कामवाली बाई को बनाया घरवाली

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम आकाश है और मेरी उम्र 18 साल है में बहुत अच्छा दिखने वाला और स्टाइलिश लड़का हूँ और मेरा लंड 7 इंच का है। मेरी एक कामवाली है, जिसकी उम्र 28 साल है और उसका नाम रेशमा है और वो दिखने में बहुत ही सेक्सी माल है, वो हमारी सोसाईटी के पास वाली झोपड़पट्टी में रहती है, वो हमारे यहाँ पर पिछले पांच महीने से काम पर है और वो दिखने में बहुत ही हॉट सेक्सी है, उसको देखकर नहीं लगता कि वो एक शादीशुदा औरत है, वो दिखने में बिल्कुल कुंवारी लड़की की तरह लगती है और उसका वो सेक्सी बदन झूलते हुए बूब्स मटकती हुई गांड मुझे हमेशा ही उसकी तरफ आकर्षित करते है।

दोस्तों उसकी वो साड़ी पहनने की स्टाईल भी बहुत सेक्सी है और उसे देखकर तो किसी का भी लंड खड़ा हो जाए, वो कुछ ऐसी ही है कि उसकी साड़ी एकदम कसी हुई हमेशा नाभि से नीचे रहती है, जिसकी वजह से उसकी वो सेक्सी कमर उस पर वो गहरी नाभि हर किसी को अपनी तरफ झुकने पर बेबस करती है और उसकी वो चोली भी थोड़ी छोटी होती है, उसकी कमर पर एक चैन, हाथ में हरे कलर की चूड़ियां आधा दिखता ब्रा, आगे बिखरे हुए बाल उसके बूब्स पर से हमेशा लहराते है, उसको इस तरह सजाधजा देखकर मुझे ऐसा लगता था कि वो हर रोज दस लोगों के साथ सेक्स करती होंगी और उसकी चूत अब तक फट चुकी होगी।

दोस्तों में अब आप सभी antarvasna के चाहने वालों को और ज्यादा बोर ना करते हुए सीधा अपनी आज की सच्ची घटना जिसमें मैंने मेरी कामवाली बाई को चोदकर अपनी घरवाली बनाया, सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों जब मैंने पहली बार उसकी चूत को देखा तो में देखता ही रह गया, क्योंकि मैंने उसके रहने के तरीके को देखकर गलत अंदाजा लगा लिया था और जब उसकी प्यासी छोटी सी कुंवारी चूत को देखा तो में उसे घूर घूरकर कुछ देर देखता ही रहा और मुझे बिल्कुल भी विश्वास नहीं हुआ कि उसकी चूत क्या ऐसी भी हो सकती है? दोस्तों में उम्मीद करता हूँ कि यह मेरी अपनी सच्ची चुदाई की घटना आप सभी लोगों को जरुर पसंद आएगी और अब में उस घटना को थोड़ा विस्तार से सुनाता हूँ।

दोस्तों उसको पहली बार देखकर ही में उसका दीवाना हो गया और मन ही मन उसे चोदने बूब्स को चूसने दबाने के बारे में विचार करने लगा और मुझे अब कैसे भी करके उसकी चूत को एक बार जरुर अपने लंड का मज़ा देना था। दोस्तों मेरे परिवार में मेरी बहन, में और सिर्फ़ मेरी माँ है, मेरे पापा की कुछ समय पहले म्रत्यु हो गयी है, इसलिए अब घर में हम तीन ही लोग रहते है, मेरी माँ हर रोज सुबह जल्दी उठकर करीब दस बजे सबसे पहले अपने ऑफिस चली जाती है और उसके बाद मेरी दीदी हमेशा अपनी पढ़ाई के लिए कभी अपने कॉलेज तो कभी अपनी दोस्तों के घर पर, लेकिन हमारे घर से हमेशा पूरा दिन बाहर रहती है और में भी हमेशा अपने दोस्तों के साथ इधर उधर भटकता रहता हूँ, इसलिए घर पर कोई नहीं रहता, लेकिन दोस्तों जैसे ही जिस दिन से रेशमा हमारे घर पर काम करने आई, वैसे ही मैंने बिना किसी काम के बाहर आना जाना बंद कर दिया, यहाँ तक कि अगर कोई मुझे काम भी बताता तो भी में बहुत मुश्किल से अपने घर से बाहर निकलता।

और कहानिया   रूचि की चुत कभी संतुस्ट नहीं होता

दोस्तों वो भी बस उसी टाईम पर मेरे पास आती थी, जब मेरी माँ और मेरी दीदी घर पर ना हो और उसके पास हमेशा हमारे घर की एक दूसरी चाबी रहती थी, जिससे वो घर के अंदर आकर अपना सारा काम खत्म करके बिना किसी से कुछ कहे चली जाती थी। एक दिन में मेरे रूम से किचन की तरफ देख रहा था तो मुझे उसकी गांड और लटकते हुए बूब्स दिखाई दिए। उस समय वो झाड़ू लगा रही थी और में अपने बेड पर पड़े पड़े उसके मज़े ले रहा था।

फिर मेरे दिमाग में ना जाने कहाँ से एक विचार आ गया और अब मैंने अपने मोबाईल में उसकी वीडियो और कुछ फोटो निकलवाकर उसे देख देखकर में मुठ मारता था और ऐसा पूरे तीन महीने से हो रहा था, लेकिन मुझमें ज्यादा हिम्मत नहीं थी कि में उसको जाकर पकड़ लूँ। एक बार में दोस्तों के साथ गांजा पीकर अपने घर पर लोटा। उस दिन मैंने बहुत नशा किया हुआ था। मैंने घर पर आते समय नशे में एक प्लान बनाया कि मुझे आज कैसे भी करके रेशमा को चोदना ही है। में अपने घर पर पहुंच गया और दरवाजा खोला अंदर गया और अब में रेशमा को याद करके मुठ मारने लगा, रेशमा उह्ह्ह्ह रेशमा कहकर, लेकिन में गांजे के नशे में बिल्कुल भूल गया था कि मुझे बाथरूम का दरवाजा भी बंद करना था और मुझे जब उसे बंद करने के बारे में याद आया तो में दरवाजा बंद करने लगा।

फिर मैंने देखा कि वहां पर रेशमा मुझे छुपकर देख रही थी। जैसे ही उसने मुझे और मैंने उसे देखा तो वो तुरंत शरमाकर भागकर चली गई, क्योंकि में उसके सामने बिल्कुल नंगा था। फिर नहाने के बाद जब मुझे नशे का असर थोड़ा कम हो गया, तब मुझे एक बात सोचकर घबराहट और बैचेनी होने लगी कि में जब मुठ मारते वक़्त रेशमा रेशमा कह रहा था, तब उसने मुझे देख लिया था और अब वो मेरे घर से अपना काम छोड़ देगी तो मेरा उसको चोदने का सपना कभी पूरा नहीं होगा। फिर मैंने टावल पहना और वो तब किचन में जाकर मेरे लिए चाय बना रही थी।

और कहानिया   मेरी शादी – 2

किचन के सामने से गुजरते वक़्त मैंने उसे देखा तो वो किचन के फर्श पर अपनी गांड लगाकर मेरी तरफ़ देख रही थी, उसकी नज़र मुझ पर ऐसी थी कि जैसे वो मेरी रंडी हो। फिर में अपने रूम में चला गया, तब तक वो भी मेरे लिए चाय लेकर रूम में आ गई और फिर वो मुझसे बोली कि यह लो आकाश चाय, तो मैंने कहा कि सामने टेबल पर रख दो और तुम मेरा बेड साफ कर दो। अब वो मेरे कहते ही तुरंत मेरा बेड साफ करने लगी थी। में तैयार हो रहा था तो में कांच से उसको अपना बेड साफ करते वक़्त उसकी गांड, बूब्स को देख रहा था, अभी भी में टावल में खड़ा हुआ था और उसके सेक्सी गदराए बदन को देखकर मेरा लंड अब खड़ा हो चुका था, तभी अचानक मेरा टावल नीचे गिर गया और में पूरा नंगा हो गया।

तभी रेशमा ने मुझे देख लिया कि मेरा लंड तनकर खड़ा हुआ है, में थोड़ा घबरा गया और टावल को उठाने के लिए थोड़ा नीचे झुक गया। तभी उसने मस्ती में आकर मेरा टावल पकड़कर खींच लिया तो मैंने उससे कहा कि यह सब क्या है रेशमा? प्लीज तुम मुझे मेरा टावल दे दो। फिर उसने मुझसे कहा कि तुम अभी तक बच्चे हो, इसीलिये मैंने आपका टावल खींचा और वो हंसते हुए शरमाकर चली गई। फिर मैंने फ़टाफट अपने कपड़े पहने और में भी तुरंत किचन के पास चला गया, वो किचन से बाहर खिड़की के पास खड़ी हुई थी। वो वहां पर खड़ी होकर चाय पी रही थी। फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके धीरे धीरे उसके पीछे चला गया और मैंने उसकी गांड को पीछे से कसकर पकड़ लिया।

Pages: 1 2 3 4 5

Leave a Reply

Your email address will not be published.