वैसे तो मैं बहुत सीधी सादी औरत हूँ, मेरी शादी को पाँच साल हो गए है और
मेरे पति बड़े व्यापारी हैं, उनका काम घर पर भी चलता है, अपने लैपटॉप पर
वो रात को 12-1 बजे तक काम करते रहते हैं !
तो मैं रात को देर तक अपने लैपटॉप पर ऑरकुट पर चैटिंग करती रहती हूँ।
वैसे तो मेरे प्रोफाइल में ज्यादा लड़कियों को ही ऐड किया हुआ है, उनसे
सेक्स के विषय पर बात करते हुए अपने आपको थोड़ा रिलेक्स कर लेती हूँ !
वैसे मेरे पति को मुखमैथुन का बहुत शौक है मुझे ऐसा करना होता ही है,
वैसे शुरू में तो मुझे कोई कोई परेशानी नहीं होती थी, पर मुझे नीचे की भी
शांति की जरुरत होती है, इस बारे में मेरे पति से कहती हूँ तो वो टाल
जाते हैं, कहते हैं- थोड़ा कर दो, फिर करता हूँ !
वो कभी करते भी हैं तो कम समय में ही झर जाते हैं तो कुछ हो भी नहीं पाता
है ! मुझे संतुष्टि नहीं मिलती है, मुझे और ज्यादा सेक्स की जरुरत होती
है तो थोड़ा खुद हाथ से शांत कर लेती हूँ, पर जो शांति लिंग से मिलती है
वो मुझे शादी के एक साल तक ही मिल पाई !
मैं परेशान रहने लगी लगी कि औरत की चुदास को शांत करना बहुत मुश्किल काम
है, यह बात एक औरत के अलावा कोई नहीं जान सकता, कम से कम मर्द नहीं समझ
सकता है, उसको वीर्य पतन तक ही मतलब होता है, उसके बाद औरत का क्या हाल
है वो जाने बिना ही सो जाते हैं, यह मैंने बहुत सालों बाद अनुभव किया है
! पूरी दुनिया में ऐसे लाखों औरतें है जो इस परेशानी से जूझ रही हैं पर
कोई चारा नहीं है तो बस बर्दाश्त करके घुट घुट कर जी रही हैं !
मैं अपने बारे में बताती हूँ ! मुझे देख कर कॉलेज के ज़माने में लड़के मुझ
पर मरते थे और आज भी कई लड़के और मर्द अपनी जान देने के लिए तैयार रहते
हैं। मेरा गोरा रंग और सुंदर नयन-नक्श ! मेरे स्तन 32 आकार के हैं। मेरी
उम्र हालाँकि 28 है पर मैं आज भी 22 की लगती हूँ ! मेरे पति विनोद जो 34
साल के हैं, वैसे है वो भी काफी खूबसूरत ! पर मुझे सेक्स में शांत नहीं
कर पाते हैं और एक बात मेरे पति विनोद का कोई चक्कर भी है शायद, ऐसा मुझे
शक है ! क्यूंकि इतनी सुंदर बीवी को कोई ठीक से न चोदे तो उसको आप क्या
समझेंगे? कि या तो वो मूर्ख है या कोई चक्कर है !
खैर, अब मैं कहानी पर आती हूँ !
विनोद का यों बार-बार बाहर जाना कभी बोम्बे, कभी देहली तो कभी विदेश,
महीने में 10 से 15 दिन दिन का टूअर होता है जो मुझे परेशान रखता है।
चाहे मुखमैथुन ही सही, पर उनका सुंदर लिंग देखने को तो मिल जाता है न !
और फिर हिंदी सेक्सी कहानियाँ और चैटिंग पर सेक्स की बात करके मेरा क्या
हाल होता होगा, मेरे सारी बहनें जो हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर आती हैं,
जान सकती हैं।
हाँ, वैसे मेरे मर्द दोस्त भी समझ सकते हैं कि हिंदी सेक्सी कहानियाँ पर
क्या होता है? उसके बाद क्या हाल होता है? अगर लिंग न मिले चूसने को और
खाने को? नीचे चूत कैसे फड़कती है, बिना लिंग के चूत? यह मुझसे बेहतर कोई
नहीं जान सकता है !
कहानी की शुरुआत होती है बहुत भावुक माहौल से ! एक बार ये जयपुर गए थे और
रास्ते में बस-दुर्घटना हो गई। यह खबर देने के लिए इनका दोस्त सुनील आया,
मैं नहा रही थी, बाथरूम मैं थी,
“भाभी ! भाभी !” आवाज दी उसने- आप कहाँ हैं?
मैंने कहा- मैं बाथरूम मैं हूँ !
उसकी आवाज मैं बहुत खौफ और दर्द था, वो रुआंसा हो रहा था।
मैंने कहा- क्या हुआ सुनील जी?
मैंने बाथरूम से ही कहा।
सुनील ने कहा- विनोद का फोन आया क्या?
मैंने कहा- नहीं !
“तुमने किया क्या?”
मैंने कहा- नहीं !
मैंने कहा- क्या हुआ? जल्दी बताओ?
“कैसे बताऊँ भाभी ! जिस वोल्वो गाड़ी से विनोद जा रहा था, वो
दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, मैंने अभी समाचार में सुना है, और बहुत बड़ा
नुकसान हुआ है ! और विनोद का फोन भी नहीं लग रहा है !”
मैं बेहोश होने लगी, मैं नहा रही थी, बस तौलिये में थी, मेरे हाथ मैं
नाइटी लगी, और ऐसे ही बाहर आ गई, मुझे होश भी नहीं रहा कि मैं कैसे हूँ !
और रोते हुए सुनील से लिपट गई। सुनील मुझे दिलासा देने लगा- कुछ नहीं
होगा भाभी ! आप चिंता न करो !
मैं सिर्फ पैंटी में थी और वक्ष पर तौलिया था जो आधे ही चूचों को ढक रहा था !
मेरे पीठ नंगी थी जिस पर सुनील हाथ फेर रहा था मुझे दिलासा देने के लिए !
मैं उससे चिपक कर रो रही थी, मुझे यह भी होश नहीं था कि मैं पूरी तरह से
नंगी हूँ और मेरे उरोज़ उसके जिस्म से चिपक रहे हैं, पर उस समय ऐसा नहीं
था।
इतने में मेरा फोन बजा, मैं कमरे की तरफ भागी, मेरे साथ-साथ सुनील भी था।
शुक्र है, विनोद का फोन था। मैंने जल्दी से फोन उठाया- तुम कहाँ हो
विनोद? क्या कर रहे हो? क्या हाल है?
सारे सवाल एक साथ दाग दिए मैंने !
विनोद ने कहा- घबराना मत ! मुझे कुछ नहीं हुआ है, मुझे पता था कि तुमको
खबर जरूर लग गई होगी !
“तो तुम्हारा फोन क्यों नहीं लग रहा था?”
विनोद ने कहा- मेरा फोन ख़राब हो गया है, टूट गया है, मैं दूसरे मोबाइल
में सिम डाल कर तुमको फोन कर रहा हूँ ! और फिर से जयपुर जा रहा हूँ दूसरी
गाड़ी में ! वैसे बहुत से यात्रियों को चोट आई है और तीन तो मर भी गए हैं,
पर मुझे कुछ नहीं हुआ है।
मैंने कहा- चलो ठीक है कि तुमको कुछ नहीं हुआ यार ! सुनील ने खबर दी, मैं
मर जाती तुम्हारे बिना !
और फिर से रोने लगी। इतने में फोन कट गया लाइन की खराबी के कारण !
मुझे रोता देख सुनील फिर से मेरे पीठ पर हाथ फेरने लगा और मैं उससे लिपट
गई। अब तक मैं नंगी थी और मुझे यह अहसास भी नहीं था।
क्या आप मानेंगे मेरी बात को? पर यही सच है !
सुनील अब तक सब सुन भी चुका था, मेरे नंगे बदन को देख भी चुका था और मुझे
अपनी बाहों में लेकर मुझे अपने मर्द होने का अहसास करवा रहा था। उसके
लिंग का अहसास मुझे नीचे होने लगा था और मेरे उरोज उसके जिस्म से बहुत
जोर से जकड़े हुए थे। मैंने उससे छुटने का प्रयास किया पर छुट नहीं पाई।
वो बोला- काफी खुबसूरत हो भाभी आप तो ! आपके क्या बूब्स हैं ! जैसे विनोद
ने कभी छुआ नहीं हो ! बहुत सख्त हैं आपके बूब्स !