चुत की सील टूटी

मेरा नाम दीपक है, मैं आज आपको अपनी एक कहानी इस वेबसाइट पर सुनाने जा रहा हु। ये मेरी असली कहानी है, मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी और कविता की भी पहली चुदाई की कहानी बताने जा रहा हु। ये कहानी मेरी और मेरी नई बनी बनी मेरी गर्लफ्रेंड कविता के बारे में है। आज मैं आपको कविता की चूत कैसे फाड़ी और कैसे उसके छोटे से छेद में अपना मोटा लौड़ा पेला और वो कैसे चिल्लाई थी हु वहु वैसा ही बताने की कोशिश कर रहा हु। ये मेरी पहली कहानी है हिंदी पोर्न कहानी डॉट कॉम पर, मैं इस वेबसाइट का बहूत बड़ा फैन हु, पहले मैं सोचा करता था की काश मुझे भी कोई चूत मिले और मैं भी अपनी पहली कहानी इस वेबसाइट पर डालूं।

दोस्तों आज ये वक्त आ गया जब मैं अपनी कहानी इस वेबसाइट पर पोस्ट कर रहा हु। आशा करता हु की आपका लौड़ा खडा करने में और अगर भाभी जी या कोई हॉट चुदक्कड चूत वाली इस कहानी को पढ़ रही हैं तो आपकी चूत को गरम कर पानी निकाल दूंगा। तो अब सब लोग अपने हाथ को अपने अपने सामान पर रख ले, और आनंद लें।

मैं दिल्ली में रहता हु, जिस अपार्टमेंट में मैं रहता हु, वही सामने एक लड़की रहती है। बहूत ही मस्त लड़की है, उसका बॉडी बहूत ही स्लिम है पर चूचियां गोल गोल और बड़ी बड़ी है, गांड का उभार बाहर की तरफ है, लम्बे लम्बे उसके बाल है, और बहूत ही हॉट है, उसके गुलाबी होठ को देखकर मैं कब से चूसने की सोच रहा था, पर वही होता है दोस्तों जब तक ऊपर वाले की मर्जी ना हो कुछ नहीं होता चाहे कुछ भी कर लो फिर क्या था दोस्तों एक दिन की बात है, मेरी मम्मी हॉस्पिटल गई थी उसकेउसकी माँ के साथ, मैं घर में अकेला था और वो भी अकेली थी, उसका फ्लैट मेरे फ्लैट के पास ही था, वो इशारे से बोली दीपक तेरे से काम है। मैं कहाँ मेरे से? वो बोली हां, मैंने कहा ठीक है मैं आता हु। तो वो बोली नहीं नहीं मैं आ रही हु, दिन के करीब ११ बजे थे ।

थोड़े देर में ही वो आ गई, आकर बोली अरे यार मैं तुम्हे अपने घर में बुलाना नहीं चाह रही थी क्यों की मेरी छोटी बहन घर पर ही है और ये बात मैं तुमसे अकेले में ही कह सकती थी। मैंने कहा हां हां बोलो बोलो। उसकी साँसे तेज तेज चलने लगी, और इधर उधर देखने लगी, मैंने कहा अरे यार बोलो कोई बात नहीं, जो भी बात होगा मेरे और तुम्हारे बिच ही रहेगा। तभी वो बोली कमरे में चलो, मैं कमरे में चल दिया वो भी मेरे साथ आ गई। मैं अपने बेड पर बैठ गया वो मेरे सामने ही खड़ी थी, मैंने कहा चलो अब बोलो, तो बोली दीपक मैं तुमसे प्यार नहीं करती। पर मैं तुमसे सेक्स करना चाहती हु, मुझे चुदने का बहूत मन करता है, मुझे खुश कर दो प्लीज, आज तक मैं कुंवारी हु, आज तक चुदी नहीं हु, पर आजकल पता नहीं मुझे क्या हो गया है, मुझे चुदने का मन करने लगा है और रात रात भर किसी न किसी की याद में जागते रहती हु, हो सकता है मुझे बीमारी हो गई है, इसलिए मैं चाहती हु की तुम मुझे आज चोद दो ताकि मेरा पढाई में मन लग जाये। और मेरी चुदाई का भूत भी उतर जाये। मैं अपनी चूत की गर्मी को शांत करना चाहती हु।

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मैं भी पहले से कविता के कच्ची जवानी को चखना चाह रहा था क्यों की मेरे सारे दोस्तों ने अपनी अपनी गर्लफ्रेंड को या किसी भाभी को एक ने तो अपनी बहन को ही चोद चूका था, मैं अभी तक किसी लड़की को चोदा नहीं था बस मूठ मार मार कर ही काम चला रहा था। आज मेरे सामने बहूत ही खुबसूरत लड़की चुदवाने के लिए मेरे सामने गिडगिडा रही थी, भला दुनिया का कौन ऐसा लड़का होगा जिसको चूत मिल रही हो और वो ना चोदे। मैंने कहा ठीक है पर मैं ऐसा वैसा लड़का नहीं हु, तो वो बोली मैं भी ऐसा वैसा लड़की नहीं हु, तभी तो आज तक वर्जिन हु नहीं तो मेरी सारी सहेलियां चुद चुकी है।

फिर क्या था हम दोनों एक दुसरे के बाहों में आ गए तभी मम्मी का फ़ोन आ गया, मैं फ़ोन उठाया तो बोली बेटा मैं २ घंटे में आउंगी क्यों की डॉक्टर नहीं है, सोच रही हु कुछ सामान लेना है बिग बाज़ार से लेता ही चलूँ, कविता की मम्मी भी लेट आएगी, मैंने कहा ठीक है माँ, और फ़ोन रख दिया, अब क्या था दोस्तों पूरी आज़ादी कोई डर नहीं, तुरंत ही कविता के सारे कपडे उतार दिए। ओह्ह्ह्ह क्या बताऊँ गोल गोल चूचियां, चौड़ी गांड, चूत पर हलके हलके बाल, कसा हुआ बदन, होठ लाल, गाल गुलाबी हो गया था। मैं कविता के जांघो के बिच में आ गया और उसके चूत को चाटने लगा, वो आह आह आह करने लगी, चूत काफी टाइट थी, छेद भी दिखाई नहीं दे रहा था। फिर मैं उसके चुचियों को मसलना शुरू कर दिया, वो आह आह आह करने लगी, होठ को चूसते ही वो आपा खो दी और मुझे बुरी तरह से अपने बाहों में ले लिए और मेरे होठ को चूसने लगी, फिर वो मुझे लिटा दी और मेरे ऊपर चढ़ गई, पहले वो मेरे पुरे शारीर को अपने जीभ से चाटी फिर मेरे लौड़े को अपने मुह में लेके चूसने लगी, मैं उसके बाल को पकड़ कर चुस्वाने लगा।

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फिर वो निचे लेट गई, मैं ऊपर आ गया, अपने लंड को उसके चूत पर लगाया और घुसाने लगा, पर जा नहीं रहा था, वो भी नई नई थी और मैं भी, फिर उसने ही मेरे लंड को पकड़ कर चूत पर सेट किया मैंने धक्का दिया फिर भी नहीं गया, बस उसकी चीख निकली, फिर मैंने थोड़ा थूक अपने लौड़े पर लगाया और फिर से उसके चूत पर सेट किया और जोर से धक्का दिया, और आधा लंड उसके चूत में चला गया, जब लौड़ा बाहर निकाला तो देखा उसके चूत से खून निकल रहा था और मेरे लौड़े में भी खून लगा हुआ था, वो डर गई पर मैंने पहले भी नॉनवेज स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ा हु की पहली बार चोदन करने पर खून निकलता ही है, मैंने समझाया वो मान गई और फिर से मैंने लौड़ा के उसके चूत पर सेट किया और फिर अन्दर तक पेल दिया। उसके बाद तो दोस्तों कभी वो निचे कभी मैं चूचियां दबाते हुए जोर जोर से धक्के देने शुरू कर दिए, उसके गाल होठ को चूसते हुए उसके चूत में लौड़ा अन्दर बाहर करने लगा, वो दर्द से चिल्ला रही थी, पर मजे भी ले रही थी।

दोस्तों उस दिन हमें पुरे १ घंटे तक चोदा था, और हम दोनों ने अपनी अपनी वर्जिनिटी खोई थी, उसके बाद तो हम दोनों को जब भी मौक़ा मिलाता है हम दोनों बिस्तर गरम करते हैं।

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