एक दिन अचानक से होगयी बीवी की सहेली से सम्भोग Part 2

और मैं उसके चूतड़ दबाने लगा.. लंड को भी दबाते हुए अन्दर धकेल रहा था.. मक्खन की वजह से उसकी टाईट गांड में लंड फिसल रहा था। मेरा लंड भी छिल रहा था.. आधे से ज्यादा अन्दर करने के बाद मैंने अब लंड को हल्के से आगे पीछे करने लगा..

रागिनी की आंखों से आंसू निकल आए थे. लेकिन जैसे जैसे लंड अन्दर जा रहा था उसे मजा आने लगा था.. अब मैंने देर करना उचित नहीं समझा और लंड को बाहर खींच कर जोर का धक्का दिया और पूरा लंड जड़ तक उसकी गांड में समा गया..

रागिनी फ़िर से चीखी और सामने की तरफ़ गिरने को हुई तो मैंने सामने हाथ बढ़ाया और उसकी चूचियों को थाम लिया.. पूरा लंड अन्दर निकल कर मैं उसकी गांड मार रहा था.. अब मैंने गांड और चूत दोनों को एक साथ चोदने का इरादा किया.. और लंड को गांड से निकाला और एक ही धक्के में चूत के अन्दर डाल दिया फ़िर वैसे ही चूत से बाहर निकला और गांड में एक धक्के में अन्दर पूरा लंड डाल दिया..

इस तरह से एक बार गांड में फ़िर एक बार चूत में.. मैं मेरे लंड से रागिनी को चोद रहा था.. अब उसे भी मजा आ रहा था..

वो कहने लगी- शादी के 15 साल में चुदाई का ऐसा मजा मुझे नहीं मिला।’

मैंने कहा- रानी तुम्हारी गांड और चूतड़ इतने सुंदर हैं कि मेरे जैसा मर्द जो कि गांड का शौकीन नहीं है उसे भी आज तुम्हारे गांड में लंड डालने का दिल हो गया!’

उसने पूछा- सच! मेरे चूतड़ इतने सुंदर हैं?’
मैंने कहा- सुंदर कहना तो कम होगा.. ये खूबसूरत और बहुत ही उत्तेजक हैं।’

कहते हुए मैं उसकी गांड और चूत चोदने लगा… करीब बीस मिनट से ज्यादा हो गया था।

रागिनी कहने लगी- मेरे पैर दुःख रहे हैं..
मैंने कहा- ठीक है!

मैंने लंड बाहर निकला और सामने रखी कुर्सी पर बैठ गया.. उस कुर्सी में बाजू के हत्थे नहीं थे..

मैंने रागिनी से कहा- अब तुम अपनी चूत मेरे लंड के ऊपर रखो और दोनों पैर मेरे पैरों के साइड में फैला लो.. मेरी तरफ़ मुँह करके बैठो..

उसने कहा- नहीं संजय.. इतने मोटे पर मैं नहीं बैठ पाऊँगी.. बहुत दर्द होगा.. और मैंने ऐसा कभी किया भी नहीं..

मैंने उसे अपने पास खींचा और कहा- तुम आओ तो..

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वो दोनों पैर फैला कर मेरे लंड के ऊपर आई..

मैंने कहा.. अब अपने छेद को इसके ऊपर रखो..

उसने वैसा ही किया..

मैंने उसकी कमर पकड़ी और उसे बैठाने लगा..

जैसे ही सुपाड़ा अन्दर गया वो खड़ी होने लगी.. नहीं संजय.. ऐसे में ये बहुत अन्दर घुस जाएगा.. कितना लंबा और कड़क है..

मैंने उसे उठाने नहीं दिया.. और अब उसके चुचूक मेरे मुँह के सामने थे.. मैंने एक को मुँह में लिया और नीचे से धक्का दिया.. और उसकी कमर को नीचे दबाया.. मेरा लंड ‘गप्प्प’ से पूरा अन्दर घुस गया.. मैंने दूसरा हाथ उसकी गांड के पास लगाया.. गांड का मुँह अब खुल गया था.. मैंने उसके होंठ अपने होंठों में लिए और उसे चूतड़ों से पकड़ कर उसे मेरे सीने से चिपका लिया..

दोस्तो, इस आसन में चुदाई का मजा ही अलग है।

मैं उसके होंठ चूस रहा था और वो आहिस्ता आहिस्ता अपनी गांड उठा कर चूत में लंड अन्दर बाहर कर रही थी.. मैं कभी उसके होंठ.. कभी चूची और कभी उसके कंधे चूमता..

इस पोज़ में 5-7 मिनट में ही वो झड़ गई..

अब मैंने उसे वैसे ही गोद में उठाया.. क्यूंकि मेरा लंड भी अब झड़ने वाला था.. उसे फ़िर से बेड के किनारे पर लिटाया.. कुर्सी से बिस्तर तक जाते हुए लंड उसकी चूत में ही था। बेड के किनारे पर उसे लिटाकर उसके पैर मेरे कंधे पर लिए और फ़िर तो मैंने दस मिनट तक उसकी चूत का बुरा हाल किया.. और आख़िर में लंड को उसकी चूत के अन्दर गहराई में रख कर एक मिनट तक पिचकारी मारता रहा.. मुझे लगता है उस वक्त मेरे लंड ने जितनी पिचकारी निकली होगी उतनी पहले कभी नहीं निकली..

उसके बाद मैं थक कर उसके ऊपर ही लेट गया। उसकी चूत मेरे लंड को निचोड़ रही थी और मेरे साथ वो भी झड़ गई थी…

मैंने उसे पकड़ कर बेड के ऊपर ले लिया वो मेरे सीने पर थी.. लंड चूत में!
मैंने उसे चूमते हुए कहा- आई लव यू रागिनी! मैं बहुत दिनों से तुम्हें पाना चाहता था!’

वो मुस्कुराई और कहा- मैं यह तो नहीं कहूँगी कि मैं तुम्हें पाना चाहती थी.. लेकिन आज के बाद जरुर तुम्हें हमेशा पाना चाहूंगी। तुमने मुझे सेक्स का जो मजा दिया है उससे मैं अनजान थी.. और इसमे इतना मजा है यह मुझे पता ही नहीं था।’ कहते हुए उसने मुझे चूम लिया।

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‘तुम खुश हो न संजय? तुमने जो चाहा, वो मैंने तुम्हें दिया.. ज़िन्दगी में पहली बार मैंने पीछे से सेक्स का मजा लिया.. तुम पहले मर्द हो जिसने मेरे पीछे वाले में अपना ये मोटा वाला पूरा अन्दर डाला।’

‘मेरी रानी रागिनी, मैं खुश ही नहीं खुशकिस्मत हूँ जो तुम्हारी लाजवाब चूत और मस्त गांड में मेरे लंड को जगह मिली।’

उसके बाद करीब एक घंटा हम दोनों वैसे ही नंगे पड़े रहे.. फ़िर वो उठी और बाथरूम गई.. वहाँ से बाहर आ कर उसने कपड़े पहने..’संजय, मुझे लगता है कि मैंने जरुरत से ज्यादा वक्त यहाँ बिता दिया है, अब मैं चलूंगी!’

‘काश तुम और रुक सकती.. शायद तुम ठीक कहती हो .. किसी को शक करने का मौका नहीं देना चाहिए..’

मैं भी उठा .. बाथरूम में गया। रागिनी ने ड्रेसिंग टेबल पर मेरी बीवी के मेकअप के समान से अपना हुलिया ठीक किया.. मैं बाथरूम से नंगा ही साफ़ करके बाहर आया तो वो तैयार थी.. मैंने उसे फ़िर से बांहों में लिया और किस किया.. उसने मेरे लंड को पकड़ कर सहलाया.. मैंने उसे बताया कि संगीता अभी और दो हफ्ते नहीं लौटेगी..

उसने कहा- अब घर पर नहीं! कहीं बाहर.. और तुमने मेरी जो हालत की है मैं वैसे भी दो-तीन दिन कुछ नहीं कर पाऊँगी.. जानते हो मैं वहाँ हाथ लगा कर धो भी नहीं पा रही हूँ.. बहुत दर्द हो रहा है और बहुत फूल गई है.. वो तो अच्छा है मेरे पति महीने में एक बार ही करते है वो भी कभी कभी.. इसलिए जब मैं ठीक हो जाऊँगी तो तुम्हें कॉल करुँगी..

मैंने घड़ी देखी .. अब ऑफिस आधे दिन के लिए ही जा सकता था।

मैंने देखा रागिनी की चाल भी बदल चुकी है.. थोड़ा लंगडा रही थी.. शायद गांड मारने की वजह से.. पैर भी फैला के चल रही थी.. फ़िर भी वो दरवाजे तक गई.. दरवाजा खोला .. और कहा..’थैन्क यू!’ और मुस्कुराकर चली गई..

दोस्तो, मैं उस दिन की हर घटना को सपना समझ रहा था। लेकिन दो दिन बाद ही रागिनी का फ़ोन आया कि आज बच्चे आज अपने मामा के घर गए है और पति भी टूर पर हैं तीन दिन के लिए, इसलिए ऑफिस से सीधे मेरे घर आ जाओ..

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