हेलो फ्रेंड्स मई शाश्वत एक बार फिर आओ के बीच अपनी एक मस्त सॅकी स्टोरी ले कर आया हू. उमीद है आप इसे भी वेसा ही प्यार देंगे जैसा पहले की स्टोरीस को दिया था.
जो लोग नये है उनको बीटीये डू की मई एक गाओ से हू बुत पिछले काई सालो से सिटी मे रह रहा हू. लेकिन गरमी की चुट्टियो मे मई गाओ ज़रूर जाता हू. मई एक 5.5 का नौजवान हू. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच ह. अब मई आपको ज़्यादा बोर ना करते हुए स्टोरी पर आता हू.
तो सभी लोग अपना लंड और छूट ले कर तैयार हो जाइए चुदाई की दुनिया मे सफ़र करने के लिए.
शाश्वटस्स799@गमाल.कॉम
मेरी सारी फॅमिली सिटी मे रहती है. पर मेरा एक घर गाओ मे भी है जिसमे कोई नही रहता था. मेरे घर के बगल मे मेरे टॉ जी का घर है.
टॉ जी के घर मे मेरे टॉ जी, मेरे भैया और भाभी रहती है. क्यूकी भैया पास के सहर मे एक शॉप मे काम करते थे तो वो वीक मे दो दिन ही घर मे रहते थे, बाकी के 5 दिन वो शॉप पे ही रहते थे. और टॉ जी भी सुबह खेतो मे ही रहते थे, खेतो को जनवारो से बचाने के लिए.
तो ये बात लॉक्कडोवन् से पहले की है. 2019 की गर्मियो मे मई अकेला ही गाओ आया हुआ था. मेरे आने पर टॉ जी भैया और भाभी बहुत खुश थे.
क्यूकी मई अपने गाओ के घर मे अकेला था तो मेरा खाना रोज भाभी ही बनती थी और टॉ जी के घर मे ही मई खाना ख़ाता था.
अब आपको मिलावाता हू मई अपनी इश्स कहानी की हेरोयिन मेरी भाभी से.
भाभी का नामे नेहा है, तब उनकी आगे 24 रही होगी. और तब उनकी शादी को 2 साल के लगभग हो गये थे. उनको एक 6 महीने का बाकचा भी था तब.
भाभी दिखने मे बहुत प्यारी लगती थी. उनकी हाइट 5.1 होगी, थोड़ी सवला सा स्किन कंपेक्स्षन था, बिल्लकुल पूजा हेगड़े की तरह. उनका फिगर 34-26-34 का होगा. फिगर भाभी का बिल्कुल जानलेवा था. कुल मिला कर भाभी इतनी मस्त माल है की अकचे अकचो का लंड उनकी ब्यूटी और फिगर देख कर पानी छ्चोड़ दे. खैर ज़्यादा इंतेज़ार ना कराते हुए शुरू करते है स्टोरी.
गाओ मे पहले 2 दिन हसी ख़ुसी सब से बाते करने मे और घूमने फिरने मे बीत गये. फिर मंडे को सुबह मुझे बिके से भैया को दूसरे सिटी मे उनकी शॉप पर छ्चोड़ने जाना था.
तो मई भैया को छ्चोड़ कर 12 भजे दोपहर मे बिके लेकर वापस गाओ मे भाभी के घर आया. तब तक टॉ जी खेतो मे जेया चुके थे. मैने भाभी की आवाज़ लगाई और बोला, “भाभी बहुत भूंक लग रही है खाना ले आओ.”
फिर भाभी जब मुझे सब्जी देने के लिए नीचे झुकी तो मेरी नज़र भाभी की ब्लाउस से झाकते बूब्स पर पड़ी. उनका क्लीवेज और थोड़ी सी चुचि भी दिख रही थी.
ये देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा पर मैने कंट्रोल किया. फिर हम दोनो मिल कर खाना ख़तम किया. मई बीच बीच मे मज़ाक भी करता था भाभी से.
फिर भाभी बोली की हमने तो खाना खा लिया अब बेबी को भी उसका खाना खिला देती हू. ये सुन कर मई समझ गया की भाभी बेबी को दूध पिलाने जा रही है.
तो मई भी उनके पीछे पीछे उनके रूम चला गया, बुत भाभी ने सारी के पल्लू के अंदर ही बेबी को दूध पिलाया. मई भाभी के बूब्स तो नही देख पाया बुत ये सीन देख कर मुझे बहुत मज़ा आया. फिर मैने अपने घर मे आ कर भाभी को सोच कर मूठ मारी.
अब भाभी के प्रति मेरा नज़रिया बिल्कुल बदल गया था. अब मई भाभी के नाज़ुक जिस्म का मज़ा लेना चाहता था, और उनको जाम के छोड़ना चाहता था.
फिर मई रोज चुप कर भाभी को बातरूम मे नहाते हुए देखने लगा. पर बातरूम मे लाइट ना लगे होने के कारण, मई ज़्यादा कुछ ठीक से नही देख पता था. फिर भी भाभी की चुचिया देख कर मूठ मारता था.
एक दिन भाभी ने मुझे उनको नहाते हुए देखते देख लिया. मई जल्दी से वाहा से भाग कर भाभी के रूम चला गया. फिर जब भाभी नहा कर गीले बालो मे ब्लाउस और पेटिकोट मे रूम मे आई तो वो बहुत हॉट लग रही थी.
मुझे देख कर भाभी बोली – “आज कल बातरूम के बहुत चक्कर लगा रहे हो, क्यू?” तब मैने हास कर भाभी को जवाब दिया की “बातरूम मे एक चीज़ ही इतनी सुंदर है की उसे देखने जाना पड़ता है.”
इश्स पर भाभी भी हास कर “हॅट पागल” बोल कर बात ताल दी.
तो मुझे भी समझ आ गयी की लाइन क्लियर है और शायद भाभी सेट हो जाए.
फिर उसी दिन जब मे खाना खाने भाभी के घर 1 भजे के आस पास गया तो देखा घर मे कोई नही था. जब मैं भाभी के रूम मे पहुचा तो उनको देख कर मेरे होश ही ुआद्द गये.
भाभी बेड मे लेती सो रही थी और भाभी का ब्लाउस उनके बूब्स के उपर था. और उनके दोनो गोल-गोल कड़क बूब्स बिल्कुल नंगे बाहर थे. उनके पास मे लेते बेबी को देख कर मई समझ गया की भाभी बेबी को दूध पीला कर वेसए ही सो गयी थी.
ये सीन देख कर मेरे लंड मे तूफान सा आ गया था और मेरा लंड बिल्कुल कड़क हो गया था.
फिर मई भाभी के पास जेया कर पास से भाभी के चुचो को देखने लग गया. भाभी के निपल्स बिल्कुल काले जामुन जैसे थे. और उनको बूब्स गोल और बिल्कुल टाइट थे. भाभी के बूब्स मे काई सारी वेन्स भी थी जिससे भाभी के चुचे और भी सेक्सी लग रहे थे.
फिर मैने पहले भाभी की तरफ देखा तो वो सो रही थी आराम से. मैने अपना हाथ उनकी प्यारी प्यारी चुचिया पर आराम से रखा और उनके निपल्स को छुआ. फिर मैने निपल्स पे किस भी किया और चूसा भी. मैने उनके पूरे बूब्स पर किस किया. मैने उनको हल्के से प्रेस किया थोड़ी देर प्रेस करने पर भाभी हिलने लगी तो मई तोड़ा साइड हट गया.
उसके बाद भाभी उठ गयी और मुझे देख कर और अपने नंगे चुचे देख कर तुरंत ब्लाउस के अंदर कर लिया.
तो मई भाभी से बोला – क्या भाभी कितना अक्चा नज़ारा था क्यू छुपा लिया आपने अपने कबूतरो को.
भाभी बोली – शैतान ये कबूतर पिंजरे मे ही अकचे लगते है.
और फिर हंस कर मुझसे बोली अक्चा आज तुमको अपने भैया को लेने जाना है याद है ना?
फिर मई खाना खा कर भैया को लेने सिटी चला गया और फिर शाम को 6 भजे भैया को लेकर वापस गाओ आ गया. हमने थोड़ी बाते की और मई 8 भजे खाना खा कर अपने घर आ गया.
पर मुझे नींद नही आ र्ही थी. मुझे बार बार भाभी के चुचे ही याद आ थे थे. फिर मैने सोचा की क्यू ना जा कर देखु की भैया भाभी क्या कर रहे है.