कानपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में हमारी पेन्ट फैक्ट्री है जिसे मैं व पापा देखते हैं. हमारे घर में मम्मी, पापा, मैं, मेरी पत्नी नीरा व मेरा छह वर्षीय बेटा संजू है.
मुझसे चार साल छोटी मेरी बहन आशा की शादी दो साल पहले हुई थी. आशा की ससुराल दिल्ली में है, उनका मार्बल का बिजनेस है. शादी के दो साल होने के बाद भी उसका कोई बच्चा नहीं है. इसी बात को लेकर आशा की सास ने ताने मारना शुरू कर दिया है.
पिछले हफ्ते आशा हमारे घर रहने के लिए आई है. चार छह महीने बाद आशा लगभग दस दिन के लिए मायके आती है फिर उसका पति अशोक उसे लेने आ जाता है.
इस बार आशा ने नीरा को बताया कि उसकी सास बहुत ताने मारती है. आशा का कहना था कि बच्चा नहीं हो रहा है तो इसमें मेरा क्या दोष है? अशोक शराब पीकर आता है और सो जाता है. दस पांच दिन में कभी मेरे पास आता भी है तो नशे में होने के कारण कुछ कर भी नहीं पाता है. मैं यह बात अपनी सास को बताऊँ तो घर में बखेड़ा खड़ा हो जायेगा.
उसकी सारी बातें सुनकर मेरी बीवी नीरा ने उससे कहा कि मैंने ऐसी ही एक कहानी अन्तर्वासना पर पढ़ी थी जिसमें मायके आई हुई लड़की अपने भाई से चुदवा कर गर्भ धारण कर लेती है और ससुराल में सुखी जीवन व्यतीत कर रही है. तू इतनी हिम्मत कर सकती है?
यह सुनकर आशा की आँखें फटी रह गईं और कुछ देर तक सोचने के बाद बोली- अगर मैं हिम्मत कर भी लूँ तो क्या भइया ऐसा कर पायेंगे? हम दोनों एक दूसरे का सामना कैसे कर पायेंगे?
नीरा ने उससे कहा- अब अगर तू हिम्मत कर रही है तो मैं कुछ न कुछ करती हूँ ताकि तेरा काम हो जाये.
रात का भोजन करने के बाद जब नीरा बेडरूम में आई तो मैं लेटकर अपना मोबाइल चेक कर रहा था. नीरा ने लाइट बंद कर दी. नाइट लैम्प की रोशनी में मैंने देखा कि नीरा ने अपना गाउन उतार दिया, अब वो ब्रा और पैन्टी में थी.
नीरा अक्सर ऐसा करती थी, यह इस बात कि इण्डीकेटर है कि आज चुदाई होगी.
मैंने भी मोबाइल रख दिया और नीरा को अपनी ओर खींच लिया. नीरा को अपने सीने से लगाते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया. नीरा की चूचियां सहलाते हुए मैं नीरा के होंठ चूसने लगा. नीरा ने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया. नीरा के हाथ फेरने से मेरा लण्ड टनटनाने लगा.
नीरा की पैन्टी उतारने के लिए मैंने हाथ बढ़ाया तो उसने रोक दिया और मेरा लोअर नीचे खिसकाकर मेरा लण्ड चूसने लगी.
मैं उठा, अपनी टी शर्ट और लोअर उतार कर पूरी तरह से नंगा हो गया और नीरा की पैन्टी उतार कर उसकी टांगों के बीच आ गया.
तभी नीरा उठी और एक मिनट में आई कहते हुए कमरे से अटैच्ड बाथरूम में चली गई.
जितनी देर में वो पेशाब करके आई उतनी देर में मैंने अपने लण्ड पर कोल्ड क्रीम चुपड़ ली.
नीरा बाथरूम से लौटकर आई और बेड के पास खड़ी हो गई.
“क्या हुआ?” कहते हुए मैंने उसे बेड पर खींचा और उसकी टांगों के बीच आ गया. नीरा की चूत पर हाथ फेरते हुए मैंने चूत के होंठ फैला कर अपने लण्ड का सुपारा रख दिया. नीरा की कमर पकड़ कर मैंने लण्ड को नीरा की चूत में धकेल दिया.
अपना लण्ड नीरा की चूत के अन्दर बाहर करते करते मैं उसकी चूचियां मसलने लगा. न जाने क्यों ऐसा लगा कि नीरा की चूचियां पहले से कुछ छोटी हो गई हैं और टाइट भी. लेकिन जब चुदाई चल रही हो तो ऐसी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं जाता.
नीरा को चोदते चोदते मेरे डिस्चार्ज का समय आ गया तो मैंने नीरा की टांगें अपने कंधों पर रख लीं और फुल स्पीड से चोदने लगा. लण्ड का सुपारा फूलकर संतरे जैसा हो गया था. एक समय आया कि मेरे लण्ड से फव्वारा छूटा और नीरा की चूत मेरे वीर्य से भर गई.
डिस्चार्ज होते ही हमेशा की तरह नीरा के शरीर पर पसर गया. उसके बदन की खुशबू कुछ बदली हुई लग रही थी.
मैंने नीरा के गाल थपथपाते हुए पूछा- क्या बात है, एकदम से चुप क्यों हो गई हो?
इतना सुनते ही नीरा सिसकने लगी. उसकी आवाज भी कुछ बदली हुई थी, वो उठी और बाथरूम में चली गई.
बाथरूम से वापस लौटकर नीरा मुझसे लिपट गई और बेतहाशा चूमने लगी. नीरा ने निढाल पड़े मेरे लण्ड पर हाथ फेरकर खड़ा करना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- क्या बात है, अभी दिल नहीं भरा?
इतना कहकर मैंने नीरा की चूची पर हाथ रखा तो चौंका, अभी तो इतनी टाइट थीं, अब ढीली कैसे हो गईं?
मैंने नीरा से कहा- यार, मैं नशे में तो नहीं हूँ लेकिन कुछ गफलत में जरूर हूँ. तुम्हारी चूचियां, तुम्हारे बदन की खुशबू बदली बदली सी क्यों है?
मेरे टनटनाते हुए लण्ड की खाल आगे पीछे करते हुए नीरा बोली- खुशबू नहीं बदली, मैं ही बदल गई थी.
इसके बाद नीरा ने मुझे सारी बात बता दी और यह भी बता दिया कि बाथरूम के उधर वाले दरवाजे से आशा अन्दर आकर खड़ी थी. जब तुम चोदने के लिए आतुर थे तो पेशाब करने के बहाने बाथरूम जाकर मैंने आशा को भेज दिया था.
इतना कहते कहते नीरा ने मेरे लण्ड का सुपारा चाटना शुरू कर दिया और थोड़ी देर बाद अपनी टांगें फैला कर मेरे ऊपर आ गई. घुटनों के बल खड़ी नीरा ने अपनी चूत के लबों को फैलाया और मेरे लण्ड के सुपारे पर बैठ गई.
आशा की चुदाई होते देखकर नीरा गीली हो चुकी थी अतः मेरा लण्ड आसानी से नीरा की चूत के अन्दर हो गया.
नीरा को चोदते हुए मैंने महसूस किया कि आशा की चूत नीरा की चूत की अपेक्षा टाइट है.
बहन को चोदने की ग्लानि से बाहर आते हुए मैं आशा को चोदने की प्लानिंग करने लगा.
मैंने नीरा से कहा- आज तुमने जो किया, कुछ अच्छा नहीं किया. भाई बहन के रिश्ते को दागदार कर दिया.
नीरा ने जवाब दिया- मैं मानती हूँ कि यह गलत हुआ लेकिन इससे किसी का घर बसता हो तो बुरा भी नहीं है. और हाँ, आशा इतवार तक यहां है, अब इन चार दिनों में उसको जमकर चोदो ताकि वो गर्भवती हो जाये.
Mujhe bhi apni maa aur bahan ko chod ke pregnant karne ka man karta hai