जीजू की कंजूसी और दीदी की चुत जुसी

ही फ्रेंड्स, ये स्टोरी मेरे एक रीडर अमित ने शेर की हैं, जिसे मे यहा नॅरेट कर रहा हौं

ही फ्रेंड्स आज की स्टोरी को शुरू करते हैं अमित की ज़ुबानी. हेलो रीडर्स, मेरा नाम अमित हैं, और मैं महाराष्ट्रा से बिलॉंग करता हूँ.

ये स्टोरी शुरू होती हैं ट्रेन के सफ़र से.

मे ट्रेन से बंगलोरे जा रहा था. मेरे जीजू और दी ने मूज़े अपने वाकेशन्स मे वाहा बुलाया था. मे बहुत एग्ज़ाइटेड था, क्यूंकी दी से मैं बहुत टाइम के बाद फेस तो फेस मिल रहा था. वीडियो कॉल से तो रेग्युलर बात होती रहती थी, पर पर्सनल मिलना काफ़ी समय के बाद हो रहा था, क्यूंकी जीजू की जॉब दूर जो थी.

मे तोड़ा अपने परिवार के बारे मे बता दूं तो हम 5 लोगो की फॅमिली हैं. पापा जो की एक कंपनी में सेल्स मॅनेजर हैं, मों भी टीचर की जॉब मैं हैं, उसके बाद रिया दी, जो मुजसे करीब 3 साल बड़ी हैं, और मुझसे 3 साल छोटी सिस्टर खुशी.

ट्रेन मे रास्ता लंबा था, करीबन 2 दीनो का. मैं मोबाइल मे मूवीस, सीरीस वगेरह देख के टाइम पास कर रहा था. अब एक इंसान कितना मोबाइल देखे? मे बोर होने लगा. मैं तोड़ा शाइ किसाम का लड़का हूँ, अपने काम से ही काम रखनेवाला.

शायद इस लिए तो मेरी कॉलेज मे कोई गफ़ नही रही, पर मेरे मार्क्स ज़रूर आचे थे. मे ट्रेन मे उपर की सीट पे बेता हुआ था, और व्हातसपप देख रहा था. स्क्रोल करते हुए मेरी नज़र अनु दी के स्टेटस पे पड़ी, जहा पे उनकी कॉलेज फ्रेंड सीमा दी की बर्तडे विश करते हुए उनकी कॉलेज डेज़ की फोटो पोस्ट की हुई थी.

उसे देखकर मे पुरानी यादो में खो गया. अनु दी उस टाइम कॉलेज मे थी और मेरा 12त चल रहा था. दीदी से मेरी अची बनती थी, जैसे की हम भाई बेहन ना होकर फ्रेंड्स थे. मे जितना दूसरो से शाइ फील करता था, उतना ही दी के साथ फ्रॅंक्ली रहता था.

मुझे पता था की दी का कॉलेज मे ब्फ हैं जिससे वो देर नाइट तक छत करती थी, उसके साथ घूमती थी. मैने एक बार उससे जब पूछा भी था:

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मे: दी, अगर मों दाद को पता चल गया तो?

दी: किस बारे मे?

मे: आपके बाय्फ्रेंड के बारे मे.

दी: कौनसा बाय्फ्रेंड?

मे: मुझे सब पता हैं. आप किसी लड़के के साथ लाते नाइट छत और कॉल पे बात करती हो, सीमा दी के गर स्टडी जाने का बहाना बनके उसके साथ बिके पे घूमती हो. मैने देखा हैं आपको दो तीन बार. और जाने क्या चल रहा हैं तुम दोनो के बीच?

दी: तू कहना क्या चाहता हैं, सॉफ सॉफ बोल?

मे: क्या?

दी: तू ये पूछना चाहता हैं की हम दोनो के बीच सेक्स हुआ हैं या नही?

मे: (मे इस सवाल से सर्प्राइज़्ड हो गया) मैने ये तो नही कहा.

दी: हन, पर तेरा इशारा तो उसी तरफ था ना.(अब महॉल तोड़ा टेन्स्ड हो गया था)

मे: (तोड़ा मुस्कुरकर) जब बात खुल ही गयी हैं तो ये भी बता दो? (और दीदी के कंधे पे हल्के से मारा)

दी: (तोड़ा मुस्कुराते हुए, शर्मा कर) तू पिटेगा आज मेरे हाथो से. (और वो अपने रूम की तरफ भाग ली)
मे: (उसके पीछे उसके रूम मे गया) प्ल्ज़ दीदी, अब बता भी दो ना.

दी: क्या करेगा जानकार?

मे: बस ऐसे ही. आप मुझसे सब बात शेर करती हो ना.

दी: ठीक हैं. पर किसिको बताना मत.

मे: ओक. और कितनी बार?

दी:एस. वी हद सेक्स. मानी टाइम्स. (और उसने अपना मूह हाथो से छुपा लिया)

मे: वाउ दीदी. आप तो छुपी रुस्तम निकली.

दी: देख भाई, ये ही तो दिन हैं मस्ती मरने के, इसके बाद तो कोई चान्स नही मिलेगा. कल को मेरी शादी के बाद मे चली जौंगी, उसके बाद तो ये सब एंजाय कहा करने को मिलेगा.

मे: ह्म, बात तो ठीक हैं, मों-दाद को पता चल गया तो?

दी: तू अगर नही बताएगा तो नही चलेगा. और टेन्षन मत ले, एक दिन तेरी भी गफ़ होगी, और तू भी एंजाय करेगा.

मे: क्या दी, आप भी.

दी: सच. और हा, जब तू अपनी गफ़ के साथ फर्स्ट सेक्स करे तो तुम दोनो की सेल्फिे मुझे भेजना, मे समाज जौंगी की तूने अपना ख़ाता खोल दिया.

उस दिन के बाद मेरा दी को देखने का नज़रिया ही बदल गया. अब वो मेरे लिए सिर्फ़ दीदी ना होकर एक लड़की बन गयी, जिसने अपनी छूट छुड़वा ली थी.

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उस दिन के बाद मुझे दी मे तोड़ा ज़्यादा ही इंटरेस्ट आने लगा. मुझे उससे बात करना और उसे टच करना अछा लगने लगा. और कुछ दिन बाद ऐसा हुआ की सब कुछ चेंज हो गया.

उस टाइम मे स्कूल से दोफर को जल्दी आगेया, और अपने रूम मे जाकर पॉर्न देखने लगा. सभी लोग शाम को आएँगे इस लिए मे अकेला था. कुछ देर बाद मे बातरूम मे चला गया, और अपना पेंट निकलके लंड को हिलने लगा. मेरे मोबाइल मे दी की फ्रेंड सीमा दी की फोटो थी, और मे उसपे मूठ मार रहा था.

मेरा लंड पूरा टाइट था की पीछे से अनु दी की आवाज़ आई: अमित, ये क्या हो रहा हैं? (मे पीछे गुमा तो अनु दी खड़ी थी, मेरी तो फट गयी)

दीदी: टुजे शरम नही आती ये सब.. (जैसे ही दी की नज़र मेरे खड़े लंड पे पड़ी, उनका मूह खुला ही रह गया, मेरा 7½” लंबा और 2″ मोटा लंड देख उसकी आँखे फॅट गयी, एक चमक सी दिखी उसकी आँखो मे) फिर अपने आप को संभालते हुए बोली: शरम नही आती तुझे ये सब करते हुए, और वो वाहा से चली गई.

मे: (फाटक से पेंट डाल कर उसके पीछे चला गया) दी, ऐसा कुछ नही हैं.

दी: क्या कुछ नही हैं, तुम नंगे होकर बातरूम ये जो सब कर रहे थे वो क्या हैं फिर?

मे: देखो दी, इसमे कुछ ग़लत तो नही, आपका ब्फ हैं तो आप सेक्स कर लेती हो, मेरी कोई गफ़ नही तो क्या मे ये भी नही कर सकता?

दी: तू जो चाहे कर सकता हैं, उससे मुझे कोई प्राब्लम नही, पर अपनी दीदी की फ्रेंड, जिसे तुम खुद दी बुलाते हो, उसे याद करके मूठ मार रहे थे. मैने देख लिया था की सीमा की फोटो
तुम्हारे मोबाइल मे उस वक़्त.

मे: सॉरी दीदी. मुझे सीमा दी अची लगती हैं, इसलिए. और ऐसा तो हैं नही के मैने उनसे सेक्स कर लिया हो. मैं जस्ट सीमा को इमॅजिन करके अपने आप को सॅटिस्फाइ कर रहा था.

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