हेल्लो दोस्तों,मेरा नाम पूजा है और इस साल मेरी शादी होने वाली है. मैं छोटे से एक मोहोल्ले की सीधी साधी लड़की हूँ. antarvasna सुंदर और भरे बदन की मालिका.मेरी कद काठी होगी 5 फुट के करीब और मेरा रंग है गोरी .जो भी देखता बस देखता ही रह जाता. काफ़ी मनचलों ने डोरे डालने की कोशिश की मगर मैं हमेशा अपना दामन बचा कर चलती थी. मैने ठान रखा था कि अपना बदन सबसे पहले अपने पति को ही सौंपूँगी. मगर किस्मत मे तो कुछ और ही था. मेरी एक बड़ी बहन भी है नेहा. नेहा दीदी की शादी को चार साल हो गये थे. मेरा जीजा नितिन बहुत ही हॅंडसम आदमी है. बातें इतनी अच्छी करते हैं कि सुनने वाला बस उनके सम्मोहन मे बँधा रह जाता है. दीदी के मुँह से उनके बहुत किस्से सुन रखे थे. उनकी शादी से पहले कई लड़कियों से उनके संबंध रह चुके थे. कई लड़कियों से वो संभोग कर चुके थे. मैं शुरू शुरू मे उनपर बहुत फिदा थी. आख़िर साली जो ठहरी. मगर उनके कारनामे सुनने के बाद उनसे सम्हल कर रहने लगी. मैने देखा था कि वो मुझसे हमेशा चिपकने की कोशिश करते थे.
मोका ढूँढ कर कई बार मुझे बाहों मे भी भर चुके थे. एक दो बार तो मेरी चूचियो को अपनी कोहनी से दाब चुके थे. मैं उनसे दूरी रखने लगी. मगर शिकारी जब देखता है कि उसका शिकार चोकन्ना हो गया है तो उसे पकड़ने के लिए तरह तरह की चाल चलता है. और निरीह शिकार उसके चालों को ना समझ कर उसके जाल मे फँस जाता है. मेरे संबंध की बातें चल रही थी. मम्मी पापा को किसी लड़के को देखने दूर जाना था. दो दिन का प्रोग्राम था. घर पर मैं अकेली रह जाती इसलिए उन्हों ने दीदी और जीजा को रहने के लिए बुलाया. वैसे मैने उनसे कहा कि मैं अकेली रह जाउन्गि लेकिन अकेली जवान लड़की को कोई भी माता पिता अकेले नही छोड़ते. दीदी और जीजा के आने के बाद मेरे मम्मी पापा निकल पड़े. जैसा मैने सोचा था उनके जाते ही नितिन जी मेरे पीछे लग गये. द्वि अर्थी बातें बोल बोल कर मुझे इशारा करते. दीदी उनकी बातें सुन कर हंस देती. मैं दीदी से कुछ शिकायत करती तो वो कहती कि जीजा साली के संबंधो मे ऐसा चलता ही रहता है.
नितिन जी पर किसी बात का कोई असर नही होता था. मैं उनकी हरकतों से झुंझला उठी थी. उस दिन मैं नहा कर निकली तो नितिन जी ने मुझे अपनी बाहों मे भर कर मेरे बालों मे अपना चेहरा घुसाकर सुगंध लेने लगे. मैं गुस्से से तिलमिला उठी और उन्हे धकेलते हुए उनसे धक्का दे कर अलग हो गयी. “आप अपनी हदों मे रहिए नही तो मैं मम्मी पापा से शिकायत कर दूँगी” “मैने ऐसा क्या किया है. बस तुम्हारे बालों की महक ही तो ले रहा था.” कहकर नितिन जी ने वापस मुझे पकड़ना चाहा. “खबरदार अपने हाथ दूर रखिए. मुझे च्छुने की भी कोशिश मत करना” मगर वो बिना मेरी बातों की परवाह किए अपने हाथ मेरी तरफ बढ़ाए. मैं अपने को सिकोडते हुए ज़ोर से चीखी”दीदी” दीदी किचन से निकल कर आई. “क्या हुआ क्यों शोर मचा रही है” “दीदी, जीजाजी को समझा लो. वो मेरे साथ ग़लत हरकतें कर रहे हैं.” दीदी ने उनकी ओर देखते हुए कहा, “क्यों पूजा को परेशान कर रहे हो” “मैं क्या परेशान कर रहा हूँ? पूच्छो इससे मैने ऐसी कौन सी हरकत की है जो ये इतना चिढ़ उठी” “दीदी ये मुझे अपनी बाहों मे लेकर मेरे बदन को चूमने की कोशिश कर रहे थे.” “ग़लत बिल्कुल ग़लत. मैं तो अपनी इस खूबसूरत साली के बालों पर न्योचछवर हो गया था. मैं तो बस उसके सुंदर सिल्की बालों को चूम रहा था. पूच्छो पूजा से अगर मैने इसके बालों के अलावा कहीं होंठ लगाए हों तो” इससे पहले की दीदी कुछ बोलती मैं बोल उठी, “नही दीदी ये आपके सामने झूठ बोल रहे हैं.
इनकी कोशिश तो मेरे बदन से खेलने की थी.” दीदी ने जीजा जी की तरफ देखा तो वो कह उठे “तुम्हारी कसम नेहा मैं पूजा के सिर्फ़ बालों को छू रहा था. देखो कितने सुंदर बाल हैं” ये कह कर वो मेरे पास आकर वापस मेरे बालों पर हाथ फेरने लगे. मैं गुस्से से तिलमिला कर उनको धकेलते हुए उनसे दूर हो गयी. “रहने दो रहने दो मुझे आपकी सारी हरकतें मालूम हैं. आप बस मुझसे दूर ही रहिए” मैं रुवासि हो उठी. ” अरे पूजा क्यों इनकी हरकतों को इतना सीरीयस लेती हो. अगर ये तुम्हारे बालों को चूमना चाहते हैं तो चूम लेने दो. इस से तुम्हारा क्या नुकसान होज़ायगा.” दीदी ने समझाते हुए कहा. “अरे दीदी ये जितने भोले बन रहे हैं ना उतने हैं नही” ” पूजा अब मान भी जा” दीदी ने फिर कहा. ” ठीक है. लेकिन ये वादा करें कि सिर्फ़ मेरे बालों के अलावा कुछ भी नही छुएँगे” जीजा जी ने कहा “ठीक है मैं तुम्हारी दीदी की कसम लेकर कहता हूँ की सिर्फ़ तुम्हारे बालों को ही चूमूंगा उसके अलावा मैं और किसी अंग को नही छ्छूंगा. लेकिन अगर तुम खुद ही मुझे अपने बदन को छूने के hindi sex story लिए कह्दो फिर?” उन्हों ने मुझे छेड़ा “फिर आपकी जो मर्ज़ी कर लेना मैं कुछ भी नही कहूँगी. मैं भी कसम खाती हूँ कि आप अगर सिर्फ़ बालों को चूमे तो मैं कुछ भी नही कहूँगी” “देख लो बाद मे पीछे मत हटना” नितिन जी ने कहा. “जी मैं आप जैसी नही हूँ. जो कहती हूँ करके रहती हूँ.” “ठीक है जब तुम राज़ी हो ही गयी हो तो ये काम आराम से किया जाए. चलो बेड रूम मे. वहाँ बिस्तर पर लिटा कर आराम से चूमूंगा तुम्हरे बालों को” उन्हों ने चहकते हुए कहा. मैने और ज़्यादा बहस नही किया और चुपचाप उनके साथ हो ली.