मैंने एक्टिंग आगे बढ़ाते हुए कहा, “हो सकता हैं की वायरस इसमें ही हैं. आप कहों तो मैं चेक कर दूँ.”
भाभी ने हाँ में सर हलाया. मैंने फिर से म्युज़िक फंक्शन ओन किया. और अब तो भाभी के कलेक्शन की एक एक मूवी में थोड़ी थोड़ी चलने दे रहा था. मैंने देखा की मौसमी भाभी का ध्यान अब मूवी में ही था. अब मैं जानबूझ के मूवी को बराबर चलने दे रहा था. तभी मैंने महसूस किया के मेरी जांघ के उपर कुछ हैं. भाभी ने अपनी हरकतें चालू कर दी थी, वो उसका हाथ ही था जो मेरी जांघ के ऊपर रखा हुआ था. और मैं कुछ समझ पाऊं उसके पहले भाभी ने मेरे लंड को पकड़ लिया. भाभी की चूत मूवी देख के पानी निकाल चुकी थी. मैंने भी मोबाइल को साइड में किया और उनकी तरफ मुड गया. मेरे हाथ सीधे भाभी की चूंचियों के ऊपर आ गए. मैंने भाभी के सॉफ्ट सॉफ्ट बूब्स का टच पाते ही जान लिया की उसने कमीज के निचे कोई ब्रा नहीं पहनी हैं. मौसमी भाभी ने अब धीरे से मेरी ज़िप खोली और मेरे लंड को बहार निकाला. भाभी की चूत मारने के ख़याल से मेरा लंड कब से टाईट हो चूका था और ऊपर से यह ब्ल्यू फिल्म्स.
मौसमी भाभी ने अब खड़े हो के अपने कमीज़ को खोल दिया, वाऊ क्या बड़े चुंचे थे वो. एक एक चुंचे के अंदर जैसे की आधा आधा लिटर दूध भरा हुआ हो. मैंने भी निचे बैठे हुए ही अपनी पेंट को खोला और लौड़े को बहार निकाला. मौसमी भाभी ने अपनी सलवार को भी खोला और अंदर कोई पेंटी नहीं थी. मेरा हाथ सीधे ही भाभी की चूत के उपर चला गया. मैं उनकी हलकी बालों वाली चूत को सहलाने लगा. भाभी मोनिंग करने लगी और वो मेरे हाथ को अपनी चूत के ऊपर ही दबाने लगी. मेरा लौड़ा एफिल टावर की तरह टाईट हो गया था. भाभी ने निचे बैठते हुए मुझे कहा, “चलो जल्दी कर लो, 20 मिनिट में मेरे पति आ जायेंगे उसके पहले फिनिश करना पड़ेंगा.”मैंने मनोमन कहा भाभी की चूत तो मैं पूरा दिन मारना चाहता था लेकिन चलो कोई नहीं अभी 10-15 मिनिट में गुजारा कर लेता हूँ. मैंने अपने तोते को जैसे ही भाभी की चूत के सामने रखा भाभी ने अपने हाथ से थूंक उसके सुपाडे के ऊपर लगा दिया. फिर उसने वो लंड अपनी चूत के ऊपर रख दिया बिलकुल सेंटर मिला के. अब मुझे सिर्फ एक धक्का ही देना था. जैसे ही मैंने धक्का मारा भाभी की चूत की चिपचिपाहट और गर्मी मुझे महसूस होने लगी. मैंने एक के ऊपर चार पांच झटके तभी दे दिए. मौसमी भाभी मुझे लिपट गई और कहने लगी, “और जोर से आह और जोर से चोदो मुझे. मेरे हसबंड का लंड मजेदार नहीं हैं लेकिन तुम में सच में कुछ जोश हैं. आह चोदो मुझे जल्दी जल्दी….!”
मैं भी झटको के ऊपर झटके मारता गया और मौसमी भाभी की चूत का रस निकलता गया. भाभी अपनी फैली हुई गांड को उठा उठा के मुझे मजे दे रही थी. दो मिनिट की चुदाई और हुई थी की भाभी ने अपनी चूत को कस के लंड पे दबा दी. उसके साथ ही मेरा लंड खाली होने लगा. क्यूंकि आज पहली बार भाभी की चूत का मजा मिला था इसलिए जल्दी खाली हो गया मैं. मौसमी भाभी ने फट से अपने कपडे पहने और बोली, “जल्दी जल्दी में मजा नहीं आया. एक काम करना कल तुम सुबह 11 बजे आ जाना. मैं सच में तुम्हे बहुत कुछ नया अनुभव दूंगी. अपना फोन नंबर दो मुझे मैं कुछ सामन कहूँ वो ले आना मार्केट से आते समय.”मैंने अपना नंबर भाभी को दिया और अगले दिन भाभी की चूत मुकम्मल लेने के इरादे से उसके घर से निकल गया. अनूप देखें ना इसलिए मैं फट से बाइक चालू कर के भाग निकला. मौसमी भाभी ने मुझे सच में दुसरे दिन बड़े मजे करवाएं, वो सब अगली कहानी में. आप कहानी को फेसबुक पे शेयर करना ना भूलें…!