जवानी दीवानी

मेँ रीहाना खान हूँ. में २१ साल हूँ और Lucknow, में रहती हूँ. मेरी बेसट friend का नाम है सुम्मी. सुम्मी २२ साल की है. सुम्मी की बड़ी बेहेन की शादी हो चुकी है और वोह देल्ही में रहती है. मेरे एक्जाम हो चुके थे और में देल्ही में admission के लीये देल्ही आना चाहती थी.

सुम्मी ने मुजसे से कहा की वोः भी देल्ही में अपनी बेहेन के यहाँ गरमी की छुट्टीया बीतना चाहती है. सुम्मी ने कहा की उस का एक classmate रवी भी देल्ही में admission के लीये देल्ही जाने वाला है इस्लीये हम दोनो ने देल्ही के लीये रेसेर्वेशन के लीये रवी को कह दीया. तीन दीन बाद जाना था. में अपना लगेज लेकर सुम्मी के घर गयी तू वोः मेरा इंतज़ार ही कर रही थी. आज सुम्मी बड़ी स्मार्ट लग रही थी.
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में भी आज ख़ूब मकेउप करके आयी थी. हम ने आटो लीया और रेलवे स्टेशन को चल दीये. स्टेशन पर ट्रेन नही आयी थी और अभी देर थी. रात का सफ़र था और ट्रेन बीच में कही रूकती भी नही थी ईसलीए मैंने रवी से कहा की कोई मैगज़ीन ले आये रास्ता कटने के लीये.

वह कुछ बुक्स ले आया. १० मिनट बाद ट्रेन आयी तू हमलोग अपने कैबीन में बैठ गए. इस कैबीन में केवल ४ बर्थ थी तीन हमारी थी और एक कीसी और की होगी. कुछ देर बाद ट्रेन ने whistle दी और सरकने लगी तभी एक जवान खूबसूरत लम्बा सा आदमी कैबीन में आया. चौथी ब्र्थ उसी की थी. जब ट्रेन चल दी उसने डोर लाक कर दीया और अपनी ब्र्थ पर जाकर लेट गया. ट्रेन रफ़्तार ले रही थी. इस कैबीन में दो जवान लड़कीयाँ और दो जवान मर्द सफ़र कर रहे थे. मैं और रवी नीचे की ब्र्थ पर थे और सुम्मी और वह अजनबी ऊपर की ब्र्थ पर. मैंने रवी से मैगज़ीन मांगी तू उसने अपनी पोकेट से एक स्माल बुक नीकालकर देदी.

बुक के कवर पर ही एक जवान और खूबसूरत Girl की nude फोटो थी. पहले पहल तो मैं नंगी लडकी की तस्वीर देखकर हीच्कीचायी लेकीन फीर मेरे मॅन मैं उस बुक को अंदर से देखने की ललक जाग उठी. नंगे फोटो ने मेरे बदन मैं झुरझुरी पैदा कर दी थी. मैंने रवी को ग़ुस्से से देखा तू वह मुस्कराने लगा और खुद भी एक छोटी सी बुक नीकालकर पढने लगा. वह अजनबी भी newspaper पढने लगा. सीर्फ सुम्मी ही कुछ पढ़ नही रही थी बल्की वह उस अजनबी को घूर रही थी. ओह नो, जब मैंने वह बुक पढ़ना शुरू की तू मैं हैरान रह गयी. उसमें बहुत ही सेक्स चुदाई की स्टोरी थी जीसे पढ़कर मैं बैचेन हो गयी और पूरी स्टोरी पढ़ली.

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उसमे लडकी के भाई के दोस्त भी लडकी को भाई के साथ मिलकर चोदते हैं. मैं स्टोरी पढते हुये होर्नी हो गयी और अपने एक हाथ को चुत पर लेजाकर चुत सहलाने लगी….. रात का समाया था अंधेरा हो गया था !! अपने हाथ को स्लवार के अंदर डालकर चुत सहलाते हुये clitoris को मसलने लगी….. मुझे लाग रहा था की सब सो चुके है क्योकि सब कुछ शांत था !!! फिर थोड़ी देर मे चुत से पानी लीक होने लगा था और मैं आँखें बंदकर मस्ती ले रही थी. तभी मुझे लगा की कोई मेरे कुरते के ऊपर से मेरे मम्मों को सहला रहा है. आंखें खोला तो वह कोई और नही बल्की सुम्मी का classmate रवी था. वह मेरे पास आकर घुटने के बल बैठकर मेरी चूची को मुँह मैं लेकर चुस रहा था और दुसरे हाथ से दूसरी चूची को दबाने लगा. उसे ज़रा भी डर्र नही था की कैबीन मैं और लोग भी है. मैं तो खुद मस्त थी ईसलीए रवी की गर्दन मैं हाथ डालकर उसे अपने चहरे पर झुका लीया.

अब उसके गरम लीपस मेरे लीपस से चीपक गए. ओह बड़ा ही मजेदार कीस था. रवी अपनी tounge को मेरे मुँह मैं डालकर कीस कर रहा था. मैं भी अपनी गुलाबी गरम जीभ(tounge) को उसके मुँह मैं डालकर चारो तरफ घुमाने लगी. हमलोगों के चुम्मा चाटी की आवाजें कैबीन मैं गूँज रही थी लेकीन हमें कीसी की परवाह नही थी. रवी ने मेरी कुर्ते के बटन को खोल दीया और मेरी संतरे के बरबेर छुचियों को नंगा कर दीया. फीर एक चोची को दोनो हाथ से पकड़कर दबाते हुये चूसने लगा. मैंने उसके सीर को हाथ से पकड़कर अपनी छुचियों पर दबा लीया ताकी वह सही से चूस सके. मस्ती मैं यह भी भूल गयी थी की सुम्मी और एक अजनबी आदमी ऊपर की ब्र्थ पर लेते हैं.

अब रवी मेरे नीप्प्ल को दबा दबाकर चुस रहा था और दूसरी चूची को दबा रहा था. मैं अपनी चूसी जा रही चूची को देख रही थी. एकाएक मेरी नज़र ऊपर की ब्र्थ पर चली गयी. ऊपर देखा तो हैरान हो गयी. सुम्मी शायद रवी को मेरे साथ मज़ा लेते देखकर जोश मैं आ गयी थी. वह उस जवान अजनबी के साथ लीपटी हूई थी. सुम्मी खुद उस अजनबी की ब्र्थ पर चली गयी थी और मेरी तरह उसके साथ मज़ा ले रही थी. वह अजनबी सुम्मी के गोरे बदन पर हाथ चला रहा था और सुम्मी अपनी तिघ्त चुचीयों को उसके चौड़े चेस्ट पर रगड़ रही थी.

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उसने अपनी कुरते को खोलकर अलग कार दीया था और ब्र्थ पर कोने मैं दाल दीया था. सुम्मी उस के होंठों को अपने मुलायम होंठों मैं दबाकर चूस रही थी. तभी सुम्मी ने अपनी एक चूंची को मुँह पर रखकर दबाया तो वह अजनबी उसके नीप्प्ल को दबा दबकार्चूसने लगा. उसकी चूचीयां बहुत tight हो गयी थी और नीप्प्ल ताने थे. इधर रवी मेरी चुचियों को बारी बारी से चूस रहा था. मैं मज़ा लेती अपने हाथों से उसे पीला रही थी. मेरी चुत मेरी गोरी-गोरी जांघों के बीच गीली हो गयी थी और उससे चुत का रस टपक रहा था. ताभी रवी अपना एक हाथ नीचे लाया और मेरी स्लवार का एज़बंद खोलकर उसे सरका दीया और मैं नीचे से एकदम नंगी हो गयी. मेरी चुत जब नंगी हूई तो वह अपने हाथ से मेरी चुत पर उगी घनी घनी झाँतों को सहलाने लगा. मेरी झानतें चुत के पानी से भीग गयी थी .

तभी उसने अपनी ऊँगली मेरी चुत मैं डाली तो मैं बोल पडी”ओह रवी डारंलीग, बहुत मज़ा आ रहा है. प्लीज अपने लंड को मेरी चुत मैं पलकर फाड़ दो मेरी चुत को. हाय अपने लंड का पानी मेरी चुत को पीलाकर इसकी प्यास बुझा दो.” चालाक छोकरा था. मुझे सिस्कर्ते देखकर समझ गया की लौंंडीया पेलने के लीये तैयार है. मेरी बेचैनी देखकर वह मुस्कराने लगा. वह मुझसे अलग हुआ और अपने कप्रे उतरने लगा. जब वह नंगा हुआ तो उसका , मोटा लम्बा लंड आजाद होकर फुदकने लगा. पहले तो मैं सुम्मी की वजह से डर्र रही थी पर सुम्मी खुद हुम्दोनो को आपस मैं उलझे देखकर उस अजनबी जवान के साथ लीपटी थी. सुम्मी की तरफ से मेरा डर और शरम ख़त्म हो गयी थी. फीर मैंने उसके हार्ड लंड को पकड़ा तो मेरा बदन कापने लगा. उसके लंड को सहलाते हुये अपनी चूचीयों को दबवा रही थी. उसका लंड चीप्चीपा गया था जीससे मेरी उँगलीयाँ भी लास्लासा गयी और मेरा मॅन उसके प्रेचुम को चाटने का हुआ तो मैं बोली”ओह रवी मैं तुम्हारे लंड को अपने मुँह मैं लेकर चूसना चाह्ती हूँ.

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