मैं संदीप एक ऐसी कहानी बता रहा हूँ। मैंने अपनी बहु, छोटे भाई की बीवी को चोदा!
छोटे भाई की बीबी थी देखने में गोरी और नाटे शरीर की! गोरी इतनी कि देखने से ही लंड खड़ा हो जाए!
मैंने उसकी आँखों में एक वासना देखी जो मेरे लिए अच्छी थी।
भाई घर पर कम रुकता था। मैं रोज रात में घर जाता हूँ।
एक रात मैं किसी काम से बाहर गया था। रात को १-१.३० बजे आया। मैं मूतने के लिए गया, उसके कमरे को देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने उसकी कुण्डी धीरे से हिलाई ताकि मेरी बीवी न जगे। मेरा व उसका कमरा पास-पास में था।
उसने कुण्डी की आवाज सुन कर दरवाजा खोल दिया। उसको मालूम था मैं ही रात को आउँगा। वो मुझसे बोली- जल्दी अन्दर आ जाओ!
मैं तुंरत अन्दर गया।
और दरवाजा बंद कर दिया उसने!
मेरे लंड मैं खुजली होने लगी।
वो तुंरत लेट गई कहने लगी- जल्दी कर लो नहीं तो कोई जान जाएगा।
मैंने कहा- कोई यह नहीं जानता कि मैं घर आ गया हूँ।
वो इत्मिनान से लेट गई। उसकी धोती जांघों के ऊपर थी। उसकी गोरी जांघों को देख कर मेरा लंड पानी छोड़ने लगा।
मैंने उसकी धोती उतार दी। उसके बड़े बड़े दूध, जो ब्लाउज के अन्दर थे, देख कर मैं और उत्तेजित हो गया।
उसने मेरे लंड को पैंट के ऊपर से पकड़ लिया। करीब पौन फ़ुट लंबा लंड पकड़ कर वो खुश हो गई। उसने मेरी पैंट की बेल्ट को खोल डाला और मेरे अन्डरवीयर में हाथ डाल कर लंड को बाहर निकाला, उसमें से पानी चू रहा था। उसने उस पानी को अपनी जीभ से चाट लिया। अब मैंने उसका ब्लाउज उतार दिया। वो ब्रा पहने थी। कोई भी ब्रा उसकी चूचियों को अपने अन्दर समेट कर नहीं रख सकती, इतनी बड़ी थी।
मैंने ब्रा उतार दी। अब वो पेटीकोट पहने थी। मैंने पेटीकोट का नाड़ा पकड़ कर खींचा तो बुद की आवाज कर के खुल गया।
उसकी झांटें बड़ी बड़ी थी। अब मैंने अपने कपड़े उतार दिए, दोनों लोग नंगे हो गए थे उसने मेरे लंड को मुँह में रख कर चूसना शुरु कर दिया।
मैं थोड़ी देर बाद उसके मुँह में मूतने लगा, मुझे मुतास तो लगी थी ही! आधा लीटर मूत पीने के बाद उसकी प्यास कम हुई।
तब वो अपनी ताल जैसी चूत फैला कर लेट गई। उसकी गोरी बुर में लाल लाल देख कर बुर का पानी चाटने का मन होने लगा। मैंने उसकी बुर खूब चाटी। उसने हाथ रख कर मेरे सर को दाब लिया उसकी चूत नहीं, भोसड़ी नहीं, भोसड़ा था। मेरा आधा मुँह घुस गया।
तब मैं उठा और उसकी बुर को फैला कर उसके ऊपर लेट गया।
उसने मेरे लंड को पकड़ कर बुर पर रखा।
मैंने कहा- रखने की कोई जरुरत नहीं! अपने आप घुस जाएगा!
तो उसने कहा- छोटी उम्र से ही चोदी जा रही हूँ! मेरे फूफा मुझे खूब चोदते थे लेकिन उनका लंड तुमसे छोटा था। अब जल्दी लंड पेलो!
मैंने तुरंत उसकी ताल जैसी भोसड़ी में लंड डाल दिया। उसने टागें फैला दी थी जिससे उसकी चूत और भी चोड़ी हो गई थी व उसके बच्चेदानी पर हच-हच मेरे लंड का सुपाड़ा लगने लगा। वो जोर जोर से नीचे से ठोकर मार मार कर १००-१०० ग्राम पानी छोड़ने लगी।
मेरा लंड उसकी चूत में फच फच होने लगा। वो कह रही थी- बच्चेदानी तक भी मेरी फाड़ डालो!
मैंने उसे बहुत चोदा। वो तीन बार झड़ी। बाद में मैं 6-7 पिचकारी छोड़ कर ढेर हो गया।
उसने मेरे लंड को अपने मुँह से चाट चाट कर साफ कर के मुझे रवाना किया।
मुझे और उसको बहुत मजा आया।
अब जब भी मौका मिलता है मैं उसे चोद डालता हूँ।
कहानी लिखने के एक दिन पहले भी चोदा