मेरा नाम डॉली है. मैं पुंजब के होशियारपुर की रहने वाली हूँ और मेरी शादी को टीन साल हो चुके हैं. मेरा पति लकी सिंग यूके का रेसिडेंट है और मैं भी पिच्छले साल से यहाँ यूके आई हूँ. हम लोग साउतल नाम के लंडन के एरिया मे रहते हैं. मेरे पति के लए मैने बड़े बड़े सपने देख रखे थे क्यूंकी वा जब इंडियन आता था तो पानी की तरह मुझ पर और मेरी सहेलियों के उपर पैसे बहता था.
लेकिन यहा आके मेरे सारे सपने बिखर गये क्यूंकी हू तो यहाँ एक कंपनी मे क्लीनर था और उसकी सॅलरी से हम दोनो का गुज़रा होना मुश्किल था….ऐसे हालत में मुझे भी मजबूराण नौकरी देखनी पड़ी और मुझे एक सॅंडविच की फॅक्टरी मे काम मिल गया. उस सॅंडविच फॅक्टरी के काले सूपरवाइज़र ने मेरी छूट को एक रात को छोड़ दिया जिसकी कहानी मैं आप लोगो के सामने पेश कर रही हूँ.
कुछ डेज़, कुछ नाइट्स.
यहा यूके मे सारे काम रॉस्टर पर होता है और मेरा रॉस्टर ऐसा है की मुझे कुछ दिन सुबह और कुछ दिन शाम को काम करना है. कभी कबार मुझे नाइट शिफ्ट भी करनी पड़ती थी. मैं मान मे लकी को गालिया निकलते हुए जॉब करती थी. मेरा नाइट का सूपरवाइज़र एक हाब्सी था जिसका शरीरी एक दम तगड़ा था और उसकी उँचान भी काफ़ी लंबी थी. वा पहले दिन से ही मुझ पे फिदा था और मुझ से कम से कम काम करवाता था. इस हसबी सूपरवाइज़र का नाम माइकल था और वा छूट का बड़ा दीवाना था. मुझे मेरे साथ काम करने वाली आंटी ने बताया था की माइकल इस से पहले भी एक दो इंडियन लड़की को रात की शिफ्ट मे छोड़ चक्का है और वा छूट के लए किसी भी हद तक जेया सकता है. मैने मानोमान सोचा की माइकल अगर मेरा फयडा ले सकता है तो क्यूँ ना मे अपनी छूट से उसका तोड़ा फ़ायडा कर के अपने तगड़े फयडे ले लूँ. मैं भी अब माइकल को लाइन देने लगी और उसने मुझे लुभाने के लए कुछ हिन्दी और पंजाबी वर्ड्स भी सिख लए थे.( उससे मेरी बात इंग्लीश मे होती थी लेकिन यहा पर मैं वाचको के लए वा हिंदिश मे लिखूँगी).
मिचले की देववनगी बढ़ने लगी थी और वो अक्सर मुझे च्छुने के बहाने ढूँढ लेता था. मैं भी कभी कभी सोचतीई थी की यह हबसी की हाइट बॉडी इतनी जबरदस्त है तो लंड तो इसका 9 इंच से कम होगा ही नही. उसके लंड के बारे मे सोच कर मैं टाय्लेट की सीट पर बैठी छूट मे उंगली भी करने लगी थी. माइकल ने एक दिन मुझे कहा की अगर मैं पर्मनेंट नाइट शिफ्ट के लए रेडी हूँ तो हू कंपनी मे बात कर के मुझे ले लेगा नाइट मे और मेरी सॅलरी भी 6 पौंड से 8.35 पाउंड्स करवा देगा. मैने उसकी बात मान ली और दूसरे दिन ही उसने मेरी शिफ्ट्स का अप्रूवल ले लिया.
स्टोर रूम मे छूट चाटना चालू हो गया.
मुझे नाइट चालू किए तीसरा ही दिन था, रात को 11:30 बजे डिन्नर ब्रेक हुआ और हम लोग खाने बैठे थे. मैं और दूसरी एक दो इंडियन लड़किया एक टेबल पर थे. खाना खाने के पासचात मैने कोफ़फे बनाई थी. तभी माइकल ने मुझे डोर के करीब से इशारा किया. मैं सब की नज़रो को बचाते हुए नीचे चली गई. माइकल ने मुझे कहा की उसे आज रात स्टोर रूम की ऑडिट करनी है और मुझे उसकी हेल्प करनी है. मुझे पता चल गया की काला आज छूट लेगा मेरी. मैने उसे हन कहा और हम दोनो स्टोर रूम मे आ गये. स्टोर रूम नाइट शिफ्ट मे केवल 11 बजे तक ही खुला रहता था, उसके बाद उसमे लॉक लग जाते थे क्यूंकी नाइट म्ट इतना सब प्रोडक्षन नही होता था. माइकल ने हमारे अंदर जाते ही दरवाजे को बाँध कर दिया. मिचले ने अपना हरामीपन थोड़ी देर मे ही दिखना चालू कर दिया…..जब मैं कुछ चीज़ लेने के लए झुकती तो हू जान बुज़ के अपना लंड वाला हिस्सा मेरी गांद से लगा देता था. वैसे उसके तगड़े लंड के स्पर्श से मेरी छूट का पानी भी निकालने लगा था. हू कोई ना कोई बहाने से लंड मुझे आदाता था. मुझ से रहा नही गया और जब अगली बार मैं झुकी तो मैने ध्यान रखा…जैसे माइकल अपना लंड टच करने के लए आया मैने उसका लॉडा हाथ मे पकड़ लिया. माइकल के तोते को मैने एकदम टाइट पकड़ लिया था और हू उच्छलने लगा. मैने हंस के उसे कहा, छूट लेनी है तो सीधे बोलना..! उसका लंड छूटे ही उसने मुझे झप्पी ले ली और सीधे मेरी पंत की बटन खोल के जीन्स की ज़िप उतार दी. मैने अपनी पंत नीचे की और पनटी खोल दी. माइकल मुझे स्टोर रूम के ऑफीस मे ले गया और उसने मुझे टेबल के उपर लिटाया. उसने मेरी टांगे फैला दी और अपनी जीभ से मेरी छूट को चाटने लगा.
माइकल चुत को चाटते हुए उसकी तारीफे कर रहा था…हू कहे रहा था..”योउ’वे गॉट आ सेक्सी कंट डॉली ” “इट टेस्ट रियली गुड….!”….माइकल सालो से छूट चाटने को ना मिली हो वैसे उसे कुत्ते की तारह जीभ लपलपते हुए चाटता रहा. उसकी काली जीभ मेरी चुटके सारे रस को निकालने लगी. हू बिना रुके मुझे कुछ 2-3 मिनिट तक चूस्ता रहा और बीच मे उसने मेरी गाअंड और स्तन से भी खिलवाड़ चालू कर दिए थे…..!
अरे लंड है या लौकी
माइकल ने जैसे ही अपनी पंत खोली उसका आधा खड़ा हुआ लंड देख कर मैं तो दर ही गई, यह लंड लौकी जितना लांबा था….तकरीबन 10 इंच और काला भी बहुत था. उसके लंड के इर्द-गिर्द कर्ली बाल थे. मैने लंड के उपर हिम्मत कर के हाथ लगाया और मुझे लगा की वा धीमे धीमे खड़ा हो रहा है. लंड के उपर तोड़ा स्ट्रोक करते ही वा पूरा लंबा हो गया और उसकी लंबाई किसी भी छूट को फाड़ देने मे सक्षम थी. माइकल ने मुझे लंड मुहम मे दे दिया और मैं मुश्किल से आधे लंड को मुहन के अंदर बाहर करने की कोशिश करने लगी. मेरे मुहन से बहुत सारा थंक निकालने लगा और इस की वजह से यह काला लंड चिकना हो चला. माइकल ने मेरा मस्तक पकड़ा और हू लंड को धीमे धीमे मेरे मुहन मे ज़्यादा घुसाने की कोशिश करने लगा. उसका लंड मेरे गले तक पहुँच गया था और मुझ से आयेज लिया नही जेया रहा था. मैने उसकी जांघे पकड़ ली और उसके ज़ातको को काबू मे किया. माइकल आँखे बाँध किए हुए लंड चुसवाने का मज़ा ले रहा था.
छूट जैसे फाड़ ही दी इस लंड ने….!