स्टोरी राइटिंग मे कोई मिस्टेक रहे गयी हो तो माफ़ कर दीजिएगा. कॉमेंट मे और मेरे पर्सनल मैल मे मुझे अपने रिव्यू और फंतासी ज़रूर भेजना. आप किस तरह की स्टोरी पढ़ना चाहते है वो भी मैल कर सकते हो. लास्ट कुछ मेल्स के मई रिप्लाइ नही दे पाया था तो उसके लिए माफ़ कर देना.
और ऑफ कोर्स कोई लड़की या औरत फ्रॉम गुजरात मुझसे सेक्स छत करना चाहती है और छुड़वाना चाहती है तो कॉंटॅक्ट मे ओं – रोकेपटेल69@याहू.कॉम.
चलो अब ज़्यादा बोर नही करूँगा.
ये कहानी कुछ साल पहले की है जब मे अपने भाई के घर. जो राजकोट से कुछ मिले दूर एक गॅव मे रहते थे. क्यूंकी उसकी गवर्नमेंट जॉब थी तो भी पे रहना पड़ता था. और गॅव की हालत इतनी भी अच्छी नही थी के वाहा पे अकचे मकान और सभी सुख सुविधा हो.
तो मैने सोचा वाकेशन है तो कुछ दिन भैया के घर पे मज़े कर लेता हू.
कहानी मे आयेज बढ़ने से पहले मे आपको अपनी भाभी के बारे मे बता देता हू.
उनकी आगे 34 है और एकदम नशीला बदन. उनकी ज़ुल्फो से लेके पैर तक हर एक चीज़ इतनी सुंदर है की उनसे नज़र हट ही नही सकती. उनके बूब्स बहोट बड़े भी नही और छ्होटे भी नही, एकद्ूम पर्फेक्ट थे. और कमर मस्त पतली सी और उनकी नाभि देख के सब के मूह मे पानी आ जाता था.
गॅव मे भाई और भाभी एक पुराने घर मे किराए पे रहते थे. क्यूंकी गवर्नमेंट जॉब मे ट्रान्स्फर तो होता ही रहता है तो खुद का घर लेके कोई फयडा नही है. पर घर इतना पुराना था की सारे दरवाजा और खिड़किया लकड़े की बनी थी. और पानी की वजह से साद गयी थी और उनके बीच से देख सकते थे.
जब मे गॅव पहुचा तो भाई और भाभी दोनो खुश हो गये. हमने उस रात बहोट बाते की और फिर अगले दिन भैया मुझे गॅव दिखाने ले गये. मैने पंचायत मे उनकी ऑफीस भी देखी.
फिर शाम को मई और भाभी गॅव के खेतो की और चल दिए. रात को तीनो ने मिलके कार्ड्स खेले और देर रात सोने चले गये. भाई और भाभी कमरे मे सो रहे थे और मई बाहर हॉल मे सो रहा था.
तभी अचानक लाइट चली गयी, गॅव मे लाइट जाना कामन है और कुछ कुछ आवाज़ आ रही थी कमरे से. शायद अभी तक भाई और भाभी सोए नही थे. लाइट जाने की वजह से आसपास एकद्ूम शांति हो गयी थी इसीलिए आवाज़ एकद्ूम क्लियर सुन पा रहा था.
भाभी बोल रही थी प्लीज़ अब रहा नही जा रहा जल्दी करो. शायद वो लोग चुदाई कर रहे थे तो मे एक्शिटेड हो गया और हल्के पॅव कमरे के और बढ़ा. हल्की सी दरार मे से देखा और कमरे मे एक दिया जल रहा था. और उसका पूरा प्रकाश भाभी के नंगे बदन को चमका रहा था.
भैया बूब्स को दबा रहे थे और भाभी एकद्ूम मदमस्त होके भैया के मूह को अपने हाथो से नोच रही थी. मैने भाभी का ये वाइल्ड रूप कभी नही देखा था.
भैया ने अब लंड पकड़ के छूट पे रखा और हल्के हल्के धक्के लगाने लगे. भाभी नीचे से उकचल उकचल के लंड अपनी छूट मे ले रही थी. साइड व्यू होने की वजह से उनकी छूट तो दिख नही रही थी. पर 20-25 दखो के साथ भैया ने अपना पानी छ्चोड़ दिया और उपर से हट गये.
भाभी के चेहरे पे उदासी सॉफ दिख रही थी. वो भी बिना कुछ बोले दिया बुजा के सो गयी. मुझे पता चल गया भाभी को सरिरिक सुख मिल नही रहा और वो उसमे खुश नही है.
अगले दिन जब भाभी नहाने गयी तो मई रूम मे बेता हुआ था और ग़मे खेल रहा था. भैया ऑफीस गये थे और बातरूम का दरवाजे की लकड़ी भी आधी टूट गयी थी. वाहा से अंदर तोड़ा तोड़ा देख सकते थे.
तभी भैया का एक करीबी दोस्त चिंटू घर पे आया. बातरूम से पानी की आवाज़ आ रही थी तो वो वही पे रुक गया और देखने लगा. मेरी नज़र उसपे पड़ी और मई धीरे से बाहर की और गया.
मैने देखा की चिंटू दरवाजे की टूटी हुई जगह से अंदर देख रहा था. मई भी चुप के उसके पीछे आ गया. उसको मालूम नही था की मई उसके पीछे ही खड़ा हू और मुझे भी हल्का हल्का दिख रहा था.
भाभी अपने बदन पे साबुन लगा रही और शायद भाभी को भी अंदर से दिख ही रहा होगा की बाहर से चिंटू देख रहा है. पर मई हेरान था की भाभी कुछ रिक्ट क्यू नही कर रही!
(मेरे भैया ने बताया था की ये चिंटू बड़ा ही हरामी है. उसने गॅव की मोस्ट ऑफ भाभियो को छोड़ा है. और मुझे लगता है अब उसकी नज़र मेरी भाभी पे है.)
भाभी अब अपने बूब्स पे साबुन लगा कर उसको मसल रही थी और धीरे धीरे छूट पे हाथ लगा कर उसके रगड़ने लगी. दो उंगलिया छूट के अंदर दल के तेज़ मूठ मारने लगी.
ये देख के मेरा लंड एकद्ूम खड़ा रहे गया. और चिंटू तो अपनी पेंट मे हाथ डाल कर अपने लंड को मसल रहा था.
तभी बाहर से किसके आने की आवाज़ आई तो मई झट से घर के अंदर भाग गया. चिंटू इतना मसगूल था की उसको पता ही नही चला और भैया आ गये. तब भी चिंटू मूठ ही मार रहा था.
भैया को अचानक देख के दर्र के मारे वो भाग गया. जब भाभी बातरूम से बाहर निकली तो भाभी को डाट दिया. की तुम्हे पता ही है वो चिंटू देख रहा था और वो कैसा हरामी है! फिर भी उसके सामने नंगी नहा रही थी!!
तो भाभी ने बोला मुझे नही पता था की कोई देख रहा था. पर मुझे भाभी के मूह से सॉफ लग रहा था की वो जूथ बोल रही है.
फिर दो टीन दिन बाद जब मई गॅव की सेर करने निकला तो मैने चिंटू को हमारे घर जाते देखा. मैने सोचा भैया से माफी माँगे जा रहा होगा. आयेज चलते चलते मे पंचायत पे पहुचा तो मैने देखा की भैया तो ऑफीस मे बेते काम कर रहे थे.