भाई और यार हाई हाई

दोस्तो, कैसे हो आप लोग … मैं आपकी दोस्त तान्या हूँ.

आप सभी ने मेरी पिछली सेक्स कहानी
मेरी गांड मारो सजना
पढ़ी थी और आप लोगों मुझे काफी सारे मेल भेजे थे, जिसके लिए आप सभी का शुक्रिया.

इसके साथ ही मैं उन सभी से माफ़ी भी मांगती हूँ, जिन्हें मैं रिप्लाई नहीं कर पाई. आजकल मैं अपने काम में बहुत बिजी रहती हूं, तो मैं सभी को रिप्लाई नहीं कर पाती हूँ. मैं जितनों को जबाव लिख सकती हूं, लिखती हूं. लेकिन मुझे आप सभी से एक शिकायत भी है, आप लोग मेरी सेक्स स्टोरी पर लाइक और कमेंट नहीं करते हैं. प्लीज़ किया कीजिए, मुझे अच्छा लगेगा.

दोस्तो, जैसा आप लोगों ने पिछली कहानी पढ़ी कि कैसे मैंने अपने नए ब्वॉयफ्रेंड विक्की से पहली बार गांड मरवाई थी. उसके आगे पढ़ें कि कैसे मेरे भाई ने मुझे गांड मरवाते हुए देख लिया था.

मैं अपने भाई के बारे में बता देती हूं. उस टाइम मेरी उम्र 22 साल थी और मेरा भाई मुझसे 2-3 साल छोटा है. उस टाइम तक वो घर में सबका और मेरा भी बहुत लाड़ला था. वो ये सब धीरे धीरे समझ रहा था. उसने मुझे पहले भी मेरे एक ब्वॉयफ्रेंड के साथ चुदते हुए देख लिया था, पर तब वो और छोटा था. उस समय उसे ये सब नहीं पता था, तो उस टाइम कोई प्रॉब्लम नहीं हुई … लेकिन अब वो बड़ा हो गया था.

वो भी अब धीरे धीरे सब सीख रहा था या सीख गया था. क्योंकि मैंने उसे काफी बार नोटिस किया था कि मेरी ब्रा और पैंटी अक्सर गायब हो जाते थे. मैं ये सब बातें मम्मी से नहीं पूछ पाती थी, क्योंकि वो सब ब्रा पैंटी मुझे मेरे ब्वॉयफ्रेंडस लाकर देते थे. मुझे ब्रा पैंटी के सैट उपहार में मिलते थे, इसलिए मैं भी ज्यादा ध्यान नहीं देती थी.

तो पहली बार गांड मरवाने के बाद क्या हुआ, आप उसका मजा लीजिएगा.

राहुल अब तक मेरी गांड दो बार मार चुका था. विक्की से मैं अभी भी चुदवाती थी. हम दोनों उसके साथ चुदाई का मजा कभी उसके घर पर ले लेते थे, कभी वो मेरे घर पर ही मुझे पेल देता था, या फिर कभी हम दोनों अलग अलग होटलों में चुदाई का खेल खेलते थे.

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वो मेरे घर रात में भी आया करता था. उस समय के लिए उसने मुझे नींद की गोलियां दे रखी थीं. ताकि जिस रात वो घर आए, तो मैं मम्मी डैडी और भाई के खाने में गोली डाल दूं. मैं भी वैसे ही करती थी. अब ये मेरे लिए आम बात हो गई थी. मैं भी जब मेरा मन होता, तो मैं राहुल को घर बुला लेती थी. उस दिन मैं घर वालों को नींद की गोली खिला देती थी और अपनी चुत की खुजली शांत करवा लेती थी.

अब तक सब कुछ अच्छा चलता रहा था. कभी राहुल, कभी विक्की आकर घर में ही चोद देते थे.

फिर एक बार मेरे डैडी और मम्मी किसी रिश्तेदार के यहां शादी में गए थे. मैं और मेरा भाई आदी, हम दोनों उस शादी में नहीं गए थे. मम्मी डैडी सुबह चले गए थे.

कुछ देर बाद जब आदी भी स्कूल जाने लगा, तो मैंने आदी को बोल दिया- बाबू, मैं दिन में अपनी सहेली के यहां जा रही हूँ … ये लो एक चाबी, तुम घर आकर खाना खा लेना और गेट लॉक करके घर में ही रहना, कहीं जाना मत.
इस पर आदी बोला- ठीक है.
यह कह कर आदी स्कूल चला गया.

उसके जाने के बाद में विक्की के साथ मूवी देखने चली गई. मूवी ज्यादा अच्छी नहीं थी, तो हम दोनों विक्की के फ्रेंड के फ्लैट पर आ गए. वहां उसका फ्रेंड बाहर से आकर यहां पढ़ता था. इसलिए वो अकेला ही फ्लैट पर रहता था. पहले भी मैं 2-3 बार उसके फ्लैट पर जा चुकी थी. विक्की मुझे वहां ले गया था.

आज जब मैं उसके फ्लैट पर गई, तब उसका फ्रेंड रूम पर ही था.

फिर थोड़ी देर बाद विक्की का फ्रेंड बोला- विक्की तू यहां रुक … मुझे लाइब्रेरी जाना है. जब तू जाने लगे, तो लाइब्रेरी आकर मुझे चाबी दे देना.

ये कह कर वो जाने लगा. विक्की गेट तक गया और उससे कुछ पूछने लगा. उन दोनों की कुछ बात हुई.

फिर विक्की दरवाजा बंद करके अन्दर आ गया. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ, उससे क्या बोल रहे थे?
वो बोला- मैं उससे कंडोम की पूछ रहा था कि कहां रखे हैं. उसने बताया कि ड्रावर में हैं.

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ये बात सुनकर मैंने विक्की को एक स्माइल दी और उससे पूछा- कौन सा फ्लेवर है?

इस पर उसने भी एक स्माइल दी. वो मुझे गोद में उठा कर किस करने लगा और मेरे मम्मों को दबाने लगा. हम दोनों एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो गए.

इसी चूमाचाटी में मैं कब नंगी हो गई, कुछ पता ही नहीं चला.

फिर उसने मुझे अपना लंड चूसने को कहा और मेरे मुँह में लंड डाल दिया. मैं मस्ती से उसका लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर लंड चूसने के बाद उसने मुझे लंड पर लगाने के लिए कॉन्डम दिया … मैंने लंड पर छतरी चढ़ा दी.

इसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे दोनों पैर अपने कंधे पर रख लिए. पोजीशन बना कर वो मेरी चुत पर अपना लंड रगड़ने लगा और सुपारा अन्दर घुसाने लगा. मैंने चुत को ढीला किया, तो उसने धीरे से पूरा लंड अन्दर डाल दिया.
मेरे कंठ से एक मीठी सी आह निकली उम्म्ह… अहह… हय… याह… और विक्की ने मुझे चोदना चालू कर दिया. मुझे भी उसके लंड से बहुत मज़ा आ रहा था.

दस मिनट बाद वो झड़ गया और मेरे ऊपर गिर गया. मैं भी थक गई थी. हम दोनों ऐसे ही पड़े रहे और मैं उसके सर के बालों पर हाथ घुमा कर प्यार करती रही. वो मेरे मम्मों को हल्के हल्के से दबाता सहलाता रहा.

थोड़ी देर बाद मैं उससे बोली- चलो अब उठो … चलते हैं.
वो बोला- नहीं … अभी एक राउंड और करते हैं.
मैं बोली- अच्छा तो उठो … और जल्दी करो.
वो उठा और बोला- कंडोम निकाल कर साफ़ कर दो.

मैं कंडोम निकाल कर उसका लंड साफ़ कर ही रही थी, तभी वो अपना लंड मेरे चेहरे पर और होंठों पर रगड़ने लगा. मैं मस्त होने लगी, तो उसने मेरे मुँह में लंड डाल दिया. मैं उसके लंड को चूसने लगी. इस बार काफी टाइम बाद उसका लंड खड़ा हुआ.

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