मैं हैरान होता अलग हुवा तो रमेश भी उसकी चुचियों से मुँह हटा बोला, “क्या हुवा सपना?” “ओह्ह भाय्या आपके दोस्त तो बिल्कुल बुद्धू हैं. इनको तो लड़की को मज़ा देना आता ही नही. ना तो यह चुचियों को ही चूसना जानते है और ना ही चूत को चाटना. इतनी देर से चाट रहेहै पर ज़रा भी मज़ा नही आया. जाओ मैं नही चटवाउन्गि इनसे.” मैने घबराकर अपने दोस्त को देखा तो वह अपनी बहन से बोला, “अरे मेरी प्यारी बहन इसे मैं सीखा दूँगा. इसे सिखाने के लिए ही तो यहाँ लाया हूँ वरना यह अपनी बहन को मज़ा ना दे रहा होता. आज सीख कर जाएगा तू कल अपनी बहन को सिखाने लाएगा फिर यह भी हमारी तरह घर पर खेला करेगा.” इतना कह वह अपनी बहन की चूत के पास आया और बोला, “देखो मैं चाट रहा हूँ फिर ऐसे ही तुम चाटना.” उसने एक हाथ से सपना की चूत की दोनो फाँक खोली और अपनी जीभ को चूत मैं अंदर बाहर करते चूस-चूस कर चाटने लगा. कुच्छ देर मैं ही सपना हाए हाए करने लगी तू वा अलग होता बोला, “लो अब तुम इसी तरह चॅटो.” फिर मैने भी उसी तरह उसकी चूत मैं अपनी जीभ पेल-पेल कर चाटना शुरू किया तू थोरी देर मैं ही सपना सिसकिया लेने लगी. अब वह अपनी गांद को तेज़ी से ऊपर उच्छाल रही थी और बुदबुदा रही थी, “हां हाए ऐसे ही चॅटो और चॅटो मेरा निकलने वाला है.” 3- 4 मिनिट चॅटा था कि उसकी चूत ने मेरे मुँह पर अपना नमकीन पानी फेंकना शुरू कर दिया.. जीभ मैं नमकीन स्वाद लगा तो मैं और तेज़ी से चाटने लगा. एक मिनिट बाद वह ठंडी पड़ गयी तो मैं अलग हुवा. रमेश अपनी बहन की हालत देख बोला, “सपना क्या हुवा मेरी जान?” “ओह्ह भाय्या मज़ा आ गया. यह तो एक बार मैं ही सीख गये. ओह्ह भाय्या अब ज़रा इनका दिखाइए तो.. देखें कैसा है इनका.” उसकी बात सुन बोला, “यार अब तू भी कपड़े अलग कर नंगा हो जा और अपना लंड दिखा मेरी बहन को.” मैं हिचकिचाया तो वह बोली, “ओह्ह भाय्या यह तो शरमाते हैं. चलो कोई बात नही आप ही आओ.” उसकी बात सुन मैने जल्दी से अपने कपड़े अलग कर दिए तो वह मेरे लंड को देख खुश होते बोली, “उउंम हाए देखने मैं तो साइज़ बड़ा लग रहा है. देखे चोदने मैं कैसा है.” वह आगे आई और मेरे लंड को पकड़ लिया. पहली बार किसी लड़की ने लंड को टच किया था. लंड तेज़ी से झटके लेने लगा तो उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और खुद मेरी कमर के पास बैठ गयी और फिर मेरे लंड को अपने मुँह मैं लेकर चाटने लगी. मैं उसकी इस हरकत पर मर मिटा. मैं लंड चटवाने के अनोखे मज़े को ले रहा था. रमेश अब पिछे से अपनी बहन की चूत चाट रहा था. कुच्छ देर तक चाटने के बाद बोली, “ओह्ह भाय्या अब चुदवा दो अपने दोस्त के प्यारे लंड से.” इतना कह वह चित हो लेट गयी तो रमेश बोला, “देखो मैं जैसे बताउ वैसे ही तुम डालना.” फिर वह अपनी बहन के ऊपर आया और अपने लंड को उसकी चूत पर लगाया फिर दोनो चुचियों को अपनी मुट्ही मैं भर लंड को दबाने लगा.. लंड धीरे-धीरे अंदर घुसने लगा. ज़रा सी देर मैं पूरा चला गया तो वह दोनो चुचियों को दबाते धक्के लगाने लगा. दो मिनिट बाद अपने लंड को बाहर कर बोला, “लो आओ अब तुम चोदो.” उसके बताए तरीके से मैने लंड को उसकी बहन की चूत मैं डाला. मेरा लंड कुच्छ कसा-कसा गया था. वह मेरे लंड को अपनी चूत मैं लेने के बाद बोली, “भाय्या इनका तो आपसे ज़्यादा लंबा और मोटा है. हल्का-हल्का दर्द हो रहा है जबकि आपका घुसता है तो ज़रा भी पता नही चलता. भाय्या अब आप इनको रोज़ लाइएएगा.” “ठीक है मेरी जान. मेरा छ्होटा है इसलिए इसकी कुँवारी बहन मैं कसा जाएगा. अब तू चुदवा ले मेरे दोस्त के मोटे लंबे और ताज़े लंड से.” फिर मैने अपने दोस्त की बहन की चुदाई शुरू कर दी. वह आअहह ऊओह हाए हाए करने लगी. 2-3 मिनिट तक रमेश अपनी बहन की चुदती चूत को देखता रहा फिर उठकर उसके मुँह के पास गया और अपने लंड को उसके मुँह मैं घुसेर दिया तो वह अपने भाई के लंड को चूसने चाटने लगी. 2 मिनिट बाद रमेश का झरने लगा. वह अपने लंड के पानी को उसकी चुचियों पर गिरा रहा था. मैं अभी चोद रहा था. रमेश झारकर सुस्त हो उसके बगल मैं लेट गया. 10 मिनिट की चुदाई के बाद मैं हाए हाए करते बोला, “ओह्ह सपना मेरा भी अब झरने वाला है.” मेरी बात सुन वह जल्दी से उठी और अपनी चूत से मेरे लंड को बाहर निकाल उसे अपने मुँह मैं लेती बोली, “झरो मेरे मुँह मैं हाए तुम्हारे पहले पानी को पीना है मुझे.” अगले ही पल तेज़ शॉट के साथ मैं झरने लगा. मेरे लंड का गाढ़ा पानी उसके मुँह मैं गिरने लगा जिसे वह पीती गयी. झरने के बाद उसने लंड को फिर मुँह मैं ले लिया और चाटकार सॉफ किया. रमेश पास मैं लेटा हम दोनो को देख रहा था. झरने के बाद हम लोग बेड पर ही लेटकर सुस्ताने लगे. 15 मिनिट बाद हम लोगो ने अपने कपड़े पहने और सपना बाहर चली गयी. 5 मिनिट बाद वह 3 गिलास दूध लेकर वापस आई. दूध पीते हुवे वह मुझसे बोली, “आप तो बहुत अच्छे चुदक्कर हैं. आपसे आपकी बहन बहुत खुश रहेगी. आप रोज़ आईएएगा. भाय्या ना हो तो भी.” “हां मेरी जान अब तो तुम्हारे बिन रहा नही जाएगा.” “आप अब अपनी बहन को भी चोदियेगा. कभी कुच्छ किया है कंचन के साथ.” “न्न्न नही.” “ओह्ह तू आप कैसे करिएगा. खैर कोई बात नही मेरे भाय्या आपकी बहन को पटाकर चोदेन्गे फिर आप भी उसको चोदियेगा.” फिर मैं अपनी बहन को अपने दोस्त को देने का वादा कर अपने घर वापस आया.. अब मैं बहुत खुश था. पहली बार किसीलड़की को चोदा था वह भी इतनी खूबसूरत और जवान कि क्या बताएँ. घर आकर अपनी जवान 17 साल की छ्होटी बहन कंचन को देखा तो आज वह मुझे बहुत खूसूरत लगी. इसकी चुचियाँ तो सपना की चुचियों से ज़्यादा टाइट और बड़ी लग रही थी.