाट पहुंच गया मेट्रो से और उसका इन्तज़ार करने लगा. वो झटपट आई और मेरे गले लग गई.
मैंने उसे कहा- रूक जाओ, मुझे कुछ काम है.
मैं मेडिकल स्टोर में गया और जाकर एक पैकेट कंडोम ले लिया और एक डायरी मिल्क चाकलेट भी ले लिया. आखिर चूत चटाई भी तो करनी थी ना!

हम वहां से निकल पड़े।
पहले मैंने उसे कहा कि पूछ लो तुम्हारा भाई कहां है.
तो उसने उसे काल किया तो वह घर पर ही था.
मैंने कहा- उसे कुछ पैसे दे दो और कहो कि खेलने चला जाये. और आने से पहले तुम्हें काल कर ले कि तुम घर में हो या नहीं!

और कहानिया   रंडी बनके चुद गयी कोटे पर

वो घर गयी और अपने भाई को पैसे दिए. पैसे मिलते ही उसका भाई खुशी से झूम उठा और खेलने चला गया.

वो किसी तरह मुझे छुपते-छुपाते अपने घर तक ले गई और जाते ही मैंने पहले खुद से ही गेट लाक करके अपने जूते और मोजे उतार कर अलग साइड में रख दिये. उसके बाद मैंने अनिता को कस के पकड़ कर अपनी तरफ खींचा और उसे चूमने लगा और उसकी चूचियों को कस-कस के दबाने लगा.

इस पर वह बोली- दर्द हो रहा है.
तो मैंने कहा- शुरुआत में थोड़ा दर्द होगा.

वह बर्दाश्त कर गई और इस बात का फायदा उठाते हुए मैंने थोड़ा और जोर से उसकी चूचियों को गूथने लगा. फिर मैंने उसके सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे उतार कर एक साइड में फेंका और उसकी चूत पर एक जबरदस्त चुम्बन जड़ते हुए उसकी चूत चटाई शुरू की.

शुरुआत में तो वह एकदम शांत थी लेकिन दो-चार मिनट के बाद ही वह अजीब-अजीब आवाजें निकाल रही थी- उम्म याह उम्म याह ओह इइइइइ आईईईई ओ मां!
और मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर पूरी ताकत से दबाने लगी.

मैं भी और मजे से चूस-चूस कर उसकी चूत को चाट रहा था.
सच में दोस्तो … जो मजा चूत चटाई में है वो किसी और चीज में नहीं।

बीच-बीच में मैं उसकी चूत चटाई को छोड़ कर उसके चूत के दानों को हाथ से सहला रहा था और कभी कभी तो अपनी अंगुलियों को अन्दर बाहर कर रहा था. काफी देर तक चूत चाटने और अंगुली करने की वजह से अनिता कांपते हुए अपने कामरस की वर्षा कर गई जिसे मैं अमृत की तरह पीता चला गया.

अनिता ने सोचा कि शायद अब मैं छोड़ दूँगा. लेकिन मैंने उसे फिर भी नहीं छोड़ा।
कुछ देर तक और चूत चाटने के बाद अनिता कहने लगी- मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है. या तो आप करो नहीं तो मैं कुछ कर लूंगी.

फिर मैंने अपनी पैंट उतारी और साइड में रख दी.
मैंने उसे कहा- लो खुद से ही इसे बाहर निकालो.
एक अच्छी लड़की की तरह उसने वैसा ही किया.

और कहानिया   स्कूल का प्यार और पहली चुदाई

और जैसे ही उसने मेरा अंडरवियर खोल कर अलग किया, वह टूट पड़ी मेरे लौड़े पर और आईसक्रीम की तरह चूसने लगी. जो मुझे और पागल बनाने लगी.
कुछ देर तक तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा लेकिन कुछ देर बाद मैंने उसे रोक दिया क्योंकि मैं आज ऐसे ही ठंडा नहीं होना चाहता था.

जब वह रूकी तो उसने मुझे गुस्से से देखा और पूछने लगी- अब क्या हुआ आपको?
तो मैं पहले हंसा और अपनी तरफ खींच कर उसके पूरे बदन पर कुत्ते की तरह चूमने और चाटने लगा जो कि उसे बहुत अच्छा लगा.

उसके बाद जब मुझे आभास हो गया कि अनिता पूरी तरह से गर्म हो चुकी है तो मैंने फिर से उसकी चूत चाटी और अपने लन्ड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा.

कुछ देर चूत पर रगड़ने के बाद अनिता मेरे लन्ड को पकड़ कर खुद ही घुसेड़ने लगी. लेकिन मैंने उसे घुसाने नहीं दिया.
तो उसने मुझे गुस्से में छाती पर दांतों से काट दिया. मुझे बहुत जलन हुई, मैंने खुद को संभाला.

और उसके बाद
मैं उठा और पूरी ताकत से अपने लंड को पकड़ कर उसकी चूत में डालने लगा. लेकिन लंड उसकी चूत में नहीं गया.
तो मैंने फिर दूसरी बार फिर उसी तरह से घुसा दिया.

वो पहले तो वो जोर से चीखी- आइइइ इइइइइ … इइउइइ इइइ … आह हहह हहह … आहआहहहह हहह!

उसे मेरी इस हरकत से काफी दर्द हुआ जिससे मुझे सुकून मिल रहा था.

साथ ही में मैं उसके होंठ चूसने लगा और इसी अवस्था में लंड थोड़ा सा बाहर निकाल कर एक जोरदार धक्का मारा. तो जैसे वो एकदम से अपनी सुधबुध खो बैठी और शान्त पड़ी रही।

उसकी चूत अंदर से जल रही थी; लग रहा था जैसे लिंग को आग के शोलों में डाल दिया हो।

पहले ही धक्के से उसकी सील टूट गयी; उसका पूरा शरीर धक्के के साथ ही तन के टाइट हो गया। उसके चेहरे से उसके दर्द का साफ अंदाजा लग रहा था.

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.