देसी स्टाइल में मस्त चुदाई

मेरी पिछली सभी कहानियाँ बेबाक बीवी, बेकाबू बीवी और बेकरार बीवी आपने खूब-खूब सराही, पसंद की। मेरे पास इस सन्दर्भ में बहुत सारे इमेल भी आये, बहुत से लड़कों और मर्दों के भी मेल थे जो मेरी बीवी से दोस्ती करना चाहते थे, उसके फोटो देखना चाहते थे। और मैं यहाँ यह भी स्पष्ट बता दूँ कि बहुत उसे चोदने की भी ख्वाहिश रखते थे और उन्होंने अपनी खुद की कद-काठी का भी उल्लेख किया तो किया साथ ही साथ अपने लण्ड के बारे में भी विस्तार से बताया कि मेरा लण्ड 9 इंच का है, मूसल जैसा मोटा है इत्यादि।
और जिस तरह की घटना का मैंने जिक्र अपनी कहानियों में किया था, तो लड़कों के इस तरह के पत्र स्वाभाविक भी थे, लेकिन मेरे लिए आश्चर्यजनक बात यह थी कि लड़कियों के भी बहुत ज्यादा इमेल आये, जो दोस्ती करना चाहती थी और उनमें से कुछ मेरी मित्र भी बन गई फेसबुक पर, दो तीन लड़कियों से फोन पर बात भी हुई और उन्होंने मुझसे फोन पर ही उत्तेजक कहानियों की फरमाइश भी की जिसे मैंने पूरा भी किया।
इस तरह से मैंने जिंदगी में पहली बार फोन सेक्स का आनंद भी लिया जो मेरे लिए भी अत्यधिक उत्तेजक रहा और उन लड़कियों का तो बुरा हाल हो ही गया उत्तेजना के मारे, जो उनकी आवाज से बयान हो रहा था।
फेस बुक के अलावा लोगों ने मुझ से याहू मेल पर भी संपर्क किया, उन में से ही एक युगल भी था, उन्हें भी कहानी पसंद आई और उस बारे में काफी बातें भी की और मुझे यह जान कर बहुत ही ताज्जुब हुआ कि उन दोनों पति पत्नी को सबसे ज्यादा उत्तेजक बात यह लगी कि पति की मौजूदगी में दूसरे मर्द के साथ सेक्स।
और वो हर बार उसी बारे में बात करते, मैं भी बहुत अच्छी सेक्स चेट कर लेता हूँ, इसलिए उन दोनों पति-पत्नी को मेरी बातें, मेरे सेक्स के आइडिया बहुत ही उत्तेजक लगते थे।
फिर मैंने उन्हें पति-पत्नी के कुछ उत्तेजक खेल सिखाये तब तो वो दोनों पागल ही हो गए।
फिर उन्होंने मुझे अपना फोन नम्बर दिया, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि बात इतनी आगे बढ़ जायेगी।
पहले उसके पति ने बात की उसका नाम चेतन है और उसकी बीवी का नाम बहुत ही खूबसूरत है ‘प्रफुल्ला’
यह नाम मुझे बहुत पसंद आया।
चेतन अपनी बीवी के बारे में बताने लगा कि वो कैसी दिखती है, उसके शौक क्या हैं, वो बार बार घूम फिर कर उसके सेक्सी फिगर, की बातें ही कर रहा था। फिर धीरे धीरे वो उसके वक्ष, कमर, उसके उभरे हुए चूतड़ों, यहाँ तक कि चूत की बातें भी करने लगा, मैं भौंचक्का सा उसकी बातें सुन रहा था।
और फिर एक दिन चेतन ने प्रफुल्ला को को भी फोन पकड़ा दिया।
दोस्तो, मैं खुद उससे बातें करने को बहुत ही उत्सुक था, उसकी आवाज थोड़ी रौबदार और आत्म-विश्वास से भरी हुई थी लेकिन मेरा दिल धड़कने लगा था उससे बात करते हुए !
वो बस एक ही बात बार बार कहे जा रही थी- तुम्हें सेक्स के इतने अच्छे-अच्छे आइडिया कहाँ से आते हैं?
और यह भी कि मेरी कहानी वो बहुत बार पढ़ चुकी है, और हर बार उत्तेजित हो जाती है।
मैंने अपने पाठकों को पहले भी बताया था कि सेक्स की दुनिया में अगर अपने एक कदम आगे बढ़ाया है तो फिर आप उस दिशा में आगे ही बढ़ते जायेंगे, क्योंकि आगे आपको वासना की उत्तेजक दुनिया दिखाई देगी और पीछे कुछ भी नहीं !
और यही मेरे साथ भी होता जा रहा था, उसके मर्द तक से बात करने तक तो सब कुछ ठीक था, मैं उसके मजे भी ले रहा था। ईमानदारी से कहूँ तो मैं उसे यों ही टरका देता था, वो जो पूछता था, मैं बता देता था लेकिन जिस दिन उसने प्रफुल्ला से मेरी बात कराई, उस दिन पहली बार मुझे कुछ कुछ होने लगा और बातों में रस आने लगा।
यहाँ सबसे अजीब बात यह थी कि चेतन उसका पति ही मुझे उससे बात करा देता था और प्रफुल्ला भी अपने पति की मौजूदगी में मुझसे कामुक और अश्लील बातें कर लिया करती थी या यों कहें कि वो दोनों एक साथ फोन पर होते थे मेरे साथ ! और वो मुझ से ऐसे बातें करता था- अरुण यार, बताओ, हम बिस्तर पर हैं और मैंने इसके कपड़े उतार दिए हैं, अरुण तुम बताओ कि मैं क्या करूँ आगे। मुझे ये बातें थोड़ी बनावटी और नाटक लगती थी और मैं ज्यादा भाव नहीं देता था।
लेकिन जैसे ही प्रफुल्ला फोन पर आती, मेरी सारी समझदारी धरी रह जाती और उसके साथ बातों में मुझे भी रस आता था।
और धीरे धीरे बातों में कामुकता और अश्लीलता बढ़ती गई, बढ़ती ही गई।
और फिर एक दिन वो हुआ जिसकी मुझे सपने में भी उम्मीद तो नहीं थी, लेकिन इच्छा जबरदस्त थी…
चेतन बोला- यार अरुण, प्लीज़ ! प्लीज़ ! तुम भी एक बार हमारे इस सेक्स में शामिल हो जाओ न यार !
मेरी कहानी का उल्लेख करते हुए बोला- मैं भी चाहता हूँ कि मेरे सामने तुम मेरी पत्नी यानी प्रफुल्ला के साथ…..?

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दोस्तो, अब क्या लिखूँ?
मुझे लिखते हुए शर्म आ रही है, लेकिन आप लोग खुद ही समझदार हो कि वो मुझे अपनी बीवी मुझे सौंपने को कह रहा था, वो भी बिस्तर पर !
मैं तो सुन कर ही सन्न रह गया, तुरंत कुछ कहते ही नहीं बना !
और मैं एकदम शांत हो गया।
मेरी लम्बी चुप्पी को भी उसी ने तोड़ा, वो बोला- यार क्या हुआ? तुम तो सेक्स-एक्सपर्ट हो, और अब तो इतने दिनों की दोस्ती भी है, अगर हम एक साथ कोई मस्ती करते हैं तो इसमें तुम्हें परेशानी क्या है?
अब मैं बोला- लेकिन यार क्या यह ठीक होगा, बोलना-लिखना अलग बात होती है।
“ओह !” अब वो थोड़ा व्यंगात्मक लहजे में मुझे चिढ़ाते और चैलेंज करते हुए बोला- यानि तुम सिर्फ बातों के ही शेर हो?
मैंने कहा- नहीं यार, ऐसी बात नहीं है, मैंने सोचा नहीं था कि अपनी बातें यहाँ तक पहुँच जाएँगी। ठीक है यार, मैं इस बारे में सोच कर जवाब दूँगा।

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