हाय फ्रेंड्स में अमित फिर से एक न्यू स्टोरी लेकर आया हूँ इस साइट पर मेरी यह 47 वी स्टोरी है तो अब में अपने बारे में कुछ बता हूँ मेरा नाम अमित है में 34 साल का हूँ गुड लुकिंग हूँ हाइट 5’11’’ चोडा सीना, मज़बूत शरीर, 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड है अब मेरी बहन के बारे में बताता हूँ उसका नाम अर्पिता है वो 45 साल की है वो गोरी, 5’6” हाइट, भरा पूरा शरीर, फिगर 38-34-40 है और मेरी भांजी नंदिता वो 22 साल की है वो गोरी, 5’4” हाइट, 34-28-34 फिगर है.अब स्टोरी पर आता हूँ मेरी दीदी की शादी तब हो गयी थी जब में 12 साल का था मेरी दीदी मुझसे बहुत प्यार करती थी जब में छोटा था तो मेरे सारे काम वो ही करती थी मुझे खाना खिलाती थी और मुझे नहलाती भी थी बात यह तब की है जब में पिछले साल राखी पर दीदी के घर गया था दीदी मुझे देखकर बहुत खुश हुई बोली अच्छा हुआ अमित तुम आ गये मुझे दीदी ने गले लगा लिया हम 5 साल बाद मिले थे राखी पर मुझे मेरे काम से टाइम ही नही मिलता था ना चाहते हुये भी मैने दीदी की चूची महसूस की उन्होने मेरी पत्नी और बच्चो के हालचाल पूछा मैने उन्हे बताया की सब ठीक है और इस बार मैं 2-3 दिन रुकूँगा दीदी ने बताया की घर मे बहुत मेहमान आये हैं तो मैने कहा की ठीक है फिर मैं राखी बंधवा के ही वापस चला जाऊंगा.
दीदी ने कहा में तुम्हे जाने नही दूँगी तुम हमारे कमरे मे सो जाना तुम्हारे जीजू भी बाहर गये है तुम मेरे भाई हो किसी को कोई परेशानी भी नही होगी मै उनके सास ससुर से मिला उनका आशीर्वाद लिया फिर राखी बँधवाई नाश्ता किया फिर घूमने निकल गया दीदी ने बोला आज खाने पर में तुम्हारे पसंद की चीज़ बनाउंगी जल्दी घर आ जाना में पास के ही थियेटर मे मूवी देखने चला गया आते आते रात के 10 बज गये दीदी मेरा इन्तजार कर रही थी दीदी ने कहा तुम तो बहुत देर से आये हो बाकी लोगो के सोने की तैयारी कर रही थी और लगभग सभी सो भी गये मैने बताया मुझे जल्दी सोने की आदत नही है मैने दीदी से कहा चलो साथ मे खाना खाते है.
मैने दीदी से पूछा तुमने खाना खा तो नही लिया तो दीदी ने बोला नही रे भैया तुम्हारे बिना कैसे खा सकती हूँ.
दीदी – भैया अगर तुमको कुछ चाहिये डिनर के पहले तो हमारे रूम मे है.
मे – कितनी प्यारी दीदी हो तुम.
दीदी – श बोलो ना.
मे – दीदी में डिनर के पहले थोड़ा लेता हूँ बस 1-2 पेग.
दीदी – क्या चाहिये सब है रूम मे तुम वही बैठ के लो में फ्रेश होकर आती हूँ और ये कपड़े भी चेंज करती हूँ चलो हमारे रूम मे ये देखो जो चाहे वो लो.
मे – लव यू दीदी तुम कितनी अच्छी हो में सिर्फ़ दो पेक लूँगा कुछ हल्का सा खाने के लिये दे दो.
दीदी – ऐसे ही लो ना तुम्हारे जीजू और में ऐसे ही लेते है.
मे – तो फिर तुम चेंज करके आओ दोनो साथ ही लेंगे.
फिर दीदी बाथरूम मे चली गयी और में पेक बनाने लगा दीदी बाथरूम से निकली उसने नाइट गाउन पहना था में उसे देखता ही रह गया मैने दीदी की तरफ गिलास बढ़ाया दीदी ने मुझसे पूछा क्या देख रहे हो तो मैने कहा दीदी अगर बुरा ना मानो तो एक बात कहूँ दीदी ने आँखें बंद करके चियर्स करके पहला पेक लेते हुये बोली बोलो जो बोलना है.
मे – तुम्हारी चूची बड़ी मस्त है और फिगर भी कमाल की है दीदी.
दीदी – भैया ये क्या भाभी की भी है ना मेरे से बड़ी में अब ज़्यादा मोटी हो गयी हूँ.
मे – लेकिन फिर भी गदराई जिस्म की बात ही कुछ और है.
हमने एक पेक ख़त्म किया नशा थोड़ा थोड़ा होने लगा था
दीदी – तुम्हारे जीजू भी यही कहते है सब मर्द एक जैसे ही होते है.
उसके बाद मैने एक पेग और बनाया इस बार मैने स्ट्रॉंग बनाया था दीदी ने बड़ा सीप लिया मेरा लंड खड़ा हो गया था जिसे दीदी ने गिलास नीचे रखते वक़्त देख लिया उसने मेरे खड़े लंड को देख कर बोला भाभी की याद आ गयी क्या मैने जवाब दिया नही दीदी अभी तो तुम्हे ही देख के कुछ कुछ हो रहा है.
दीदी – क्यों शरमाते हो अब मेरी भी उमर 45 पार कर चुकी है इतना देख के ही समझ सकती हूँ वेसे मुझे भी पीने के बाद तुम्हारे जीजू की याद आने लगती है.
मे – दीदी किसी को पता नही चलेगा अगर हम इस बंद कमरे मे कुछ करे तो तुम्हे भी मर्द की कमी महसूस हो रही है और मुझे भी औरत की और इस समय हम केवल मर्द और औरत है कोई भाई बहन नही.
दीदी मुस्कुराई और बोली चलो अब खाना खा लो मैने उनसे आँख मार के कहा पहले जिस चीज़ की भूख लगी है वो ही खा लेते है दीदी ने कहा जो मैने स्वीट्स बनाई है वो ही खा लो मैने उनसे कहा अपने हाथो से खिला दो हम दोनो साथ मे बैठे थे दीदी मेरी कुर्सी के पास आकर मेरे मुँह मे स्वीट्स डाल देती है और मेरी आँखें उनकी झूलती हुई चूची पर थी। दीदी बोली यहाँ गर्मी है। और उसने अपने नाइट गाउन का एक बटन खोल दिया। मेंने दीदी से कहा पानी भी पीला दो दीदी और लेने को बोली लेकिन मेरी आँखें तो उनकी चूचीयों पर टिकी थी। मेने कहा कि अगर इन कबूतरों पर रख के चाटने को मिले तो मज़ा आ जाये.
फिर हम बेड पर चले गये. दीदी बेड पर गिर जाती है और में उनके उपर दीदी के नाइट गाउन का बटन टूट जाता है गिरने के कारण और चूचीयाँ पूरी आज़ाद हो जाती है में तुरंत गेट बंद कर के आता हूँ और दीदी की चूचीयों को चूसने लगता हूँ छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक छऊप छप्प्पाक.
दीदी मुझे ज़ोर से पकड़ लेती है और आहें भरने लगती है में एक चूची चूस रहा था और एक चूची को दबा रहा था दीदी की आँखें बंद थी लेकिन उनके चेहरे पर मस्ती साफ झलक रही थी
दीदी – आह ये ठीक नही है.
मे – अब मज़े लो ना दीदी अब हम मर्द और औरत है भाई बहन नही.
दीदी हाथ नीचे ले जाकर मेरा लंड पकड़ लेती है और बोलती है इतना बड़ा मे उन्हे सहलाने के लिये बोलता हूँ फिर उनकी नाइट गाउन उतार देता हूँ दीदी पेंटी नही पहनती थी और उनकी गांड पर हाथ फेरने लगता हूँ दीदी मेरा लंड हाथ से आगे पीछे करती हुई बोलती है इतना बड़ा भाभी कैसे लेती है? मैने उन्हे जवाब दिया दीदी तुम भी लोगी और उछल उछल कर लोगी और मज़ा भी खूब आयेगा फिर हम लोग किस्सिंग करने लगते है हमारी जीभ एक दूसरे से मिलती है और मज़े से किस चलती है में दीदी की गांड को दबाते हुये किस्सिंग कर रहा था दीदी पूरी गर्म हो गयी थी उनके निपल्स नुकीले हो गये थे उनकी साँसें तेज़ चल रही थी फिर हम 69 पोज़िशन मे आ गये मैने अपना लंड उनके मुँह मे डाल दिया और उनकी चूत के छेद मे अपनी जीभ फेरने लगा दीदी मेरे लंड को चूसते हुये मेरे बॉल से भी खेल रही थी.