उसी दिन रात को यही सब सोचते हुए, वो बहुत उतेज्ज़ित फील कर रही थी।
वो अपने बिस्तर से उठी, कमरे से बाहर आई और पापा के रूम की तरफ चल पड़ी।
पापा के रूम के पास पहुँच कर, वो उनके रूम के डोर के की होल से अंदर देखने लगी और अंदर उसने जो देखा.! वो देख कर, उसकी भूख और बढ़ गई और वो और भी ज़यादा उतेज़ित फील करने लगी.!
उसने देखा की पापा अपने बिस्तेर पे पूरे नंगे लेटे थे।
उनका 9 इंच का लण्ड, पूरा खड़ा था और वो होम थियेटर पर वही खुद का और कविता का वीडियो देख रहे थे।
वो अपने कमरे में वापस आ गई और अपने सुसुर जी को सिड्यूस करने के बारे में, सोचने लगी।
थोड़ी देर सोचने के बाद, उसे ने अलमारी से एक सेक्सी सी बिकनी निकाली और उसे पहाँ कर, ऊपर से एक गाउन डाल कर स्वीमिंग पूल की तरफ चल दी।
स्वीमिंग पूल के पास पहुँच कर, उसने गाउन निकाल दिया और अब वो सिर्फ़ एक छोटी सी बिकनी में थी।
पापा के रूम की एक खिड़की, स्वीमिंग पूल की तरफ खुलती थी।
यामिनी ने जानमुझ कर, उँचाई से पानी में डाइव लगाई.! जिससे की बहुत आवाज़ हो और जैसा उसने चाहा था, वैसा ही हुआ.!
रात के 1 बजे स्वीमिंग पूल में पानी की आवाज़ सुन कर, पापा खिड़की पे आ गए और झाँक के पूल में देखने लगे।
उन्होंने, वहाँ यामिनी को बिकनी में स्वीमिंग करते हुए देखा।
थोड़ी देर देखने के बाद, उनके मन में यामिनी के लिए चुदाई की फीलिंग आने लगी और वो यामिनी को उसी नज़रों से देखने लगे।
देखते ही देखते, उनका लण्ड और टाइट हो गया और वो अपने सीधे हाथ से लण्ड को सहलाने लगे।
यामिनी ने स्वीमिंग करते हुए, ये सब भाँप लिया था।
वो पूल से, बाहर आ गई।
पूल के किनारे, ओपन में एक शावर था.! जो पूल और पापा की खिड़की के बीच था।
यामिनी, उसी शावर के नीचे बिकनी में खड़ी हो गई और पापा खिड़की पर खड़े हो के यामिनी के बदन को देखते हुए, लण्ड हिला रहे थे।
खिड़की के ग्लास से बाहर से अंदर नहीं देखा जा सकता था.! इसीलिए, पापा कॉन्फिडेंट थे क्यों की यामिनी उन्हें नहीं देख सकती थी.!
इसी का फ़ायदा उठा के, यामिनी भी अपने बदन को दिखा रही थी पर वो शीशे पे पड़ रही पापा की परछाईं को देख कर सब अनुमान लगा रही थी और समझ गई थी की पापा उसे देखते हुए लण्ड हिला रहे हैं।
थोड़ी देर दूर से देख के हिलाने का मज़ा लेने के बाद, पापा ने पास जा के यामिनी का बिकनी में लगभग पूरा नंगा बदन देखने का मन बनाया।
उन्होने, एक नहाने का गाउन पहना और पूल की तरफ चले गये और इधर पूल के पास यामिनी शावर से निकल के अपना बदन पोंछ रही थी।
जब पापा यामिनी के पास पहुँचे तो यामिनी तौलिया छोड़ कर, सीधा सीना फूला के उनके सामने खड़ी हो गई और गहरी साँसें लेने लगी।
गहरी साँसों के साथ, उसके बिकनी में से बाहर आने तो तैयार बूब्स, ऊपर नीचे होने लगे।
यामिनी के बूब्स को इस तरह, इतने पास से देख कर, पापा का लण्ड और भी बुरी तरह फड़फड़ाने लग गया।
सुसुर जी – अरे यामिनी, तुम इतनी रात को 1 बजे, यहाँ पूल में क्या कर रही हो…
यामिनी – हाँ पापा… वो नींद नहीं आ रही थी और कुछ समझ नहीं आया की क्या करूँ तो यहाँ स्वीमिंग करने आ गई…
ससुरजी – चलो, तुम मेरे कमरे में चलो… वहाँ एक एक ड्रिंक पीते हैं, शायद उसे के बाद, तुम को नींद आ जाए…
यामिनी – ठीक है पापा, चलो… वैसे भी मैं बहुत बोर हो रही हूँ और नींद बिल्कुल नहीं आ रही…
यामिनी ने अपना गाउन उठाना तो दूर, उसकी तरफ देखा भी नहीं और बिकनी में ही, पापा के साथ उनके रूम की तरफ चलने लगी।
रूम में पहुँच कर, यामिनी बेड पर बैठ गई और पापा बार के पास खड़े हो कर ड्रिंक बनाने लगे।
उन्होंने रेड वाइन के दो ग्लास भरे और एक यामिनी की तरफ बड़ा दिया।
यामिनी ने मुस्कुराते हुए, वाइन का ग्लास पापा से ले लिया।
ससुरजी – यामिनी, तुम्हारी बिकनी बहुत भीगी हुई है… तुम चेंज क्यों नहीं कर लेती…
यामिनी – पापा वो कपड़े लेने, ऊपर अपने रूम तक जाना पड़ेगा…
ससुर जी, अरे तुम को अपने रूम तक जाने की ज़रूरत नहीं है, मेरे बाथरूम में तौलिया है… तुम बिकनी उतार के तौलिया पहाँ लो, और फिर आराम से बैठ के मेरे साथ वाइन का मज़ा लो… जब नींद आए तो चली जाना…
यामिनी – ठीक है, पापा… गुड आइडिया…
ये कह कर, यामिनी उठ के बाथरूम में चली गई और बिकनी उतार के तौलिया पहाँ के बाहर आ गई।
दोनों वाइन सीप करने लगे।
यामिनी को देखते हुए, पापा के नहाने के गाउन के नीचे खड़े लण्ड से टेंट बन गया था।
वहीं यामिनी की भी हालत बुरी थी।
वो भी पापा के टेंट और थाइस और छाती के बाल देख देख कर, गरम हो रही थी।
यामिनी सोचने लगी की अब बात आगे कैसे बड़ाई जाए।
यामिनी ने पापा के लण्ड के दर्शन करने का एक जुगाड़ निकाला।
उसने पापा से बोला, टीवी चालू कर दूं और उठ के टीवी की तरफ बड़ी।
रास्ते में, वो सोफा था.! जिस पे, पापा बैठे थे.!
यामिनी ने उनकी टाँगों में उलझने का नाटक करते हुए, अपना वाइन का ग्लास पापा के ऊपर उडेल दिया और सॉरी बोलते हुए हाथ से वाइन झाड़ते हुए यामिनी ने पापा के गाउन का बेल्ट खोल दिया।
गाउन का बेल्ट खुलते ही, गाउन पापा के कंधों से झूलने लगा और उनकी सामने की बॉडी पूरी नंगी हो गई और लण्ड सीधा खड़ा हो के, यामिनी की तरफ खड़ा हो के सलामी देने लगा।
यामिनी पापा के लण्ड को भूखी नज़रों से देखने लगी और पापा ने अपना लण्ड ढकने की, ज़रा भी कोशिश नहीं की।
ससुरजी – क्या हुआ यामिनी… तुम ने मेरा गाउन क्यों खोला…
यामिनी – सॉरी पापा… आप के ऊपर, वो वाइन गिर गई थी और मुझे नहीं पता था की आप ने अंदर अंडर वियर नहीं पहना है…
ससुरजी – चलो, कोई बात नहीं… ठीक है…
यामिनी – पर पापा, आप ये गाउन पूरा निकाल दो… नहीं तो, वाइन से आपकी स्किन चिप चिपि हो जाएगी…
ससुरजी – ठीक है… पर गाउन निकाला तो मैं पूरा नंगा हो जाऊंगा…
यामिनी – कोई बात नहीं… मैं बिल्कुल भी माइंड नहीं करूँगी… आप गाउन निकाल दीजिए…
ससुरजी – ठीक है…
पापा ने, अपना गाउन निकाल दिया।
अब वो सोफे पर यामिनी के सामने, पूरे नंगे बैठे थे और उनका 9 इंच का पूरा खड़ा हो के यामिनी को सलामी दे रहा था।
यामिनी की नज़र, पापा के लण्ड पर ही टिकी थी।
यामिनी, अभी भी तौलिया में थी और वो किसी बहाने अपना तौलिया उतारने का प्लान बनाने लगी।
पापा का हाथ, लण्ड तक पहुँच गया था।
वो एक हाथ से, वाइन सीप कर रहे थे और दूसरे हाथ से यामिनी को देखते हुए लण्ड हिला रहे थे।
तब तक, यामिनी एक प्लान बना चुकी थी।