उसने भी अपना प्रोफेशन चेंज कर दिया. अब वो डेली ड्रिंक करके घर आने लगा. उन दिनों मैं बॉम्बे गया हुआ था, फॅमिली के पास. मैंने वहां से कॉल किया मेरे फ्रेंड को. तो उसने सारी बात बताई. मुझे कुछ समझ नहीं आया. ऐसा क्या हुआ और अगर ये ही चलता रहा, तो उसका घर टूट जाएगा. क्योंकि निशा परेशान होकर राजेश का घर छोड़ कर चली गयी थी. मैंने उससे काफी कांटेक्ट करने की कोशिश की, बट कुछ नहीं हुआ. फिर मैं जब वापस आया. तो उन दोनों को मैंने एक होटल में बुलाया और दोनों समझाया और निशा राजेश के घर वापस आ गयी. अब मैं निशा के काफी क्लोज आ गया था और राजेश का हमदर्द बन गया था. वो अब जरा – जरा सी बात कर कॉल करने लगा था. जब भी निशा भाभी को कोई काम होता, तो वो मुझे अब फ़ोन करके घर बुला लेती थी. मैं जब भी उसके घर पहुचता, तो वो या तो झाड़ू लगा रही होती थी या पौछा.. वो एक हाथ से अपने बूब्स को ढक कर रखती थी. एक दिन उसके बेटे को डॉक्टर के पास ले जाना था और राजेश फ्री नहीं था. तो मैं निशा भाभी को और उसके बेटे को डॉक्टर के यहाँ ले गया. रास्ते में, उसने मुझसे पूछा, कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? मैंने उससे कहा – प्लीज लिव दिस टोपिक. जब उसने मुझसे कारण पूछा और मैंने बताया, कि मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है और मुझे अच्छा नहीं लगता; जब कोई इस बारे में बात करता है. तो उसने सॉरी फील किया और मुझसे कहा – मेरी उम्र में, जिन्दगी को ऐश से जीना चाहिए. जब हम डॉक्टर के यहाँ पहुचे, तो मैंने उसके बेटे को गोद में ले लिया था और मेरा हाथ बार – बार उसके बूब से टच हो रहा था.
मैं भी थोडा एन्जॉय कर रहा था. निशा भाभी ने भी ऑब्जेक्शन नहीं किया. हम फिर घर वापस आ गये और वो बोली – बैठो, मैं चाय लाती हु. मुझे तो आज बस उसकी गांड दिख रही थी और मैं लंड तो कब का खड़ा हो चूका था. पता नहीं, उसने इस बात को नोटिस किया कि नहीं.. मैं अपने घर वापस आ गया और उसके नाम की ३ बार मुठ भी मारी. ऐसा कुछ दिनों तक चला और अब वो मुझसे बहुत ही फ्रेंक हो गयी थी. एक दिन मैंने निशा को को कॉल किया और कहा, कि मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है और मैंने उसे प्रोपोज भी किया. वो मान भी गयी है. उसने मुझे बीजी बता कर फ़ोन काट दिया. ये आईडिया मुझे एक दोस्त ने दिया था. शाम को मैं उसके घर गया, तो वो सैड थी. मैंने उसको पूछा – क्या हुआ? वो बोली – कुछ नहीं. मेरे ज्यादा पूछने पर, वो बोली – राजेश मेरा ज्यादा ध्यान नहीं रखते है. घर आते है, तो बहुत ज्यादा दारु के नशे में होते है और फिर खाना खा कर सो जाते है. महीनो से हमने ठीक से बात भी नहीं की है. मुझे निशा भाभी की आँखों में हवस और सेक्स की प्यास साफ़ झलक रही थी. मैं भी बहुत उत्सुक था, उसे चोदने के लिए. मैंने मन – ही – मन में सोचा, कि दोस्त का बताया हुआ आईडिया काम कर गया. दोस्तों, औरतो का इतिहास रहा है, कि उन्हें चोदन और भोजन दोनों भर पेट चाहिए होता है. अगर दोनों उनको घर में ना मिले, तो वो दोनों को बाहर तलाशने लगती है.
फिर मैंने नोटिस किया, कि अब वो काम करते वक्त अपने बूब्स को हाथ से नहीं ढकती थी. उसकी क्लीवेज साफ़ दिखती थी. अब वो दिन आ गया था, जिसका मुझे ६ मंथ से इंतज़ार था दोस्तों. मेरे मन निशा को चोदना घर कर गया था और उसको बड़ी ही शिद्दत से चोदने की खवाइश थी. वो किचन में चाय बना रही थी और अपनी गांड मटका रही थी. मैंने पीछे से जा कर उसे टच किया और उसने मुझे एक नॉटी सी स्माइल दे दी. मैं उसके कंधे पर हाथ रख कर सहलाने लगा. उसने मेरा हाथ हटा दिया और अजीब बिहेव किया और कहा – आप बैठो, मैं चाय लेकर आ रही हु. वो मेरे पास आई और सोफे पर आकर बैठ गयी. उसके और मेरे बीच में कोई डिस्टेंस नहीं थी. हमने चाय पी और उसने मुझे पूछा, कि उस लड़की का फोटो नहीं दिखाओगे? मैंने कहा – आप नाराज़ जो जाओगे. क्योंकि लास्ट टाइम जब मैंने बोला था, वो आपने गुस्से में फ़ोन काट दिया था. उसने कहा – नहीं आप दिखाओ. मैंने उसको बोला – मैं वाशरूम जाकर आता हु. आकर दिखता हु. मैंने वाशरूम से मिरर ले आया और उसे दिखा दिया. वो खुश हो गयी और मैंने उसे हग कर लिया. उसने भी मुझे टाइट पकड़ लिया और मैं अब उसकी नैक पर किस करने लगा था.
मैंने उसके गालो पर किस किया और अपनी जीभ उसके गालो पर चला रहा था और फिर मैं उसके लिप पर आ गया और उसको लिप किस करने लगा. मेरे होठो उसके होठो से जुड़े हुए थे और हम एक दुसरे की साँसों को महसूस कर सकते थे और हम दोनों की आँखे बंद थी. वो मुझे प्रॉपर रेपोंस कर रही थी. १५ मिनट तक किस करने के बाद, उसने मुझे हटा दिया और बोली – आज के लिए बस इतना ही, बाकि फिर कभी. बट मैं ऐसे कहाँ मानने वाला था. मैंने उसे गोद में उठा लिया और उसे बेडरूम में ले गया और उसके ब्लाउज को खोलकर किस करने लगा. वो भी प्रॉपर रेस्पोंस करने लगी थी. मैंने अब उसकी साड़ी खोल दी थी, जैसे कि उसका चीर-हरण हो रहा हो. फिर, मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया और अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पेंटी में खड़ी थी. क्या लग रही थी वो बेबी पिंक कलर की ब्रा और पेंटी में. मैं उसके पेरो से किस करता हुआ, उसके बूब्स तक गया और उनको दबाने लगा. वो तो बस मोअनिंग किये जा रही थी. मैंने झटके से उसका ब्रा खीच दिया और वो फट गया. वो बोली – आराम से. अभी तो नया लिया था. राजेश गुस्सा करेंगे, कि कैसे फट गया? मैं तो पुरे जोश में थे और मैं उसकी पेंटी भी फाड़ दी. अब मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए. जैसे ही उसने मेरा लंड देखा, वो डर गयी और बोली – ना बाबा. मैं नहीं लेने वाली इतना बड़ा. ये तो माँ चोद कर रख देगा मेरी चूत की. आई वाज शोकेड विद दिस रिप्लाई. मैंने उसे समझाया और कहा – लंड कितना भी बड़ा क्यों ना हो, चूत में आसानी से चले जाता है.