दोस्त ने बोलै चोद मेरी बीवी को भाग 2

मैं समझ रहा था कि वो दोनों आईवीएफ के जरिये मेरे वीर्य से बच्चा करवाना चाहते हैं.

हम तीनों ने चार चार पैग हलक से उतार लिए थे और अब नशा सवार होने लगा था.
तभी थोड़ी देर में मुझे शॉक लगा. जब भाभीजी ने मुझसे पूछा- बेडरूम में कब चलना है?

मैं हैरान होकर दोनों को देखने लगा, मेरी बोलती बंद थी और मैं शर्मा रहा था. क्योंकि मैंने कभी किसी के सामने उसकी बीवी से सेक्स के बारे में कभी सोचा भी नहीं था. लेकिन इस बातों से मेरे लंड में हलचल मच चुकी थी. मैं यह सोच रहा था कि मैं कैसे संजय के सामने हंसिका को चोद सकता हूँ.

मेरी यह बात शायद उन्हें समझ आ चुकी थी. संजय बोला- देखो, मेरी बीवी मुझे धोखा नहीं दे रही है, बस हमारे लिए एक बच्चा हो जाए, हम दोनों उसका बंदोबस्त कर रहे हैं. हां अगर तुम तैयार नहीं हो, तो अलग बात है.
मैंने बोला- ऐसी बात नहीं है.
इतने में भाभीजी बोलीं- क्या मैं अच्छी नहीं लगती?
मेरे मुँह से निकल गया कि भाभीजी आप तो बहुत अच्छी लगती हो, अगर मौका मिलता, तो शायद मैं आपसे शादी भी कर लेता.

मेरी इस बात पर दोनों हंसने लगे और भाभी ने मेरा हाथ पकड़ कर पूछा- फिर शर्मा क्यों रहे हो?
मैंने उन्हें बताया- कभी किसी और के सामने मैंने सेक्स नहीं किया.
संजय ने कहा- मुझे पता है कि ऐसा कुछ हो सकता है … इसलिए मैं हॉल में ही रुकने वाला हूँ और तुम दोनों बेडरूम में जा सकते हो.

इतने में हंसिका भाभी ने मेरा हाथ जोर से पकड़ा और खींचते हुए मुझे अपने बेडरूम ले गईं.

बेडरूम के अन्दर घुसते ही मैं फिर से हैरान हो गया, पूरा बिस्तर सुहागरात की तरह सजा हुआ था. बिस्तर पूरा फूलों से सजा हुआ था.

इतने में संजय पीछे से हंसते हुए बोला- बंदोबस्त ठीक है ना … या कुछ और चाहिए?
मैं भी अब तक थोड़ा कम्फ़र्टेबल हो गया था और बोला- नहीं नहीं बहुत है … लेकिन दरवाज़ा बंद करना पड़ेगा.
इस पर संजय बोला- मेरी बीवी है कोई रंडी नहीं … इसलिए आराम से करना … सिर्फ बच्चा चाहिए.
मैंने हंसते हुए दरवाज़ा बंद दिया.

भाभीजी ने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया और बोलीं- पहले डांस देखना पसंद करोगे?

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यहां मैं बता देना चाहता हूँ कि इससे पहले भी हम कई बार क्लब्स साथ में गए हैं … लेकिन हर बार संजय और हंसिका आपस में ही डांस करते थे.

मैंने हां कहा, तो भाभी जी ने वहीं पर रखे स्मार्ट टीवी पर सेक्सी गाने लगा दिए और मादक अदाओं में मेरे आस पास नाचने लगीं.

उनको नाचता देख कर मेरा लंड टाइट होता जा रहा था. इतने में भाभीजी नाचते हुए अपना पल्लू नीचे गिरा दिया और मेरे सामने झुक कर अपने स्तन दिखाने लगीं.

फिर धीरे धीरे उन्होंने अपनी पूरी साड़ी उतार दी और अब वह पेटीकोट और ब्लाउज में थीं. उनका ब्लाउज बस उनके निप्पलों को ढक पा रहा था और बाकी सब माल साफ़ दिख रहा था. उनके निप्पलों और ब्लाउज को देख कर पता चल रहा था उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.

फिर वह टेबल पर रखी व्हिस्की की बोतल से एक लार्ज पैग बना कर बिल्कुल मेरे पास आईं और कमर हिलाते हुए मुझे गिलास थमा दिया. फिर धीरे धीरे उन्होंने अपना पेटीकोट उतार दिया. अब वह केबल अपने ब्रा टाइप ब्लाउज और पैंटी में थीं.

भाभी जी की पैंटी और ब्लाउज भी मैचिंग के थे और पैंटी भी डिज़ाइनर थी.

इस नजारे को देख कर मेरे होश उड़ रहे थे. भाभी थोड़ा नाचते हुए मेरी गोद में आ गईं और अपनी गांड से मेरे लंड को दबाकर बैठ गयी. मैंने उनके होंठों से गिलास लगा दिया उन्होंने गिलास से एल लम्बा घूँट भरा और मेरे होंठों से अपने होंठों को लगते हुए मुझे शराब पिला दी. फिर वो अपनी गांड को मेरे लंड पर मस्ती से हिलाने लगीं.

ऐसे करते हुए उन्होंने मुझे इशारा किया कि पीछे से मेरा ब्लाउज खोल दो.
मैंने हाथ लगाया ही था कि भाभी पीछे मुड़ कर मादक अदा में इशारे से बोली- अपने दाँतों से ब्लाउज खोलो न यार.

मैंने गिलास एक तरफ रख दिया. मैं थोड़ी मेहनत के बाद उनके ब्लाउज के हुक्स खोल पाया. पर उन्होंने ब्लाउज पूरा हटाया नहीं, बल्कि वह मेरे सामने उठकर पहले तो मेरी तरफ पलट गईं. फिर धीरे से ऐसे ब्लाउज हटाया, जिससे उनके एक हाथ से उनके स्तन छुप जाए.

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फिर भाभी वापस मेरी गोद में आकर अपनी गांड घिसते हुए बिना हाथ लगाए पैंटी सरकाने लगीं और ऐसा करते करते उन्होंने पूरा ढक्कन उतार दिया.

थोड़ी देर वैसे ही घिसाई करने के बाद वह सामने को जाने लगीं, तो मैं उनकी मस्त नंगी गांड पहली बार देख रहा था. मेरी हालत ख़राब हो रही थी. भाभीजी ने पलट के थोड़ा डांस करने के बाद पहले अपने स्तन से हाथ हटाया.

वाह, क्या नज़ारा था … भाभीजी के निप्पल बिल्कुल हल्के भूरे रंग के थे.

मैं उठ कर हाथ लगाने ही जा रहा था कि भाभीजी ने इशारे से उठने से मना कर दिया. फिर थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना हाथ हटा कर अपनी चुत के दर्शन करवाए. उन्होंने आज के लिए वहां की वैक्सिंग करवाई थी. साथ में उनके चुत के पास ही थोड़ी से ऊपर एक छोटा सा लाल रंग से बना हुआ गुलाब का टैटू था.

उफ्फ्फ … क्या मस्त नज़ारा था … वैसा बदन फिर मुझे अभी तक देखने को नहीं मिला.

भाभी मादक अदा में वापस मेरे पास आकर मेरी गोद में ऐसे बैठ गईं, जिससे उनकी जांघें मेरी जांघों के दोनों तरफ थीं और उनके स्तन सीधा मेरे चेहरे पर लग गए थे. वे अभी भी नाचते हुए अपने मम्मों से मेरे चेहरे को सहला रही थीं और कमर हिला हिला के मेरे लंड पर अपनी चुत घिस रही थीं.

उन्होंने एक हाथ से मेरे गर्दन को पकड़ रखा था और दूसरे से अपने बालों और मेरे चेहरे से खेल रही थीं.

उनकी इन हरकतों का असर यह हुआ कि मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया था और पैंट के ऊपर भी भाभीजी की चुत से निकले पानी का निशान पड़ चुका था.

भाभी ने यह सब लगभग आधे घंटे तक किया था और वे भी पानी छोड़ चुकी थीं.

फिर भाभी अपने होंठों को अपने दांतों से दबाते हुए मेरी गोद से नीचे उतरीं और मेरे कपड़े उतारने लगीं. मुझे नंगा करके उन्होंने बिस्तर पर धकेल दिया और सीधा 69 पोजीशन में मेरे चेहरे पर बैठ गईं. उन्होंने शराब का गिलास अपनी चूत पर डाला और मुझसे अपनी चुत चटवाने लगीं. साथ ही बाकी बची शराब को मेरे मुरझाये लंड पर डाल कर उसको चूसने लगीं.

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