जन्मदिन एन्जॉय की चुदाई से

खैर, सुनील नहाकर उसके कमरे में ही आ गया, तब तक विशाल भी नहा लिया था.

विशाल ने शीला को आवाज लगाकर कहा- फ्रिज से आइस क्यूब ला दो.
तो शीला आकर बोली- बस दस मिनट में मैं मेज लगा दूँगी, मुझे सब मालूम है.

विशाल आँखें फाड़ कर उसे देखने लगा. सुनील ने टीवी चालू किया. शीला ने आकर टेबल लगाई. व्हिस्की की बोतल उसे रखी दिख गयी थी. व्हिस्की, सोडा, गिलास, आइस क्यूब सब उसने सलीके से लगा दिए और किचन से स्नैक्स ले आई. उसने भुने काजू और पनीर काट कर लगा दिए थे.

सुनील विशाल तो खुश हो गए. आज दारु का नशा कुछ और ही होना था.

शीला बोली- आप कहो तो एक पेग मैं बना देती हूँ.
इससे पहले वो कुछ बोलते, शीला ने व्हिस्की उनके गिलास में डाली और सोडा उनके हिसाब से दाल कर इसे क्यूब से टॉप उप कर दिया और मुस्कुराते हुए दोनों को गिलास थमा दिए.
विशाल समझ ही नहीं पा रहा था कि ये सपना है या सच.

तभी शीला बोली- मैं पनीर और प्याज के परांठे सेक रही हूँ, दही अचार के साथ खा लीजियेगा. कल से जो कहेंगे बना दूँगी.

चलते चलते उसने विशाल का वो छोटा तौलिया मुस्कुराते हुए उठाकर धुलने वाले कपड़ों में रख दिया.
विशाल कुछ नहीं बोला बस मुस्कुरा दिया.

आज नशा कुछ ज्यादा ही चढ़ गया था. शीला सब जानती थी तो उसने परांठे छोटे छोटे सेके. सब बातों की तारीफ़ करते करते सुनील और विशाल सोने चले गए.
शीला ने भी खाना खाया और किचन संभालकर वहीं रखे गद्दे को बिछाकर लेट गयी.

शीला ने अपने कपड़े ढीले कर लिए थे. वो करवट बदल बदल सोने की कोशिश कर रही थी. अब उसने अपना पेटीकोट ऊपर किया और अपनी चूत को रगड़ने लगी.

असल में शीला राम सिंह की दूसरी घरवाली थी. राम सिंह नामर्द था. ये बात सबको मालूम थी, पर सरकारी नौकरी के लालच में शीला के घरवालों ने शीला की शादी उससे कर दी. अब शीला रोज रात को कभी उंगली, कभी मूली, गाजर करके अपनी गर्मी शांत करती.

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इससे पहले वो जिन साब के काम करती थी, वहां तो उसका साब शराब में या अपने दौरों में मस्त रहता और मेमसाब सेक्स के शौक़ीन थीं, या यूं कहें कि भूखी थीं. शीला मेमसाब की मालिश करती थी तो वो पूरे कपड़े उतार कर नंगी होकर उससे मालिश करवातीं, अपनी चूत रगड़वातीं.

वहीं से शीला ने वाइब्रेटर का इस्तेमाल सीखा. मेमसाब की चूत की आग मिटा कर वो भी अपने कमरे में अपनी चूत रगड़ती.

उसने एक बार छिप कर साब और मेमसाब का सेक्स देखा. साब का लंड तो मोटा था पर शराब के नशे में साब चुदाई का मजा नहीं दे पाता था. मेमसाब उसके ऊपर चढ़ कर खूब उछाल कूद करती पर वो दो चार धक्कों में ही खाली हो जाता और मेमसाब उसे खूब भद्दी भद्दी गाली बकती.

एक बार साब का कोई मित्र उनके पास आया दो चार दिन के लिए.
रात को तीनों ने शराब पी, मेमसाब और साब के दोस्त ने थोड़ी ली. साब तो अपनी आदत के अनुसार पी पीकर वहीं सोफे पर टुन्न हो गया.

मेमसाब ने शीला को भी अपने क्वार्टर में जाने को कह दिया और जाते जाते किवाड़ बंद करने को कह कर वो भी मेहमान से हंसी मजाक करते हुए अपने कमरे में चली गयी.

पीछे पीछे वो मेहमान भी उनके कमरे में चला गया. शीला खेली खाई थी. समझ गयी कि आज क्या होगा. वो भी किवाड़ बंद करने की आवाज कर के छिप गयी.

थोड़ी देर में जब मेमसाब के कमरे से ‘अरे छोड़ो न, अनिल आ जायेगा’ की आवाज आने लगी तो उसने कमरे में खिड़की के पीछे से झाँका. मेमसाब ने पेटीकोट और ब्रा में थीं और मेहमान अपने कपड़े उतार रहा था.

मेमसाब ने धीरे से कमरा बंद कर लिया और लाईट धीमी कर ली. शीला को सब दिखाई दे रहा था. मेहमान जिसका नाम अरविन्द था, उसने मेमसाब यानि अनीता को पाने से चिपटा लिया था और दोनों के होंठ मिले हुए थे.
अरविन्द पूरा नंगा हो चुका था और उसने अनीता की ब्रा खोल कर उसके मम्मी आज़ाद कर दिए थे.

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एक हाथ से उसने अनीता का पेटीकोट खोल दिया और अब दोनों पूरे नंगे थे.

अनीता भी भूखीं शेरनी की तरह अरविन्द को खा जाना चाह रही थी. इसी गुत्थम गुत्था में दोनों बेड पर आ गए. अरविन्द ने सबसे पहले अनीता की चूत में अपनी जुबान दी.
शीला की अब समझ में आया कि क्यों कल ही मेमसाब ने अपनी चूत उससे साफ़ करवाई थी. इसका मतलब मेमसाब और अरविन्द का पुराना याराना है.

अनीता की कामाग्नि भड़क चुकी थी. उसने अरविन्द को अपने ऊपर खींचा और उसका लंड अपनी चूत में कर लिया.
अब उनकी धक्कामार चुदाई शुरू हो चुकी थी.
ये सब देख कर शीला की चूत ने पानी छोड़ दिया. काफी देर से उसकी उंगली भी चूत में मसाज कर रही थी. शीला बेचैन हो उठी. उसे भी लंड चाहिए था. उसके दिमाग में साब आया.

वो झट से ड्राइंग रूम में आई. साब मस्त पड़ा था. उसका गाउन भी खुला पड़ा था और उसके अंदर से उसका बरमूडा दिख रहा था. शीला ने लाईट बंद की और साब का बरमूडा नीचे कर दिया. साब का लंड अब उसके हाथ में फिर उसके मुँह में था.

मजे कि बात यह कि साब का लंड तना हुआ था. शीला ने फटाफट उसका लंड अपनी चूत पर सेट किया और लगी ऊपर नीचे करने. अंदर कमरे में मेमसाब और मेहमान चुदाई में लगे थे यहाँ शीला साब का चोदन कर रही थी. साब ने जल्दी ही सीला की चूत में फव्वारा छोड़ दिया.

शीला की आग बुझी नहीं थी. उसके दिमाग में क्या आया … वो सीधी मेमसाब के कमरे में घुस गयी. अरविन्द अनीता की टांगों को ऊपर कर के जबरदस्त चुदाई कर रहा था. शीला घुस तो गयी पर उसे देख कर अनीता और अरविन्द की साँसें रुक गयी और शीला भी घबरा गयी और वापिस भाग कर अपने क्वार्टर में आ गयी.

उसे अनीता ने बहुत आवाज दी पर उसने दरवाजा नहीं खोला.

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