गर्लफ्रेंड की बहन की चुदाई

हेलो दोस्तों, मयूर मिश्रा आप सभी का स्वागत भारत की नम्बर १ सेक्स स्टोरी साईट antarvasna में स्वागत करता है. मैं आज पहली बार आपको अपनी कहानी सुना रहा हूँ. मैं इस समय स्नातक कर रहा हूँ. दोस्तों, मैं कई दिनों ने अपनी गर्लफ्रेंड आलिया की चूत मार रहा हूँ. उसको इतना चोद चूका हूँ की उसकी बुर बिलकुल ढीली हो चुकी है. अब तो उसे चोदने में जरा भी मजा नही आता है. धीरे धीरे मैं आलिया को इग्नोर करने लगा. मेरे कुछ दोस्त मुझे सलाह देने लगे की अब मुझे कोई और माल पटाना चाहिए और उसे चोदना चाहिए. इसलिए मैं अब कॉलेज में कोई नई माल ढूढने लगा.

एक दिन मेरी पुरानी माल आलिया अपनी बहन समीरा के साथ कॉलेज आई. उसको देखा तो मैं देखता रह गया.

“हेलो मयूर “मीट माई सिस्टर समीरा!!” आलिया बोली. समीरा ने हाथ आगे बढाया. मैंने हाथ बढाया और हाथ मिलाया. समीरा क्या गजब की माल थी. हवा में उसके कंधे तक बाल उड़ रहे थे. क्या हसीन चेहरा था उसका. हल्का लम्बा चेहरा था. खूबसूरत आँखे, सधी हुई नाक और २ प्यारे प्यारे होठ थे समीरा के. मैंने तो उसको ताड़ता रह गया.

“इसने अभी बी एस सी में एडमिशन लिया है. इसकी मदद कर देना” आलिया बोली. दोस्तों, मैंने उसी समय सोच लिया की आलिया की बहन को कैसे भी पटाना है और इसे चोदना है. अब मैं समीरा से समय समय पर मिलने लगा. उसकी क्लास खत्म होने से पहले मैं सीढियों पर खड़ा हो जाता. जैसे ही समीरा निकलती, मैं उसके आगे पीछे किसी मक्खी की तरह मडराने लगता. मैंने उसकी हर तरह की हेल्प करने लगा. वो नये नये शेरो शायरी सुनाने लगा.

फिर मैंने उसको पता लिया. धीरे धीरे मैंने उसकी चुम्मी भी लेने लगा. एक दिन मेरी पुरानी माल ने मुझे आलिया को कॉलेज की कैंटीन में किस करते देख लिया. जिस पर वो बहुत भड़क गयी. इसलिए अब मैं आलिया से सावधान रहता और उसने सामने कभी भी उनकी बहन को नही चूमता. एक दिन आलिया को चुदवाने की बड़ी जोर की तलब लगी. उसने मुझे काल किया.

“हाय मयूर !! आज मेरे घर पर आओ ना….तुमसे चुदवाने का बड़ा मन है. प्लीस आओ ना जान !! घर पर भी कोई नही है!” आलिया बोली. मुझे उसको चोदने में कोई खास दिलचस्पी नही थी. पर कैसे भी करके मुहे उसकी बुर लेनी थी. इसलिए मैंने हाँ कर दी.

“ओके जानू !! सी यू इन २० मिनट्स!!” मैंने कहा. मैंने तैयार होकर आलिया के घर पहुच गया. वो नाईट ड्रेस पहने थी. ना चाहते हुए भी मुझे उसको चोदना पड़ा. वो मुझसे गले लग गयी. आलिया ने मेरा एक एक कपड़ा निकाल दिया. ये सब मेरे लिए कोई नई बात नही थी. क्यूंकि कई बाद मैं उसकी चूत की सीटी खोल चूका था. फिर आलिया मुझे अपने कमरे में ले गयी. जबकि उनकी फूल जैसी माल बहन दुसरे कमरे में पढ़ रही थी. उसकी चूत मारने तो मैं यहाँ आया था.

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आलिया ने मेरे बदन के सारे कपड़े निकाल दिए. मेरा निकर भी उसने निकाल दिया. किसी रंडी की तरह मेरे पास आकर वो मेरा लौड़ा चूसने लगी. दोस्तों, ये सब हम दोनों के लिए पुरानी बात हो गयी थी. शुरू शुरू में आलिया मेरा लौड़ा चूसने को जरा भी तैयार नही था. वो बार बार कहती थी की ये बहुत गन्दा होता है. फिर उसको लौड़ा चूसने की आदत हो गयी. अब तो वो किसी रंडी की तरह लौड़ा चूसती थी.

मैं बिस्तर पर लेट गया. अलिया मेरा लौड़ा मजे से चूसने लगी. फिर वो जोर जोर से किसी देसी कुतिया की तरह मेरा लंड चूसने लगी. मेरी दोनों गोलियों को भी चूसने लगी. कुछ देर बाद मेरा लंड उसको चोदने को रेडी था. मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया. उसकी चूत पीने लगा. बिलकुल बाल सफा बुर थी आलिया की. क्यूंकि वो जानती थी की झाटे मुझे बिलकुल नही पसंद है. इसलिए उसने अपनी चिकनी चमेली चूत को साफ करके रखा था.

हमेशा की तरह मैंने इस बार भी आलिया की चूत पी. जीभ से उसे खूब चाटा. फिर उसकी बुर में ऊँगली करने लगा. कुछ देर चूत फेटने के बाद उसकी चूत अपना माल छोड़ने लगी. फिर मैं अपना लंड डालकर आलिया को चोदने लगा. आधे घटें तक तक मैं उसको चोदता रहा और उसकी जवान १६ साल की रापचिक माल समीरा के बारे में सोच रहा था. कुछ देर बाद मैंने आलिया की उबलती चूत में अपना खौलता माल छोड़ दिया.

आलिया चुदवाकर चादर खींच कर सो गयी. मुझे समीरा की याद बार बार आ रही थी. इसलिए मैं चुपके से वहाँ से खिसक गया और कमरे के बाहर निकल आया. मैंने समीरा के दरवाजे पर नॉक दिया. दरवाजा खुला था. मैं समीरा के पास जाकर बैठ गया. उसे मक्खन लागने लगा. वो मेरी एक एक जुमले पर हँसने लगी. मैंने धीरे से उसके गाल पर किस कर लिया. मैंने जानता था की समीरा तो चोदने का इससे अच्छा मौका फिर नही मिलेगा. हम और समीरा किस करने लगे. मेरा हाथ उसके टॉप पर चला गया. मैंने उसके नये नये दूध दबाने लगा.

“समीरा !! चूत देगी ???’  मैंने कहा. वो तो बिलकुल झेंप गयी. उसके मुँह से ना हा निकला ना ना निकला.

“समीरा !! ये कोई बड़ी बात नही होती है. अभी अभी मेरी दीदी को चोदकर आया हूँ ..जाकर देख ले कैसे सुंदर सुंदर सपने देख रही है. मजे से छिनाल सो रही है अपने कमरे में !!! चुदने के बाद नींद बहुत मस्त आती है !!” मैंने समीरा से कहा. वो कुछ नही सोच पा रही थी.  मैं जान गया था की समीरा को चोदने का इससे अच्छा मौका फिर कभी नही मिलेगा.

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मैंने धीरे धीरे समीरा के दूध अपने हाथों से मीन्जने लगा. विदेसी के सेक्सी गुलाबी कुवारे होठ चूमने लगा. बिलकुल कच्ची कली थी वो. धीरे धीरे समीरा भी चुदने को तैयार हो गयी. मैंने उसका टॉप निकाल दिया. उसने सफ़ेद जालीदार ब्रा पहन रखी थी. मेरी तो आँखों में चमक आ गयी.

मैंने समीरा की ब्रा का हुक खोल दिया. जैसे ही ब्रा हटाई मेरी तो दोस्तों तकदीर की बदल गयी थी. बला के २ बेहद खूबसूरत रुई से सफ़ेद दूध मेरे सामने थे. निपल्स की चुचियाँ उपर की ओर काफी काली थी. कितने देर तक मैं समीरा के दूध ताड़ता रहा, मुझे भी नही मालूम है. मैंने उसको उसकी बड़ी सी स्टडी टेबल पर ही लिटा दिया और उसके मुलायम दूध दबाने लगा. समीरा आहे भरने लगी.

“मयूर !! प्लीस धीरे धीरे करो !! लगता है !!” मेरी जान समीरा बोली.

इसलिए मैं उसका ख्याल रखते हुए आराम आराम से समीरा के कोरे कागज़ से कुवारे दूध दबाने लगा. वो गर्म गर्म आहे भरने लगी. मम्मी मम्मी पुकारने लगी. धीरे धीरे उसके पेट , और नंगी पीठ को मैं चूमने लगा. दोस्तों आलिया जहाँ लम्बी चौड़ी साढ़े ५ फुट की लड़की थी. वही समीरा किसी नाजुक फूल से कम नही था. समीरा सिर्फ साढ़े ४ फुट की माल थी. पर थी बहुत प्यारी. क्या हसीन सामान थी. इसलिए मैं आराम आराम से समीरा के दूध दबाने लगा. धीरे धीरे उसके पुरे जिस्म को चूमने लगा. बिलकुल खरगोश जैसा मुलायम खूबसूरत बदन था.

मैं जानता था की मुझे आराम आराम से उसको चोदना पड़ेगा. क्यूंकि उस जैसी फूल को जोर जोर से ठोकना बहुत नाइंसाफी होगी. धीरे धीरे मेरे हाथ समीरा की जींस तक पहुच गये. मैंने उसके नाजुक रुई से मुलायम और सफ़ेद दूध पीते पीते उसकी नीली डेनिम जींस की बटन खोल दी. फिर जिप भी खोल दी. मेरे हाथ अंदर उसकी पैंट में घुस गये. समीरा ने अंदर पेंटी पहन रखी थी. मैंने हाथ से छेड़ छाड़ करने लगा और समीरा के छोटे छोटे दूध पीता रहा. उफफ्फ्फ्फ़ !!

कितना मजा आ रहा था उसके कुवारे दूध पीकर. मुझे नही लगता था की किसी लड़के ने आज तक उसके दूध पिये थे. मैंने धीरे धीरे समीरा की जींस निकालनी शुरू की. जींस उसके घुटनों के पास फंस गयी. बहुत टाइट जींस थी उसकी. मेरे हाथो को काफी मेहनत करनी पड़ी उसकी जींस निकलने के लिए.

आखिर मैंने समीरा को नंगा कर लिया. पेंटी तो निकालकर किनारे रख दिया. मैंने देखा समीरा की चूत पर एक प्यारी तितली बनी हुई थी. मुझे जानने की जिज्ञासा हुई.

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