राकेश बोला :- ठीक है दीदी.
इंदु दीदी नहा कर टवल मे आए रूम मे.
राकेश बोला :- दीदी पंत सुख गयी क्या?
इंदु दीदी:- हन बस कुछ देर मे सुख जाएगा, लाती हू.
राकेश बोला :- ठीक है दीदी.
इंदु दीदी राकेश को क्रीम ला कर दी और बोली :- भाई तोड़ा पीठ पर बॉडी लोशन लगा दे तो.
राकेश बोला :- सच मे दीदी?
इंदु दीदी:- घर की बात बोली ना घर मे और किसी को नही बताने का.
राकेश बोला :- ठीक है दीदी… और बॉडी लोशन लगाज्ने के लिए दीदी को लेटने बोला.
इंदु दीदी:- ठीक है मैं लेट जाती हू.
राकेश बोला :- दीदी की पीठ पर मैं बॉडी लोशन लगा दिया. जो संगमरमर की तरह चमक रहा था.
इंदु दीदी:-राकेश इतना प्यार से तो कभी भी तेरे जीजू ने नही लगाया है बॉडी लोशन.
राकेश बोला :- दीदी जीजू आप को हवस की तरह देखते होंगे, मैं आपको प्यार से देख कर मलसीह कर रहा हू.
इंदु दीदी:- अछा ये बात है.
राकेश बोला :- जी दीदी. आज तक मैं किसी लड़की को सिर्फ़ टवल मे कभी नही देखा था. आप पहली हो जीसको मैं इन हालत मे देखा है.
इंदु दीदी:- भाई मैं बोली ना घर की बात घर तक ही होती है इसलिए तेरे से मैं आज बॉडी लोशन लगवा ली.
हन दीदी एक टाइम ऐसा होता है की भाई बहाँ अपने मॅन की बात को खुल कर एक दूसरे के सामने मे रखते है. वही टाइम अभी हम दोनो का है. इसलिए हम दोनो आपस मे इतने आराम से एक दूसरे के उपर भरोसा कर के आपस मे इतने फ्री है.
दीदी बोली हन भाई सही खा एक आगे ऐसा आता है जिस टाइम भाई बेहन एक दूसरे के बहुत आचे दोस्त हो जाते है और एक दूसरे को काफ़ी नज़दीक से समझते है.
राकेश बोला:- दीदी आप देल्ही मे एक कमरे के घर मे रहते हो और मैं भी आपके बीच रहने आ गया तो आपको दिक्कत तो होती होगी?
इंदु दीदी :- अरे दिक्कत क्या घर परिवार के यहा आ कर रिसत्तेदार नही रहनगे तो कहा रुकंगे.
राकेश बोला:- पर दीदी जीजू को नाइट मे दिक्कत तो होती होगी ना?
इंदु दीदी :- अरे नही राकेश तेरे सोने के बाद जीजू तेरे किचन मे एक रौंद कर के ही सोते है. उन्हे बिना छोड़े नींद कहा आती है.
राकेश बोला:- तो क्या दीदी जीजू डेली आपको छोड़ते है?
इंदु दीदी:- हन रे सिर्फ़ पीरियड के वक़्त नही छोड़ते है पर बाकी दिन तो डेली कम से कम एक बार तो ज़रूर छोड़ लेता है मौका मिलते ही.
राकेश बोला:- तब तो जीजू बहुत प्यार करने वेल है ना दीदी?
इंदु दीदी:- हन तेरे जीजू बहुत आचे है और बहुत प्यार करते है मुझे. जब तू क्लास चला जाता है तो उनका फिक्स है एक बार छोड़ना उस टाइम पर.
राकेश बोला:- तब तो अछा है दीदी आप खुश रहो और जीजू आपको इसी तरह पूरी जिंदगी प्यार देते रहे.
इंदु दीदी:- राकेश तेरे यहा रहने से मैं और तुम दोनो एक दोस्त की तरह हर तरह की बात करने लगे है. ये बात किरण को नही बताना अभी वो अभी छोटी है.
राकेश बोला:- नही दीदी मैं साँझ सकता हू आपकी बात को. किरण अभी छोटी है और बहक सकती है.
इंदु दीदी:- हन राकेश तू अब मेच्यूर हो गया है और बातो को संजता है इसलिए मैं तेरे से दोस्त की तरह पेश आती हू. तेरे जीजू को छोड़ना बहुत पसंद है पर प्यार करना, मीठी और सेक्सी बात करना उन्हे कम आती है. तेरे जीजू को छूट मे लंड डालना और गिरा कर निढाल हो कर सो जाना सिर्फ़ पसंद है.
राकेश बोला:- तो क्या दीदी जीजू आचे से नही छोड़ते है क्या?
इंदु दीदी:- नही रे छोड़ते तो बहुत अछा है और मेरी छूट की प्यास तक बुजा देते है. पर बॉडी को शेलना और सेक्सी सेक्सी बात करना बिस्तर मे ये सब उन्हे आती ही नही है.
इंदु दीदी:- जैसे तू मेरी कमर पर बॉडी लोशन लगा रहा था तो मेरी तारीफ कर रहा था की दीदी आपकी जांघे क्या मस्त है. कितनी गोरी हो तुम ये सब बात जीजू नही करते है.
राकेश बोला:- तो क्या आपको सेक्सी सेक्सी बात करना अछा लगता है क्या?
इंदु दीदी:- अरे भाई 24 साल की हू अभी नही मॅन करेगा सेक्सी बात करने का तो अब कब करेगा बता तू. तू भी जवान है तेरा लंड भी मस्त टाइट होता है तेरे को भी तो मॅन करता है सेक्सी सेक्सी बात करने का.
राकेश बोला: हन दीदी मेरे तो लंड भी बहुत टाइट हो जाता है.
इंदु दीदी :- हन भाई तू 20 साल का हो गया है और तेरा तो जीजू से बड़ा भी है लंड तो मस्त टाइट तो होगा ना.
राकेश शरमाते हुए इंदु दीदी से पूछा :- दीदी आपको मेरा लंड कैसा लगा था जब आप बातरूम मे देखी तो?
इंदु दीदी :- भाई सच बोलू तो मुझे तो तेरे लंड को देखने की इचा थी इसलिए तेरे पंत को जान बुझ कर गीला कर दी थी.
राकेश बोला:- ऐसा क्यू दीदी?
इंदु दीदी :- भाई तू सो रहा था तो मैं तेरे शॉर्ट्स के साइड से 2-3 बार तेरे लंड को देखी की तेरा लंड जीजू के लंड से बड़ा है इसलिए इचा होने लगी की मैं कैसे देखु तेरा लंड को.
राकेश बोला:- अब तो आप देख ली दीदी तो कैसा लगा मेरा लंड?
इंदु दीदी :- भाई तेरा लंड एक दूं मस्त है मेरी भाभी की तो तुम छोड़ छोड़ कर उसकी छूट फूला देगा.
राकेश बोला:- हन दीदी सच मे मैं अपनी बीबी को बहुत प्यार करूँगा. के पहले मेरी जॉब लग जाएगी और आचे से मैं सेट्ल हो जौ.
इंदु दीदी :- तेरे को आए हुए यहा 3 मंत हो गया है और तू मेरे साथ ऐसे क्लोज़ हो गया है जैसे हम लोग ऐसे बात सालो से करते आ रहे है, है ना?
राकेश बोला:- हन दीदी सच मे ऐसा ही लगता है. शुरू मे मैं जब आया था तो तुम पूरी समीज़ सलवार पहनती थी. पर देल्ही की गर्मी ने आपको सिर्फ़ मॅक्सी मे ले आया.
इंदु दीदी :- भाई शुरू मे मुझे तेरे से शरम आ रही थी पर धीरे धीरे आपस मे डेली बात चिट करते करते एक दूसरे के करीब आ गयी. और रही देल्ही की गर्मी तो इतना है की मॅक्सी भी फान्ने की इचा नही होती है घर मे.
राकेश बोला:- दीदी आप बुरा नही मानो तो आप जो चाहो पहन सकती हो ऐसे भी ये घर चारो तरफ से घिरा हुआ है कुछ भी एक दूसरे को नज़र भी नही आता है.
इंदु दीदी :- हन भाई अब जयदा गर्मी लगेगी तो मैं तेरा नही तो जीजू का हाफ पंत पहन लूँगी और जीजू जब आने वेल होंगे तो मैं मॅक्सी पहन लूँगी.
राकेश बोला:- कोई दिक्कत नही है दीदी आप निसचिंत हो कर बिंदास हो कर आप रहो..
और दीदी से ऐसे वैसे बात कर कर के मेरे मॅन मे प्यार भर दिया.
आलोक बोला:- यार राकेश तो तूने दीदी के साथ कभी भी कुछ ग़लत किया क्या?
राकेश बोला:- नही यार मैं और दीदी दोनो ने कभी भी एक दूसरे से सेक्स नही किया.