हनीमून में रीना की कथा भाग 2

रीना कुछ कहना चाहती थी उससे पहले ही आर्यन ने कहा, “एक बार तो अजय सब कर चुका है, मै भी कर लुंगा तो तुम्हारा कुछ नही जाएगा.”

रीना ने उसे स्तनो से खेलने से रोका तो नही पर एक सवाल पुछा, “अभी तो आप अजय को गालियां दे रहे थे, आप भी तो वही कर रहे हैं.”

आर्यन ने रीना के होंठो को चुमा और मुस्कुरा कर कहा, “अजय तुम्हे मुसीबत में डाल कर गया है और मै तुम्हे मुसीबत से निकाल रहा हूं, इतना तो अंतर है ही. पर अगर तुम्हे परेशानी है तो चलो बाहर चलते है और मैं तुम्हारी तुम्हारे पति से आमना सामना करवा देता हूं.”

एक डर की लहर रीना के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही थी, उसने थोडा़ रुक कर कहा, “नही! मुझे कोई परेशानी नही है, आप कुछ भी कर सकते है, मुझे सब शर्ते मजूंर है, पर अजय तो कोई नहीं लगता उनका पर आप तो उनके दोस्त हैं आपको भी तो दिक्कत होगी अगर उनको पता चल जाए.”

आर्यन ने कहा, “मानता हूं अजय कमीना है, पर मैं भी कम नही हूं, अगर तेरे पति मुझसे उलझेगा तो मै भी वही करूंगा जो अजय कर सकता है. तुझे जी भर के नोचुंगा और फिर कोठे पर नुचवाने के लिए छोड़ दुंगा.”

मैने चुप रहने में ही भलाई समझी, आर्यन जोर जोर से रीना के स्तनो को मसलने लगा. दर्द की लहर रीना के चेहरे पर दिख रही थी पर आवाज मुंह से नही निकल रहा था. संतुष्ट होने के बाद आर्यन रीना के निप्पल चुसने लगा, बारी बारी से एक एक निप्पल को आराम से चुसता रहा पर बीच बीच मे रीना के चेहरे के भाव बता रहे थे कि वो निप्पल को चबा भी रहा था. संतुष्ट होने के बाद उसने रीना के होंठो को चुमना शुरू किया और साथ ही रीना के योनि में भी उंगली डाल दी.

जब भी आर्यन उंगली अंदर डालता था तो रीना थोडा़ उछल जाती थी. काफी देर बाद वो अलग हुआ और अपना टावेल उतार दिया. आर्यन का लॅंड किसी भी तरीके से अजय से रत्ती भर भी कम नही था, बल्कि ज्यादा ही लंबा और मोटा था. आर्यन का लंबा और मोटा लॅंड देख कर रीना के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही थी. आर्यन ने रीना के टांगो को फैलाया और अपना लॅंड रीना के चूत के द्वार पर सटाया. रीना को समझ आ गया था कि क्या हो सकता है इसलिए उसने खुद अपने मुंह पर ढक्कन लगा लिया. उसने अपने हाथ से अपना मुंह बंद कर ली थी.

और कहानिया   मॅ बनी मेरी रखैल भाग 2

आर्यन ने रीना के दोनो कंधो को पकडा़ और जोर से धक्का लगाया. पुरा लॅंड अंदर समा गया, रीना के चेहरे पर दर्द की लहर दिख रही थी. वो चीखना भी चाहती थी पर मेरे बाहर होने के डर से उसने आवाज दबा ली. आर्यन ने धीरे धीरे धक्का लगाना शुरु किया. लगभग 3 मिनट के बाद रीना उन धक्को से अभ्यस्त हुई और उसने अपने मुंह से अपना हाथ हटा लिया. आर्यन के धक्के इतने तीव्र थे कि ऐसा लग रहा था कि वो अपने बदन के भार से रीना को अपने और दीवार के बीच पीस देगा. धीरे धीरे धक्को का वेग तेज होता गया और एक समय पर आर्यन ने अपना बीज अंदर छोड़ दिया. उसने थोडे़ देर तक रीना के निप्पल और होंठो को चुसा और अलग हो गया. फिर दोनो साथ मे नहाए.

मैं फौरन बिस्तर पर बैठ गया. आर्यन कपडे़ पहन कर बाहर आ गया. बाहर आते समय उसने बाथरूम का दरवाजा भीडा़ दिया.

आर्यन ने बडे़ भोलेपन से पुछा रीना के बारे में, मैने उसे बताया कि वो अभी तक नही आई है. उसने कहा कि अगर मुझे चिंता हो रही हो तो मैं रीना को धुंधने जा सकता हूं वो तब तक यही रूक जायेगा. मैं भी कोई फसाद नही करना चाहता था तो बाहर निकल गया. लगभग 30 मिनट के बाद वापस आया तो रीना आर्यन के साथ कमरे में बैठी थी. मैने उस से बस इतना ही कहा कि नये शहर में अकेले नही घुमने जाना चाहिए. आर्यन ने बीच मे पड़ कर कहा, “तुम व्यर्थ मे चिंता करते हो भाई, ये शहर आश्रम के लिए मशहूर है. इस शहर में कभी कुछ गलत नहीं हो सकता.”

मैने और बहस करने कि अपेक्षा चुप रहना ही उचित समझा. आर्यन के जाने के बाद रीना ने चुप चाप खाना खाया और सो गई. मुझे पता था कि सुबह तक कोई ट्रेन नही थी तो सुबह तक रुकना मजबूरी थी, फिर भी अपने तरीके से होटल धुंधना शुरू किया पर नाकामयाब रहा. रात में ठीक आठ बजे आर्यन आ गया. उसने खाने के बारे में पुछा तो मैने बताया कि रीना के साथ बाहर खाने जाऊंगा. उसने अजय को फोन किया और कुछ देर पंजाबी में बात करने के बाद बताया कि अजय शायद रात में आश्रम में ही रुकेगा. उसने कहा कि अब तो जिंदगी भर मै रीना के साथ ही खाऊंगा एक दिन उसके साथ खा लूँ, वापसी में रीना के लिए ले आयेंगे. बहुत जिद करने के बाद मैने हा कह दिया और हम पास ही एक होटल में आ गये.

और कहानिया   पति को बीटा चाहिए

एक कैबिन में बैठने के बाद आर्यन ने कहना शुरू किया, “सैम! मै जानता हूं कि रीना के साथ जो मैने और अजय ने किया वो तुम जानते हो, और मुझे उसका अफसोस भी नही है. अगर तुम जाना चाहते हो तो जा सकते हो, पर ट्रेन तो सुबह ही है. अभी निकल कर स्टेशन पर इंतिजार ही करोगे. और हमारा भी डर बढा़ दोगे, जिसमे हम कुछ उलटा सीधा कर सकते है. सुबह पुरे सत्कार के साथ जाओगे तो हमें बहुत खुशी होगी.” मुझे तो उसकी बातो से बहुत डर लग रहा था तो मैने कोई जवाब नही दिया. उसने फिर पुछा कि अभी जाओगे या सुबह.

मैने धीरे से कहा सुबह. उसने कहा की रात भर रुक रहे हो तो एक बात बता ही देता हूं. रात में 9 बजे के आसपास अजय आयेगा तो हम लोग फिर से एक बार रीना के साथ आन्नद लेगे. तुम बीच में मत पड़ना नही तो मुसीबत में आ जाओगे. हम बाथरूम के बजाए बिस्तर पर ही उसके साथ सब कुछ करेंगे. अगर तुम्हे अच्छा न लगे तो बाहर चले जाना. सुबह पुरे सत्कार के साथ तुम्हे विदा करेंगे. मुझे उसके बातो के विश्वास पर बहुत अचरज हो रहा था.

Pages: 1 2 3

Leave a Reply

Your email address will not be published.