तो बात तब की है जब में कॉलेज के पहले साल में थी और छुट्टियाँ ख़त्म होने पर घर से होस्टल दुखी मन से वापस जा रही थी। मेरी फेमिली मुझे ड्रॉप करने बस स्टॅंड तक आई थी और पापा मेरे लिए वोल्वो बस में सीट बुक करवा रहे थे। तो में मम्मी और दीदी से बातें कर रही थी।
में : मम्मा.. आपकी मुझे बहुत याद आएगी।
मम्मा : ओह मेरा बच्चा.. दो दिन और रुक जाती.. बड़े दिन बाद तो आई थी।
दीदी : मेडम सारा टाईम यहीं पर रुक जाओगी तो पढ़ाई कौन करेगा?
में : हाँ दीदी आप तो मुझे प्यार करती ही नहीं.. बस मुझे जल्दी से भागना चाहती हो ताकि माँ का सारा प्यार तुम्हे ही मिले।
दीदी : हाँ यही बात है में तुझसे प्यार नहीं करती मेरी प्यारी गुड़िया और उन्होंने मेरे गाल पकड़ कर चुटकी काटी।
माँ : स्वीटी मत कर उसे लग रही होगी।
में : आऊच दीदी बस मुझे पता है तुम मुझे बहुत प्यार करती हो और में भी आप से बहुत प्यार करती हूँ।
पापा : लो बेटा तुम्हारा टिकट.. अब जल्दी करो बस जाने वाली है और मुझे एक प्यारी सी झप्पी दे दो।
तो इसी खुशी के माहौल में बस में चडी और अपनी सीट पर जाकर बैठ गयी जो कि बिल्कुल आखरी सीट थी और सारी बस फुल थी.. लेकिन आखरी की सीट पर कुछ गिरा हुआ था जिससे वो गंदी हो गयी थी.. लेकिन वहाँ पर दो लोग बैठ सकते थे। मुझे जाते हुए अच्छा नहीं लग रहा था और में बहुत दुखी होकर मुहं लटकाए हुए फोन पर गाने सुनने लगी.. मैंने ढीली काली टॉप और सफेद टाईट जीन्स पहनी थी और बाल हल्के हल्के खुले हुए थे। फिर करीब 10 मिनट बाद बस एक जगह रुकी और कोई 50 साल की उम्र के एक अंकल बस में चड़े। फिर उन्होंने इधर उधर देखा और मुझे देखते ही मेरी तरफ आने लगे। तो मैंने एकदम से आँखें घुमा ली कि वो कहीं और बैठ जाए.. लेकिन वो मेरी साईड में आकर बैठ गये।
अंकल : हैल्लो यंग लेडी आप कहाँ तक जा रही हैं?
में : अंकल जी में दिल्ली तक जा रही हूँ।
अंकल : में अतुल मुझे आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई।
में : मेरा नाम भूमिका है और मुझे भी आप से मिलकर बहुत ख़ुशी हुई।
अंकल : मैंने आपको डिस्टर्ब तो नहीं किया भूमिका?
में : ओह.. ऐसा कुछ नहीं.. सब ठीक है.. वैसे भी में बोर ही हो रही थी।
अंकल : तुम तो दिखने में बहुत समझदार लग रही हो.. तुम्हे देखकर लगता नहीं कि तुम बोर हो। अच्छा में बता दूँ कि तुम एक स्टूडेंट हो और वापस होस्टल जा रही हो।
में : अरे आपको कैसे पता?
अंकल : अच्छा तुम जवान हो तो स्टूडेंट के अलावा कुछ और नहीं हो सकती और तुम्हारा साफ सुथरा भारी बैग देखकर लगा कि तुम वापस जा रही हो।
में : वाउ.. में आपकी बातों से बहुत चकित हुई अंकल।
फिर अंकल ने मज़ाक में आँख मारी और कहा कि क्या सच में? तो में शरमा गयी और कहा कि हाँ एक तरीके से। अंकल बहुत अच्छे स्वभाव के थे और थोड़ी ही देर में मेरी मायूसी की जगह मजे ने ले ली। फिर अंकल के साथ बात करते हुए बहुत अच्छा लग रहा था और चाहे वो कोई भी बात हो.. वो बड़े मज़े से उसके बारे में बात कर रहे थे। तो मैंने ध्यान दिया कि अंकल छोटी हाईट के थे और उनके सर के ऊपर बाल नहीं थे.. लेकिन फिर भी उनका चेहरा बहुत सेक्सी था और वो बहुत हेंडसम थे। शायद अंकल को पता चल गया था कि में उनकी बातों पर ध्यान दे रही थी।
अंकल : आप कहीं खो गयी भूमिका?
में : नहीं कुछ नहीं आप दिखने में बहुत अच्छे लगते हो।
अंकल : ओह शुक्रिया.. लेकिन आप भी किसी परी से कम नहीं।
अंकल : आप कहीं मज़ाक तो नहीं कर रही हो ना?
में : नहीं सच में।
अंकल : बहुत ध्यान दिया है मैंने अपने आप पर और क्या तुम जिम जाती हो?
में : जी हाँ कभी कभी
अंकल : तुम भी दिखने में बहुत सुंदर हो।
फिर कुछ टाईम के लिए में भूल ही गयी कि वो मुझसे करीब 30 साल बड़े हैं।
में : धन्यवाद अंकल.. लेकिन क्या आपको लगता है में और अच्छी कैसे दिख सकती हूँ?
अंकल : हाँ मुझे कुछ एक्सर्साईज़ पता है.. लेकिन मेरे बताने पर तुम्हे अच्छा नहीं लगेगा।
में : प्लीज़ मुझे बुरा नहीं लगने वाला मुझे अपने पर विश्वास है।
अंकल : क्यों?
में : क्योंकि में बहुत फ्रॅंक हूँ।
अंकल : ठीक है तो फिर तुम मुझे ड्राईवर के पास तक चलकर दिखाओ।
में : क्या? लेकिन क्यों?
अंकल : प्लीज चलो ना मुझे देखना है तुम्हारा फिगर कैसा है।
तो मेरे चेहरे पर एक शैतानी स्माईल आ गयी और एक कहा कि ठीक है।
अंकल : अरे में तभी तो बता पाउँगा कि कौन सी एक्सर्साईज़ करनी है।
तो में अपनी सीट से उठी और अंकल की तरफ गांड करके निकलने लगी.. निकलते टाईम मेरी बड़ी गांड उनकी पेंट पर रगड़ गयी और शायद उन्होंने ऐसा जानबूझ कर किया था। तो में बहुत खुश थी और अपनी गांड नॉर्मल से ज़्यादा मटकाते हुए ड्राईवर के पास जाकर.. मैंने पूछा कि हम लंच के लिए कब रुकेंगे?
ड्राईवर : अभी तो बहुत टाईम है मेडम आप थोड़ा और आराम कर लो सो जाओ जब हम रुकेंगे आपको खबर कर देंगे।
में : ठीक है.. धन्यवाद।
फिर में अंकल की तरफ आते टाईम अपने बूब्स को फुलाकर चलने लगी। मेरी साँसे तेज़ थी क्योंकि सब लोग मुझे ही देख रहे थे और में अंकल के पास आकर चुपचाप बैठ गयी और में अपनी विंडो सीट पर पहले की तरह जब अंकल की तरफ गांड करकर निकल रही थी तो इस बार उन्होंने सीट पर सीधा होने के बहाने मेरे चूतड़ के बीच अपने लंड से एक ज़ोरदार झटका मार दिया।
में : ओउउक्च्छ।
अंकल : ओह मुझे माफ़ करना।
में : जी नहीं सब ठीक है।
अंकल : मुझे चलकर दिखने के लिए धन्यवाद और मैंने अच्छे से देखा और अब में बता सकता हूँ कि तुम्हे कौन सी एक्सर्साईज़ करनी चाहिए।
में : अच्छा आपको धन्यवाद.. प्लीज बताइए।
अंकल : ऐसे नहीं और उन्होंने एक पेपर और पेन निकाला और धीरे से कहा कि.. तुम बहुत सुंदर और सेक्सी फिगर वाली लड़की हो.. लेकिन तब उन्होंने उस पेज पर नंगी लड़की की फोटो बनाई एक आगे की तरफ और एक पीछे की तरफ। तो में आँखें फाड़कर अंकल की और देख रही थी।
अंकल : तो भूमिका अरे तुम इस फोटो की तरफ ध्यान दो।
में : लेकिन।
अंकल : तुम कुछ भी मत सोचो और अगर तुम चाहती हो कि में तुम्हारी मदद ना करूं तो ठीक है।
में : अरे नहीं यह सब ठीक है प्लीज़ आप मेरी मदद करो।
तो अंकल ने फिर फोटो के ऊपर मेरा नाम लिखा और कहा कि यह तुम हो और उन्होंने फोटो के होंठ, बूब्स, गांड और कमर पर गोले बना दिए।