बिना पति के औरत की प्यास भुजाइ

उनके मुँह से एक तेज सीत्कार निकल गयी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… उफ्फ … मर गई.

उनकी चुत न जाने कितने सालों से चुदी नहीं थी. चुत में लंड अन्दर डालते हुए मेरे लंड के टोपे पर भी थोड़ा दर्द हुआ, पर चुदाई के नशे में मैंने दर्द की परवाह न करते हुए अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.

अब उनको भी चुदाई का मजा आ रहा था. वो मुझको बार बार अंग्रेजी में ‘आह … यू आर टू गुड..’ कह रही थीं.

मैं उनकी चुदाई धीरे धीरे कर रहा था. उनका जल्दी ही स्लखन हो गया, पर मेरा अभी नहीं हुआ था. उन्होंने मुझे जोर से हग कर लिया. मैंने उनसे कहा कि मैं अब तुम्हारी गांड भी मारना चाहता हूँ.
पर उन्होंने कहा- नहीं … मुझे प्रॉब्लम है. … गांड नहीं मरवाऊंगी.

मैं थोड़ी देर उनको किस करने लगा. उनको सेक्स का नशा फिर से होने लगा. वो मुझसे अपने दूध दबवाने लगीं. मैं उनके चूचों को जोर जोर से दबाने लगा. फिर वो चुदाई के दूसरे राउंड के लिए गरम हो गईं … पर मेरा अभी एक बार भी नहीं हुआ था.

मैंने एक बार फिर उनकी चुत पर अपना लंड सैट किया और धक्के मारने लगा.
वो कामुक आवाजें करनी लगीं- अम्मम्म मम्मम अम्मम्म.

उनके चेहरे से साफ दिखाई दे रहा था कि इतने सालों के बाद चुदाई करवाके उनको सुकून भी मिल रहा है. पर उनको थोड़ी थोड़ी पीड़ा भी हो रही थी. दर्द होने के बावजूद वो मुझको कुछ भी कह नहीं रही थीं.

अब मैं बड़े प्यार से उनको चोद रहा था. उनको दूसरी बार में बहुत मजा आ रहा था.
उनकी चुदाई करते हुए मुझे बीस मिनट ही गए थे. इस बार हम दोनों का एक साथ हो गया. हम दोनों एक दूसरे को हग करके लेट गए.

मैंने उनसे पूछा- कैसा लगा?

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उन्होंने मुझसे बोला कि मेरे पति ने आज तक मुझे बहुत कम बार चोदा था और जब भी चोदा था, जोर जबरदस्ती से चोदा था. उसने कभी मुझसे प्यार नहीं किया था. वो बस दारू पी कर सेक्स करने से मतलब रखता था. इसलिए मुझे आज तक उसके साथ सेक्स करना अच्छा नहीं लगा. पर आज तुम्हारे साथ जो मजा आया, वो आज से पहले कभी नहीं आया.

वो मेरे गले लग गईं और उनकी आंखें नम हो गईं. मैंने उनको चूम कर चुप करवाया और उनको प्यार करने लगा. हम फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गए. मैंने उनके दोनों दूध को बारी बारी से दस मिनट तक पिया.

फिर मैंने उनको डॉगी स्टाइल में आने को कहा. वो डॉगी बन गईं. मैंने उनकी चुत में अपना लंड डाल कर पलंग के किनारे झुका दिया और उनके ऊपर कुत्ते की पोजीशन ने चढ़ कर उनको चोदने लगा. मेरे मन में बार बार उनकी गांड मारने का ख्याल आ रहा था, पर उनकी मर्जी न होने की वजह से उनकी चुत को ही चोदे जा रहा था. उनको भी बहुत मजा आ रहा था.

हमारा ये राउंड 15 मिनट चला और फिर हम लेट गए. वो थोड़ा थक गई थीं. थोड़ी देर बाद वो बाथरूम में जाकर अपने आपको साफ़ करने लगीं.
वापिस आकर अपनी ब्रा पहनने लगीं.

मैंने उनकी ब्रा पकड़ ली और बोला- जान, आज हम दोनों एक साथ नंगे ही सारे घर में घूमेंगे. तुम्हारे और हमारे सिवाय यहां कोई नहीं है.
उन्होंने मुझसे कहा- ठीक है.

फिर वो रसोई में जाकर हमारे लिए चाय बनाने लगीं. मैं भी उनके साथ रसोई में छेड़खानी करने लगा. मैं कभी उनकी चूची को मसलता और कभी उनकी चुत पर अपनी उंगली रगड़ देता. उनको मेरी इन शरारतों से बहुत मजा आ रहा था.

हम दोनों रसोई में ही एक दूसरे को किस करने लगे. मैंने गैस को बंद करके उनको रसोई की स्लैब के ऊपर ही बिठा दिया और उनकी टांगें फैला कर चूत पर अपना लंड रख दिया. उनको किस करते हुए मैं उनको चोदने लगा.

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सर्दी की दिन थे. थोड़ी थोड़ी ठंड भी लग रही थी, पर चुदाई करने से शरीर में गर्मी भी बहुत आ गई थी. मैं इस बार कुछ ज्यादा ही गर्म हो गया था. मैंने उनकी चुत के अन्दर ही अपना वीर्य गिरा दिया … क्योंकि इस बार मैंने कंडोम नहीं पहना था.

वो थोड़ा घबरा गईं, पर मैंने कहा- आप घबराओ मत … मैं गोली ला दूंगा.

हमने उस दिन एक साथ सेक्स के और दो राउंड लगाए. अब वो बुरी तरह थक गयी थीं. कुछ देर बाद वो अपने घर चली गईं.

दोस्तो, यह कहानी मेरी जिंदगी की सच्ची सेक्स कहानी है. अपनी अगली कहानी में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने उनको एक बार फिर से चोदा और उनकी कुलीग को भी कैसे चोद दिया.

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