हनीमून में रीना की कथा भाग 2

रात मे आंख लग गई तो सुबह ही खुली, रीना और अजय बिस्तर पर नही थे सिर्फ आर्यन ही बिस्तर पर लेटा हुआ था. मुझे देख कर बोला, “अजय और रीना बाथरूम में नहा रहे है, इसके बाद मैं नहाऊंगा, उसके बाद तुम नहा लेना, अभी ट्रेन के लिए 2 घंटे है. अजय तो नही जा पाऐगा पर मैं तुम दोनो को स्टेशन तक छोड़ दुंगा.” मैंने कहा कुछ नही बस सर हीला दिया. आर्यन ने आंखे बंद कर ली तो मैं टहलते टहलते बाथरूम के गेट तक पहुंच गया. बाथरूम का गेट आधा खुला हुआ था तो मैने अंदर झांका. अंदर रीना और अजय बिना कपडो़ के खडे़ थे. दोनो के बदन भीगे हुए थे और रीना के बदन पर अजय साबुन लगा रहा था.

जिस समय मैने अंदर झांका था वो रीना के स्तनो पर साबुन लगा रहा था. साबुन के बहाने वो रीना के स्तनो को कस के मसल रहा था. जब वो पुरी तरह से साबुन लगा चुका तो उसने खुद साबुन लगाया और फिर दोनो नहा लिये. अजय बाहर आने को हुआ फिर रुका और उसने रीना को ज़मीन पर लिटा दिया. वो खुद रीना पर लेट गया और उसकी योनि मे लॅंड घुसा दिया और थोडी़ तेजी से धक्के लगाने लगा.

15 मिनट मे संतुष्ट होने के बाद खुद भी उठा और रीना को भी उठाया और एक बार फिर दोनो नहाये. नहाने के बाद अजय ने रीना के और खुद के बदन को पोछा और अपने कमर पर टावेल लपेट लिया. फिर रीना को गोद में उठा कर बाहर आ गया. मुझे बाथरूम के गेट पर खडा़ देख कर गुर्राते हुए बोला, “खा नही जाऊंगा तुम्हारी पत्नी को जो हर वक्त नजर रखे रहते हो!”

आर्यन ने उसे डपटते हुए कहा, “क्या अजय? सैम ने तो अपने भाईचारे का सबूत दिया है, अपनी नई नवेली दुल्हन की नथ उतारने दिया है, और रात भर उसे भोगने भी दिया है. तुम फिर भी उस पर नाराज हुए जा रहे हो.”

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अजय ने आर्यन से कहा, “चाचा भाईचारे में नही डर में, और मै क्या कम भाईचारे का सबूत दे रहा हूं, इसकी पत्नी मुझे इसके साथ जाने दे रहा हूं. वरना इसकी पत्नी तो मुझे इतनी पसन्द है कि मै इसे अपनी रखेल बना कर रख लेता, खुद भी इसकी जवानी का रस चुसता और अपने दोस्तो को भी इसकी जवानी चखाता.” न आर्यन ने कुछ कहा न मैने कुछ कहा.

अजय रीना को गोद मे लेकर बैठ गया और आर्यन बाथरुम में घुस गया. नहा कर बाहर आया तो मुझे अंदर भेज दिया. मैं जल्दी जल्दी नहा कर बाहर आया दो देखा कि अजय तैयार होकर जा चुका था और रीना घुटनो के बल बैठी आर्यन के लॅंड को चुस रही थी. साफ पता चल रहा था कि ये करने का रीना का बिल्कुल मन नही था और आर्यन उससे जबरदस्ती ये करवा रहा था. 10 मिनट के बाद आर्यन रीना के मुंस में ही संखलित हो गया. रीना ने उसका वीर्य बाहर थूक दिया. उसके बाद आर्यन तैयार हो गया.

मै भी तैयार हो गया पर आर्यन ने रीना को कपडे़ नही पहनने दिये. उसके बाद सबने बैठ कर नाश्ता किया. रीना बिना कपडो़ के ही बैठ कर नाश्ता की. फिर तैयार होने लगी.

उसके बाद हम तीनो स्टेशन पहुंचे. मैंने सामान ट्रेन में रखा और रीना को अंदर बैठा दिया. आर्यन ने मुझे प्लेटफार्म पर बुला लिया और बाते करने लगा. उसने कहा, “सैम, हम जानते है कि ये सब तुम्हारे लिए अच्छा अनुभव नहीं था, पर अजय तुम्हरी पत्नी को देख कर सैयम नही रख सका और न ही मैं. अब जो हुआ उसे भूल जाओ और अपनी जिंदगी जियो.”

मैने कोई जवाब नही दिया तो उसने आगे कहा, “अच्छा पहलु देखोगे तो रीना को यौन कला में निपुर्ण कर दिये है और उसका हर एक छेद खोल दिये है, तुम्हे किसी भी क्रिया में परेशानी नही होगी, अब रीना को सम्भोग का स्वाद लग गया है, उसे उपेक्षित मत कर देना, वरना अपने ही घर मे नौकरो के साथ रीना को बाथरूम में पाओगे.”

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ट्रेन ने सिग्नल दिया तो मैं बिना कुछ बोले ही ट्रेन में चढ़ गया. हनीमून पर जाने के बजाय हम घर वापस आ गये. 2 हफ्ते लगे इस झटके से उबरने में और उसके बाद ही मैने रीना के साथ पहली बार सम्भोग किया. फिर धीरे धीरे आश्रम की यादे धुंधली होती गई और हम अपनी जिंदगी में बस गये.

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