प्रेषक :अनूप ,
हेल्लो दोस्तों,मेरा नाम अनूप हैं और मैं ग्वालियर का रहनेवाला हूँ. मेरी उम्र 25 साल है और मैं इस साईट का नियमित रीडर हूँ. आज मैं आप को एक ऐसी सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो २ साल पहले बनी थी. मौसमी भाभी की चूत मारने का मौका मुझे बिना किसी प्रयास के ही मिल गया था. आइये दोस्तों मैं आप को बताऊँ की उस भाभी की चूत मुझे किस तरह मेरे चाचा के लड़के अनूप की बदोलत मिली.शाम को कुछ 4 बजे थे, मैंने बरामदे में खड़ा निचे से कोलेज खत्म कर के जा रही लड़कियों की चुंचियां और गांड को ही देख रहा था की अनूप की मिस्ड कोल आई. मैंने उसे फोन लगाया.
मैं: हाँ बोल अनूप, साले कभी तो फोन कर लिया कर तू. अनूप: साले तेरे फायदे की बात हैं, एक मोबाइल का काम हैं. बिकवाने पे कमीशन मिल सकता हैं तुझे.मैं मोबाइल की खरीद बेच का काम करता था और बिच में अपना कमीशन मारता था इसलिए अनूप का फोन आया था. उसने अपनी बात चालू रखी.अनूप: तू एक काम कर मेरे घर पे आजा.मैंने अपनी बाइक निकाली और अनूप के घर गया. अनूप बहार ही खड़ा हुआ था. मुझे देख उसने हाथ किया और मैंने बाइक साइड में लगा दी. उसने मुझे कहा, “पड़ोस में एक कपल आया हैं उनका ही मोबाइल हैं. आजा दिखा दूँ.”
अनूप ने बेल बजाई और एक खुबसूरत 25 साल के करीब की भाभी ने दरवाजा खोला. उसकी बड़ी चुंचियां उस कमीज़ में छिपने के बजाय बड़ा आकार बना रही थी. एक पल के लिए तो मैं मोबाइल की बात भूल ही गया.अनूप: मौसमी भाभी ये हैं शंकर आप उसे मोबाइल दिखा दें.भाभी: ओह पहले अंदर तो आओ तुम लोग.
हम लोग अंदर सोफे के ऊपर आके बैठे. भाभी अंदर गई किचन की तरफ. मैं उसकी गांड की और नजर कर के सोचने लगा की जब आगे पीछे इतना मस्त नजारा हैं तो भाभी की चूत भी रसगुल्ला ही होंगी. भाभी किचन से दो ग्लास पानी ले आई. अनूप ने पानी ख़तम करते ही भाभी से कहा, “भाभी वो मोबाइल शकंर को दे देना. वो उसे बिकवा देंगा.”
दुसरे ही मिनिट भाभी एक चाइना वाला मोबाईल ले के आई. मेरा मन तो हुआ की उस कहूँ की इसे अपनी गांड में डाल लो क्यूंकि इसे आजकल कोई नहीं खरीदता. लेकिन मैंने सोचा की चलो इस मोबाइल के बहाने ही भाभी से दोस्ती हो सकती हैं. मैंने भाभी को अगले शाम तक फोन कर के अनूप को कन्फर्म करने को कह दिया. भाभी ने चाय के लिए जिद की लेकिन मैंने कहा की अगली बार आया तो चाय जरुर पिऊंगा. भाभी हम दोनों को दरवाजे तक ड्राप करने आई. मेरा मन तो कर रहा था की भले रेप के केस में अंदर हो जाऊं लेकिन इस भाभी की चूत को अंदर जा के चूस ही लूँ. अनूप साथ में था और वो शरीफ लौंडा था इसलिए मेरी आज़ादी भी कम थी.
घर आके मैंने सोचा की इस फोन को फेंक दूँ और फिर कल भाभी को मना करने के बहाने उसे मिल आऊंगा. फिर मैंने सोचा की चलो एक बार देख लूँ फोन को. मैंने फोन में फोल्डर्स वगेरह देखा और एक फोल्डर का नाम देख के मेरा मन उसे खोलने को उत्सुक हुआ. उस फोल्डर का नाम था हसबंड ऑफिस वर्क. मैंने सोचा साला ये फोन में ना तो नोटपेड़ हैं ना माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का कोई सोफ्टवेर तो फिर उसका पति इसमें क्या करता हैं.
और जैसा नब्बे फीसदी केस में होता हैं वैसे ही हुआ. मौसमी भाभी ने अंदर ब्ल्यू फिल्म्स का कलेक्शन भर के रखा हुआ था. और सच में उसका कलेक्शन था भी लाजवाब. एक एक मूवी कम से कम 10 मिनिट की थी और कुछ तो पूरी 1 घंटे की. और सभी प्रिंट HD में थी. मूवी को एक एक कर देखने में ही मेरे लंड ने दम तोड़ दिया. मैंने बाथरूम जा के उसे मस्त हिला लिया और फिर आके मैंने सो गया. अब मैं समझ चूका था की भाभी की चूत भी बड़ी गरम हैं तभी तो वो ऐसे वीडियो देखती हैं. मैंने सोचा की अगर थोडा सेटिंग किया जाएँ तो भाभी की चूत में घुसने का मौका मिल सकता हैं. मैंने यह सोच के उस फोल्डर्स के कंटेंट को सोंग वाले फोल्डर में पेस्ट कर दिया.
दुसरे दिन मैंने अनूप को फोन किये बिना ही भाभी के घर का रास्ता नापा. अनूप साथ में हो तो 100 जन्म में भी भाभी की चूत नहीं मिल सकती मुझे. भाभी की डोरबेल को तकरीबन 5 मिनिट बजाइ तब मुश्किल से दरवाजा खुला. मौसमी भाभी शायद बाथरूम से आई थी क्यूंकि उसकी कमीज में पानी से भीगा हिसा साफ़ दिख सकता था.
भाभी: अरे आओ, सोरी मैं बाथरूम में थी, अनूप नहीं आया?
मैं: नहीं मैं अनूप को साथ नहीं लाया, वो घर में होंगा शायद.
भाभी: ओके कोई बात नहीं, तुम आ जाओ अंदर. मोबाइल का कुछ जुगाड़ हुआ?
मैं: बस उसी की बात करने आया हूँ भाभी.
भाभी ने मुझे सोफे पे बैठने दिया. मैंने अपनी जेब से उसके चायना वाले मोबाइल को निकाल के कहा, “भाभी मुझे लगता हैं की इस मोबाइल में वायरस हैं क्यूंकि कुछ फंक्शन नहीं काम कर रहे हैं सही.”
भाभी ने अपने गिले बालो को सही करते हुए कहा, “हां इसमें इश्यु तो हैं कुछ लेकिन फिर भी सब कुछ सही चलता हैं…!”
मैंने कहा, “हाँ वैसे सही चलता हैं लेकिन म्युज़िक फंक्शन बिच में बंध हो जाता हैं कभी कभी.रुके मैं दिखाता हूँ.”
ऐसा कह के मैं भाभी की बगल में जा बैठा और जानबूझ के वही फोल्डर को ओपन किया जिसमे ऑडियो वीडियो सोंग्स के साथ ब्ल्यू फिल्म्स भी थी. मैंने एक सोंग सिलेक्ट किया और उस बजाया. फिर मैं सोंग्स को आगे करने लगा. मुझे पता था की एक दो बार नेक्स्ट करने पे ही भाभी के कलेक्शन से एकाद क्लिप आ जायेंगी. और दूसरी बार नेक्स्ट दबाते ही एक भाभी की चूत चुदाई की वीडियो खुल गई. मैं जैसे डर गया हूँ वैसी नौटंकी करने लगा और मैंने फट से मोबाइल का लाल एंड बटन दबा दिया. भाभी की और देख के मैंने कहा, “अरे ये कहाँ से आ गयी…!”
भाभी भी हक्काबक्का लग रही थी. उसने मेरी और देखा और बोली, “अरे ये कहाँ से आई. शायद तुम्हारे भैया ने डाली होंगी इसमें…!”