थोड़ी देर बाद वो एक बाल्टी और पौंछा लेकर आई और पौंछा लगाने लगी लेकिन तब मैंने देखा कि अब उनके एक नहीं, दोनों बूब्स बाहर हैं और एकदम पूरी तरह से. अब मैं भी देखने लगा था क्योंकि मैं पहली बार इतनी नजदीक से और इतने मस्त बूब्स देख रहा था. मां कसम … क्या निप्पल थे एकदम भूरे भूरे और छोटे छोटे.
दीदी के बूब्स देखने की वजह से मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और पैंट में बम्बू बन गया था. वो जानबूझकर अब मेरे आसपास ही पौंछा लगाने लगी और बूब्स एकदम नजदीक से दिखाने लगी. करीब तीन चार मिनट तक वो मेरे आसपास ही पौंछा लगाती रही पर मैं उतने टाइम में झड़ गया सिर्फ उरोज देख कर.
अब उसने पौंछा खत्म कर दिया और पानी बाहर डालकर, पौंछा सुखाकर मेरे एकदम बाजू में बैठ गई. तब भी दी के शर्ट के बटन खुले थे और मैं बार बार उन्हें देख रहा था और वो भी इस बात को नोटिस कर रही थी. वो मुझसे बहुत चिपक के बैठी थी. अब दी ने अपना मोबाइल उठाया और मुझसे कहा- मोबाइल में काम कैसे करते हैं, मुझे सिखाओ.
वो सिर्फ एक बहाना था पर मैंने कहा- ठीक है.
और वो एक के बाद एक ऐसे करते हुए मुझसे सब मोबाइल के बारे में जानने लगी पर मेरी नज़र उनके बूब्स पर ही थी और मेरा लंड वापिस तन गया था जो दी ने देखा. अब उसने अनजान बनते हुए एक हाथ मेरे लंड पे रख दिया और मेरे लंड के कड़क होने का महसूस किया. और एक हाथ से दी ने अपना एक बूब थोड़ा ऊपर किया ताकि मैं पूरा साफ देख सकूँ.
वो जानबूझकर अपने बूब्स एक के बाद एक ऊपर कर रही थी अब उसके दोनों बूब्स आधे बाहर थे और उसका एक हाथ पूरी तरह मेरे लंड पे था. पर वो अभी भी मोबाइल के बारे में बात करने का नाटक कर रही थी.
मेरी हालत बहुत खराब हो रही थी पर मजा भी आ रहा था तो मैं चुपचाप बैठा रहा. दीदी ने धीरे धीरे मेरे लंड पे हाथ घुमाना शुरू किया, पहली बार कोई लेडी मेरे लंड को छू रही थी तो मुझे तो एकदम स्वर्ग सा लग रहा था. दी ने महसूस किया कि मेरा लंड एकदम सख्त हो गया है तो उसने मेरी पैंट की जीप खोलकर लौड़ा बाहर निकलने की कोशिश की पर वो कामयाब ना हो पाई क्योंकि मैंने अंडरवीयर पहना हुआ था.
पर मैंने समय और मौके की नजाकत देखते हुए खुद ही अपना पैंट और अंडरवियर निकाल दिया अब मैं सिर्फ एक टीशर्ट में था. जैसे ही दीदी ने मेरा लंड देखा, उनकी आँखों में एक चमक आ गई और उसने फटाक से मेरा लंड मुख में ले लिया.
मुझे मजा आ रहा था क्योंकि पहली बार था. वो बार बार अपने मुंह को आगे पीछे करके मेरा लंड चूस रही थी पर मैं 3-4 मिनट में झड़ गया उनके मुंह में बिना उन्हें बताए.
पर उन्होंने कुछ नहीं कहा और वो सारा माल पी गई.
अब मुझे शर्म आ रही थी पर मिष्टी दीदी पता चल गया कि मेरा पहली बार है तो दी ने कहा- होता है ऐसा तो!
थोड़ी देर बाद दी ने अपनी शर्ट उतार दी और मेरे हाथ में अपने बूब्स दे दिए. मैं पागलों की तरह दीदी की चूची दबाने लगा जिससे उन्हें बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी.
फिर मैंने कहा- दीदी, क्या मैं इन्हें चूस सकता हूँ?
तो उन्होंने बड़े प्यार से अपना एक बूब मेरे मुंह के पास लाकर कहा- लो चूसो जितना चूसना है.
मैं दीदी के बूब्स के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा और काटने लगा और एक हाथ से दूसरे बूब्स को दबाने लगा. उन्होंने भी देर ना करते हुए वापिस मेरे लंड को सहलाना शुरू किया और कुछ ही देर में मेरा लंड वापिस तन गया.
जैसे ही लंड एकदम कड़क हो गया, दीदी एकदम से खड़ी हो गई और अपना पजामा निकाल दिया. तब मैंने पहली बार कोई चूत देखी और वो भी एकदम नजदीक से. मैं दीदी की चूत को एकदम ध्यान से देखने लगा था, मस्त चूत थी और उस पर बाल भी ज्यादा थे.
उन्होंने देर ना करते हुए मुझे धक्का मारकर लेटा दिया और वो अपने पैर चौड़े करके मेरे ऊपर बैठने लगी.
उन्होंने अपनी दो उंगलियों से अपनी चुत को थोड़ा खोला और धीरे धीरे करके मेरे लंड पर अपनी चुत सटा दी और खुद ही अपने आप जोर देकर लंड चुत के अंदर लेने लगी और मुझसे कहा- थोड़ा धक्का तुम भी लगाओ.
तो मैं भी धीरे धीरे धक्का देने लगा और लंड अंदर डालने लगा. थोड़े धक्के देने के बाद लंड अंदर चला गया और मैं धक्के देने लगा. अब मैं हवा में उड़ रहा था, वो भी मेरे ऊपर बैठकर ऊपर नीचे अपने शरीर को कर रही थी. मैं दोबारा दो तीन मिनट में दीदी की चुत के अंदर झड़ गया पर फिर भी उन्होंने कुछ नहीं कहा. वो थोड़ी देर ऐसे ही मेरे ऊपर बैठी रही और मैं उनके बॉबे दबाता रहा.
दीदी को लगा कि मैं थक गया हूं और सच में मैं थक गया था तो वो मेरे ऊपर से नीचे उतरी और बाथरूम में चली गई. थोड़ी देर बाद दीदी बाथरूम से बाहर पूरी नंगी निकली. शायद वो नहाकर निकली थी पर उसके चेहरे पर एक सुकून था.
मैं तो अभी भी नीचे से नंगा ऐसे ही लेटा था. उन्होंने कहा- थोड़ी देर सो जाओ!
तो मैं ऐसे ही नंगा लेट गया और वो कपड़े पहनने लगी. मुझे भी एक अजीब सी फीलिंग हो रही थी और मैं उसी का विचार करते हुए सो गया.