एक औरत की भूखी छूट की तड़प भाग-1

अस्पताल को देख मुझे बड़ी ख़ुशी हुइ. वैसे तो अस्पताल में दुखी लोग होते हे पर वो फर्स्ट फ्लोर्र पे थे और यहाँ स्टाफ को देखके लगा की समां बहोत रगीन हे, अभी दोपहर के करीब १.१५ हो गए थे तो सुष्माजी मुझे केंटिन में ले गयी और कहा चलो विकीसाब आजका लंच हमारी तरफ से….और वहा हमें करीब करीब पुरे स्टाफ से मुलाकात भी हो जाएगी. में आपका उन सब से परिचय भी करवा दू (दोनों मुस्कुराऐ और में उनके पीछे उनके मटकते चूतडो को निहारता केन्टीन की और चल दिया….

केंटिन भी एसी था.. और काफी अच्छा था. वहा खाना खाते हुए सुष्माजी जिन लोगो का अपने तरीके से परिचय करवाया और मैंने जिस तरीके से उन लोगो अपनी नजर से देखा यह आपको बता दू….. सबसे पहेले डॉ. सुषमा…

डॉ. सुषमा ४० वर्षीय स्मार्ट सुन्दर, पेशे से स्किन स्पेशयालिस्ट डॉक्टर, शादीशुदा दो बचो की माँ, ५-७ इंच मस्त लम्बी, बिना रोमवाली मक्खन सा मुलायम और चिकने बदनवाली, ३७-२३-३८ का जबरदस्त सेक्सी फिगरवाली हसीना थी वो. उसकी नशीली काजलमली बड़ी सुदर बड़ी बड़ी आंखे जो भी नजर मिलाये वो उसके नशे में डूब जाये, शादीशुदा होने के बावजूद उन्नत कठोर भारी पके आम जैसी मस्त लचीली चुचिया. और लचीले भारी भरकम पपीते जैसे चुतड उसकी सुन्दरता में चार चाँद लगते हे. वो चले तो उसके मांसल कुल्हे ऐसे थिरकते हे के देखने वाले का लंड उसे बिना नंगी देखे पेंट में दस्तक देने लगे. शायद हमेशा वो लो कट स्लीवलेस ब्लाउज और पारदशी साडी पहनती है जिससे उसके सुड़ोल स्तनों के दर्शन बड़ी आशानी से हो जाते हे. हां दोस्तों मुझे उनकी एक बात बहोत ही अच्छी लगी. वो बड़ी खुले मनवाली और हेल्पींग नेचर की हे. हम पहली बार मिले पर १५ मिनट के बाद वो मेरे साथ अनजान नहीं रही.

डॉ. सबनम कुरैशी, ३५ वर्षीय डीवोर्सी औरत हे जो पेशे से एक गाईनेकोलोजिस्ट डॉक्टर, करीब ६ फिट लम्बी, शायद मुझसे थोड़ी ऊँची हे. उसका हल्का काला, पर नागिन सा मुलायम चिकना बदन, बॉब कट काले घने बाल, ३६-२४-३६ का परफेक्ट फिगर, मस्त भरी हुई उन्नत एवं कठोर चुचिया, सरबती ओठ, सेब जैसे मस्त गाल, नशीली आंखे, हमेशा मुश्कुरता मस्त चहेरा. एकदम स्मिता पाटिल जैसी लगती हे, वो हमेशा हाई हील सेंडल और जीन्स-टी शर्ट में रहती हे. उसके बदन से एक सेट की मादक खुश्बू आती थी. टी शर्ट से उसके लचकते स्तनों को में जिस नज़र से देख रहा था वो शायद उसने देख लिया था.. वो गजब की सेक्स अपीलवाली मस्त खुस मिजाज औरत हे… उसने पहली मुलाकात में ही मेरा गजब मजाक उडाके मेरी फिरकी ले डाली. वो आज ही मेरी अच्छी दोस्त बन गयी. वो यहाँ अस्पताल में अपनी माँ और छोटी बहन शमीम के साथ रहती थी.. वो उसे पढ़ाने यहाँ नौकरी कर रही है.

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दिल तो मेरा तब मचला जब सुषमा ने आंख नचाके मुझे हेड नर्स सपना से मिलाया. सपना एक सेक्स मिसाइल की तरह मेरे दिल पे आके टकराई और मेरा दिल और लंड दोनो को हिला के रख दिया..जब उसने हेल्लो सर करके मुझसे हस्तधुनन किया. तो लगा वो मेरा लंड ऐसे पकड़कर मेरा हस्तमैथुन कर रही हे, वो एक निशिली शराब जैसी करीब ३० साल की चिकनी मस्त जवान, गोरी चीटी मखमल की कश्मीरी गरम शोल जैसी. कोकाकोला की बोतल सा मस्त गोलाईवाले गदराये बदनवाली, ५-६ इंच लम्बी, संतरे चिर जैसे मुलायम कोमल लाल चटक होठ, तीखी नाक, सुराहीदार गर्दन, ३६-२३-३७ का फिगर, antarvasna उसपे दो बड़े तरबुच जैसे गोल उन्नत कठोर चुचिया जैसे ही मैंने देखि तो उसे दबाके चूसने का मन हो गया और मेरा लंड निकर मेंसे मुझे दस्तक देके बगावत करने लगा. उसके स्तनों मध्य में दो मस्त निप्पले उसकी ड्रेस के ऊपर स्पष्ट उभरी दिखती थी. क्योंकि उसने नर्सवाला वाइट स्कर्ट घुटनों तक पहना था तो उसके मखमली चिकने बिना रोमवाले (रुए) पैरो की गुलाबी घुटने उसका बदन अन्दर से कितना चिकना होगा….उसका आशानी से आप अंदाज़ लगा सकते हो. अआहा में तो मदहोस हो गया. उसने मुझसे हाथ मिलाया तो मैंने उसे कसके दबाया.. आह्ह्ह क्या चिकनाई के कोमलता वा..ओ… मन करता था उसे वही पकड़ के चोद लू. पर क्या करू? इसके अलावा में करीब ७-८ स्टाफ मेम्बर्स को मिला पर मेरा दिल सपना पे जा अटका देख था वो देख सुषमा ने कहा ..

सुषमा: चलो साब अब तो हमलोगो रोज़ यहाँ मिलेगे, चलो ऑफिस में जाये..? शायद डॉक्टर दस्तूर ऑपरेशन करके आ गए होगे..

में: (ठंडी आह बरते हुए) हा चलो मेम.. लेडीज फर्स्ट…. (वो मुस्कुराके मेरे आगे और में उसके पीछे चलने लगा).

सुषमा ने शायद मेरी आँखों में सपना के लिए मेरी सेक्स अपील महसूस करली थी..उसने मेरी नज़र में सपना को लेके जो प्यार और नशा था वो देख लिया था, आखिर डॉक्टर थी वो. मेरी मचलती निगाहों को न समजे उतनी अनाड़ी भी नहीं..

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में उसके पीछे चलने लगा, जहा मौका मिला, चलते चलते उसके मटकते कुलहो पे में अपने हाथ से अहिस्ता से चपत मार लेता जैसे अनजाने में हुआ हो, जैसे ही मेरा उसे छूता तो वो पीछे देखती, में.. सॉरी मेम्म…कह देता जैसे गलती से हुआ हो.. वो भी मस्त स्माइल देते हुए आगे मचलती हुई अपनी गांड को मटकाते हुए चलती रहती.. हम ऑफिस में गए तो डॉ दस्तूर आ चुके थे.. उसने मुझे वेलकम किया, हाथ मिलाया और मेरे अपोइन्टमेंट लैटर पे अपने दस्तखत कर, मुझे अपने केबिन दिखया, जोकी डॉ. सुषमा की बिलकुल बगल में था और बिच में एक ग्लास डोर जिससे एक केबिन से दूसरी माँ आ जा सके.. में और भी खुश हुआ क्योंकि सुषमा जैसी मस्त माल मेरी बगल में ही बैठनेवाली थी.

डॉ. दस्तूर: देखो आज से आप ज्वाइन कर लो डॉ.सुषमा आपकी हेड हे. वो आपको आपके काम के बारे में बता देगी जो आप उनसे अच्छे से समज लो, और उसे शिकायत का कोई मोका न देना. खास बात, यहाँ बारी बारी छुटी नहीं मिलती. तो मेरे पास छुटी कोई कोई दरखास्त लेके मत आना. आपका क्वाटर ऊपर हे. हलाकि अभी आप जूनियर डॉक्टर हे तो आपको नर्सिंग स्टाफ के पास रहना हे, आपका क्वाटर हेड नर्स सपना के बगल वाले नर्सिंग क्वाटर्स में १३ नंबर का रहेगा..आपको किसी चीज़ की जरूरत हो तो सुष्माजी को बताओ. ठीक हे.? आपका की कोई परेशानी या सवाल हो तो आप सीधे मुझे मिल सकते हो…

एकदम पॉइंट पॉइंट बात करके वो लंच के लिए चल दिए और में सुषमा ले साथ बड़ा खुश होता हुआ चल दिया.. (दिल में फूलजडिया छुट रही थी, दिल करता था जोर से चिलाऊ… याहू….)

सुषमा: चलो….. लगता हे भगवान् ने बड़ी फुरसत में आपकी तक़दीर लिखी हे… आओ आप को आपकी जगह और काम बता दे.. मालूम होता हे काम तो आप अपने तरीके से करोगे पर मेरे हिशाब से काम केसे करना हे वो में आपको बतादू…(बड़ी चुभती नजरो से देखते हुए वो मुझे अपनी केबिन ले गयी… असली किस्सा तो अब शुरू होनेवाला था.

दोस्त अब चुदाई का महाजंग छिड़ने वाला हे, आप बस थोडा सा इंतजार करे और अपनी इस कहानी के बारे और अपनी काम समस्या को लेके मुझे मेल करे…..मुझे इंतजार होगा……

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