चाची जान को कुतिया बनाके चोद दिया
प्रेषक :इकबाल ,
हमारा परिवार एक छोटे से शहर में रहता है और हमारे एक दुकान है जनरल स्टोर की जिसको भाईजान और अब्बू ही सँभालते है और में क्लास 12 में पढता हूँ ..!इस दुकान से हमारा घर ठीक ठाक चल जाता है ,हमारे दो कमरों का एक मकान हैजिसमे एक कमरे में अब्बू और अम्मी सोते है दुसरे में में और भाईजानकोई मेहमान आ जाये तो हम छत पर सो जाते है , मेरे वालिद और अम्मी मुझे बहुत ही प्यार करते है और मेरी जरूरतों का ध्यान भी रखते है क्लास में मेरे बहुत सारे दोस्त है जो कई बार सेक्स के बारे में बातें भी करते है और कई दोस्त तो अपने सेक्स की स्टोरी भी सुनते है
लेकिन मुझे अभी तक कोई सेक्स का अवसर नहीं मिला था और में कई बार अपना बिस्तर ख़राब कर देता थाऐसे ही एक दिन मेरे एक दोस्त जिसका नाम साहिल है ने मुझे पहली बार एक बात बताई की लंड हिलाने से बहुत ही मजा आता है
और उसने मुझे मुठ मारना सिखा दिया.और जब भी मेरा लैंड खड़ा होता तो उसको हिल्ला कर समझा देता था……….!!!!!
ऐसे ही एक दिन अम्मी बोली बेटा जा निगार चाची को ये चिकन कोरमा देकर आजा …?
निगार चाची की उम्र तो चालीस साल की थी पर चाची का फिगर तौबा अप्सराओ को भी मात करता था और उनके बूब माशाल्लाह क़यामत ही थेऔर में चाचिजान के घर की तरफ निकल गया .उनके घर पर जाते ही मैंने घंटी बजायी और इन्तेजार करने लगा करीब दस मिनिट बाद फिर घंटी बजायीमें सोचने लगा की इतनी देर से दरवाजा क्यों नहीं खुला .तभी दरवाजा खुला और निगार चाची एक बड़ा सा तोलिया लपेटे हुए बहार आई और मुझे देख कर खुश हो गयी .
और बोली बेटा आज रास्ता किसे भूल गए और चाची की याद किसे आ गयी तुमको आजा अंदर आजा और चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर अंदर खींच कर दरवाजा बंद कर लिया ..~!
में हेरान था की चाची बोली आजा मेरे रूम में चलते है और मुझे अपने रूम की तरफ ले गयी ,(में बतादू की मेरे चचाजान दिल्ली में जॉब करते है और चाची अकेली ही रहती है .
और घर पर एक पुराना नोकर भी था.लेकिन इस वक्त चाची अकेली थी . चाची ने मुझे एक सोफे पर बता दिया और बोली- जावेद क्या लाया है मेरे लिए ,मैंने कहा चिकन कोरमा लाया हूँ चाची .चाची खुश हो गयी और बोली वाह रे मेरी आपा (मेरी अम्मी को चाची आपा बुलाती थी ) ने मुझे चिकन कोरमा भेजा है मज़ा आ गया आज तो और चाची वही पर बेठ कर कोरमा खाने लगी .कोरमा खाते कई बार चाची का सीना दिख जाता था सिने की दरार में देखकर मेरी सांसे उखाड़ने लगी और मेरा लंड खड़ा हो गया..निगार चाची ने कोरमा ख़त्म कर दिया और बोली ओह जावेद कितनी बेशर्म हूँ में तुम्हे तो पूछा ही नहीं जावेद …मैंने कहा कोई नहीं चाची में घर से ही खाके आया हूँ .
तो चाची बोली खाकर आये हो तो कुछ पीकर जाओ बताओ क्या पियोगे ठंडा या गरम या घर का दूध और चाची धीमे से अपने सीने को उभार कर बोली जावेद तुम तो चाची से खेरियत भी पूछने नहीं आते हो
और अब्बकी बार कितने दिन से आये हो और अच्छा किया आज आये क्योंकि आज रमजान मिंया(नोकर ) गाँव गए है और में घर पर अकेली ही हूँ और अब तुम दो दिन मेरे पास ही रहोगे आपा को में फोन कर देती हूँ ..
और चाची ने अम्मी को फोन कर दिया .
चाची अभी भी तोलिया लपेटे हुए ही थी और फिर चाची बोली में कपडे पहन लेती हूँ में चाची के बेडरूम में ही था , तो में खड़ा होकर बाहर जाने लगा तो चाची बोली क्या हुआ जावेद …?
मैंने कहा चाची आप कपडे बदल लो ,
चाची बोली पागल तू तो घर का ही लड़का है और तुम से थोड़ी मदद भी लेनी है क्या है की मेरी सब चोली टाईट हो गयी है तो तुम पीछे से हुक लगा देना .
मेरी तो गांड ही फट कर कलेजे में आने लगी लगता है आज कुछ नया होने वाला है..!
फिर चाची ने मेरे सामने अपना तोलिया अपने सीने से उतार लिया , हैई क्या नजारा था दो बड़े बड़े बूब बुरी तरह से हिल रहे थे और मेरा लंड तो जैसे मेरी सलवार ही फाड़ देने वाला था मैंने पहली बार किसी ओरत के बूब इस हालत में देखे थे और वो भी इतने बड़े थे की क्या बताऊ चाची के बूब करीब 38” के थे मेरी सलवार के आगे तो जसे तम्बू ही बन गया था चाची गोर से देख रही थी और.
फिर चाची बोली = > जावेद जा सामने की अलमारी से मेरी चोली और चड्डी तो लादे ना मेरा राजा .चाची ने राजा ऐसे कहा की पूछो ही मत मैंने अलमारी खोली उसमे बहुत सी चोलिया थी तो मैंने चाची से पूछा कोनसी लाऊ चाची चाची बोली जो तुमको पसंद हो जावेद मिंया .