जन्मदिन एन्जॉय की चुदाई से

आज की कहानी ‘बर्थडे सेलिब्रेशन’ कई किस्सों को मिलकर बनी है. पूरी पढ़ियेगा, आनन्द आ जायेगा.

एक पॉवर प्लांट के निर्माण में इंजीनियर्स/सुपरवाईजर्स की टीम लगी हुई थी. सभी एक ही उम्र वर्ग के थे. मतलब 30-32 वर्ष के आस पास.

चूंकि कॉलोनी के निर्माण में अभी वक़्त था तो दो इंजीनियर्स सुनील और विशाल के रुकने की व्यवस्था कम्पनी ने एक स्थानीय होटल में कर दी थी.

छोटा शहर था. ज्यादा होटल नहीं थे. होटल की तीसरी मंजिल पर पांच कमरे थे. कंपनी ने सभी एक साल के लिए ले लिए थे. दो कमरे तो इन्हीं इंजीनियर्स ने ले लिए. एक में ऑफिस बना रखा था. एक खाली रखा था, कभी कोई और अधिकारी आ जाए इस लिए.

दोनों इंजीनियर्स एक-दो साल के शादीशुदा थे पर अपनी बीवियों को कोई नहीं लाया था कि एक बार सेटेल हो जाएँ तब लायेंगे.

सुनील और विशाल दोनों रात को प्लांट से इकट्ठे लौटते. दोनों को पीने का शौक था तो पेग लगाते और जितने अश्लील मजाक कर सकते थे कर के सो जाते.

सेक्स का बहुत शौक़ीन था विशाल … उसकी मजबूरी थी कि बीवी को छोड़कर यहाँ रहना पड़ रहा था. वो हर दस दिन में घर जाता और आकार बताता कि दो दिन सुबह शाम सिर्फ चुदाई की है.
वो और उसकी बीवी रिंकी रोज रात को विडियो चेट करते हुए विडियो सेक्स करते.

विशाल सुनील को बताता था कि वो और उसकी बीवी दोनों रात को नंगे होकर विडियो चेट करते हैं. विशाल रोज रिंकी को दिखाकर मुठ मारता और रिंकी भी रोज विशाल को दिखाकर अपनी चूत में डिलडो करती.

सुनील को भी विशाल ने अब ये शौक लगा दिया था. अब दोनों ड्रिंक लेते समय पोर्न मूवी भी देखते.

इन दोनों को खाने-नाश्ते दिक्कत थी. उन्होंने साईट पर चौकीदार रामसिंह से किसी मेड के लिए कहा तो वो बोला- साब अपनी घरवाली को बोल देता हूँ, वो सुबह-शाम आकर बना दिया करेगी. उसे रसोई का काम बहुत अच्छे से आता है क्योंकि पहले वो किसी बड़े अधिकारी की कोठी पर काम करती थी और वहीं रहती थी. अतः उसे बड़े अधिकारियों की खाने पीने की आदतों की जानकारी थी.

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अगले दिन सुबह ही राम सिंह अपनी घरवाली शीला को लेकर आ गया. शीला कहने को चौकीदार की घरवाली थी. पर मांसल बदन की गोरी और सलीकेदार बल्कि विशाल की निगाहों में सेक्स बम थी. उसके भरे हुए मम्मे और ऊँचा ब्लाउज … विशाल का तो खड़ा हो गया था.

राम सिंह के कोई बच्चा नहीं था. तो शीला की जवानी बरकरार थी. विशाल ने शीला को हाँ कह दी.

और ये तय हुआ कि चूंकि राम सिंह का क्वार्टर साईट पर ही है और वो तो बिल्डिंग में रात की ड्यूटी पर रहता है और शीला घर पर अकेली. तो शीला शाम को सुनील और विशाल के साथ ही गाड़ी में होटल आ जाया करेगी. नाश्ता खाना बनाकर वो ऑफिस में ही सो जाया करेगी और सुबह जल्दी उठकर ऑफिस साफ़ कर के इन दोनों का नाश्ता बना दिया करेगी और दोपहर का खाना पैक करके इनके साथ ही साईट पर आ जायेगी और फिर अपने क्वार्टर में जाकर अपने घर का काम निबटा लेगी.

राम सिंह एक बार हिचकिचाया पर विशाल ने तीन हजार रूपये देने की बात कि तो उसे भी लालच आ गया. कभी कभी सुनील उसे बची हुई व्हिस्की भी दे देता था तो इस लालच में राम सिंह ने हाँ कह दी.

उस दिन शाम को तय बात के अनुसार शीला इनके साथ होटल आ गयी. शीला बहुत साफ़ सुथरी और सलीकेदार लग रही थी.
विशाल तो सुनील से बोला- इस लंगूर रामसिंह को ये हीरा कहाँ से मिल गया?

रास्ते में और होटल पहुंचकर बातूनी शीला इन दोनों से बहुत ही मिलनसार हो गयी थी. उसकी बातचीत में भी सलीका था. होटल पहुँचते ही उसने पहले तो कमरे कि गंदगी को देख कर मुँह बिचकाया और होटल वाले को दस गाली दीं.

होटल के जिस कमरे में ऑफिस बना था उसके बाथरूम को ही फिलहाल किचन बना रखा था.

शीला ने विशाल से कहा- बाबू, हम कल आपके साथ साईट पर नहीं जायेंगे. आप हमें दो हजार रुपया देना, हम राशन लाकर किचन सेट करेंगे और आप लोगों का रूम भी साफ़ करेंगे.
उसने ये बात इतने अधिकार से कही कि विशाल से कोई जवाब देते नहीं बना. उसने चुपचाप उसके हाथ में दो हजार रूपये रख दिए और बोला- फटाफट चाय बना दो.

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शीला बोली- आज तो सिर्फ चाय मिलेगी पर कल से चाय के साथ गर्म गर्म नाश्ता भी मिलेगा.

सुनील के कमरे में बैठ कर चाय पीकर दोनों की तबियत खुश हो गयी.

तब तक शीला ने विशाल का कमरा थोड़ा बहुत ठीक कर दिया. शीला ने आकर पूछा- खाने में क्या बनाऊं?
क्योंकि राशन तो कुछ नहीं था तो सुनील बोला कि हमें रात को ड्रिंक करने की आदत हैं, पर इससे तुम्हें कोई परेशानी नहीं होगी, तुम खाना बनाकर सोने चली जाना.

इस पर शील मुस्कुरा कर बोली- देखो बड़े साब, मुझे तो सब आदत है. इससे पहले जहां मैं काम करती थी वहां तो साब और मेम साब दोनों पीते थे, तो उन दोनों को रात में खाना खिलाकर सारा काम समेटकर ही मैं जाती थी. अब आप बोलो कि अगर आप मुझे आधे घंटे का टाइम दो तो, तो मैं फटाफट नीचे से कुछ सामान लाकर आपको ड्रिंक के साथ कुछ नाश्ता देती हूँ और फिर रात को गरमा गर्म खाना.

सुनील, विशाल को लगा कि उनकी तो लाटरी निकल गयी है.

शीला नीचे जाकर पंद्रह मिनट में ही आ गयी. पता नहीं थैले में क्या भर लायी थी. दूसरे हाथ में दूध, दही, पनीर, घी के पैकेट्स थे.
सुनील विशाल नहाने अपने अपने कमरे में चले गए.

विशाल जैसे ही अपने कमरे में पहुंचा तो उसे लगा कि वाकयी अब कमरा घर जैसा साफ़ था.

पर उस पर घड़ों पानी पड़ गया जब वो छोटा सा टॉवल जिस पर वो रात को अपनी बीवी से बात करते करते मुठ मारकर वीर्य निकालता था और जिसे उसने कल लापरवाही से साइड टेबल पर छोड़ दिया था, उसे शीला करीने से तह करके उसके तकिये के ऊपर रख गयी थी.

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