भाभी की गांड की ज़बरदस्त चुदाई

मेरे घर मे मई, मेरी भाभी और भैया रहेते है. भाभी की आगे 28 है वो काफ़ी ही सेक्सी है, उनकी फिगर काफ़ी सेक्सी है 36-30-38. उनकी गंद बोहोट ही बड़ी है. जब ब वो चलती है उनके बड़े बड़े गोल गोल कूले हिलाते ही दिल मे हज़ारो चुदाई क सपने जाग जाते है. मई काफ़ी दीनो से अन ट्राइ करने की कोशिश करता था. वो जब भी जुक्क जाती तो उके कट ब्लाउस मे से बूब्स देख क मेरे मूह से पानी निकल आता.
पर भाभी होने की वजह से मेरी कभी उनके चुने की हिमत नही होती थी वो जब भी नाहकार कपड़े बदलती तब मई अन चुपके से देखता था. एक दिन सुबह सुबह वो नाहके रूम मे कपड़े बदल रही थी उनोणे पेटिकोट पहेना हुआ था और उनके हाथो मे ब्रा थी वो ज़रा सी पलट गयी तो उनके बड़े बड़े गोरे बूब्स मूज़े दिख गये और हड़बड़ी मे मैने दरवाजा खोल दिया वाउ आहा से भाग क छुपने लगी.
भाभी बोली आंड ल्डक़ूव क्या है निकालो बाहर मई कपड़े बदल र्ही हू दिख नही रहा. मई वाहा से निकल गया और बातरूम मे जाके मुजसे रा नही गया तो मैने मूठ मारी मेरी उंदरपांत गीली हो गयी तभी रूम से भाभी क बुलाने की आवाज़ आई अजय कहा हो मई हड़बड़ी मई उंदरपांत निकल क रख दी और भाभी पास चला गया.
भाभी बोली क्या काम था, तोड़ा रुक नही सकते थे क्या मई भाभी अब मूज़े क्या पता था क आप कपड़े बदल र्ही हो. भाभी ठीक है ठीक है, बताओ क्या काम था इधर मेरा लंड अन देख क फिर से टन गया था अब मैने अंडरवेर ब नही पहेनी थी इसलिए वो सॉफ नज़र आने लगा था. मई कुछ नही काहेते ही वाहा से चला गया. वैसे मई और मेरी भाभी की काफ़ी जमती थी हम दोनो बोहोट से बातें शेर करते थे.

वो मूज़े अक्सर मेरी गफ़ क बारे मे पूछती थी कॉलेज क बारे मे पूछती थी एक दिन ऐसे ही डूफर को वो घर क सारे काम कर के बैठी थी मैने टीवी चालू कर क मोविए लगा दी. वो भी देखने आ गयी मैने पूछा भाभी आप इतनी ब्यूटिफुल और सनडर हो कॉलेज मे क्या आपका कोई बॉयफ्रणड नही था. वो बोली अरे हमारा कॉलेज बोहोट कॉंजेसटेड था लड़को से बात करना मतलब सारे कॉलेज को पता लग जाता, तुम बोलो तुमने कितनी पताई
मैने कहा कहा भाभी एक ब पसंद नही है, कॉलेज मे तो एक ब लड़की नही है आप जैसे, अगर आपको कॉलेज मे मेरी गफ़ बनके ले जौ तो सारी लड़किया आपके सामने कम लेगेगी. भाभी चल चालू, भाभी पे ही लाइन मार रहा है क्या, नालयक, मई ऑलरेडी बुक हू. मैने कहा नही भाभी जो रियल है वो बता रा हू, आप एकद्ूम हॉट लगती हो कभी कभी तो मूज़े आपको ही प्रपोज़्ड करने का मान होता है यूयेसेस दिन कपड़े बदलते हुए तो आप जलवा लग र्ही थी.
वो चौक गयी और कहा क्या मई अब वो भी समाज गयी की मई क्या कहेना चाह रहा था. धीरे धीरे मेरी हरकते भी उसे नज़र आ र्ही थी जब वो जुकती तो मई उसके बूब्स पे देखा, चलती तो गंद को निहारता. अब वो ज्याद मुजसे बात भी नही कर र्ही थी 2-3 हफ्ते बाद शायद उसे भी अब आदत हो गयी थी अब वो नॉर्मल हो गयी और पहेले की ही तरह बातें और बिहेवियर करने लगी.
एक दिन वो नाहके रूम मे जेया र्ही थी, मैने चुपकेसे रूम मे जका वो कपड़े बदल र्ही थी, शयड इश्स बार मई इससे दिख गया, उससने दरवाजा बंद किया. आज तो मुजसे रहा नही जर आहा था. हमारा खाना हो गया था हम वैसे ही बैठ गये . भाभी बोली लगता है अब आपकी शादी करनी पड़ेगी आज कल मेरी बोहोट ही जससूसी चालू है, तोड़ा तो शरम किया करो वो तोड़ा शरमाते हुए बोली.

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मई भी गालो मे ही हेस्ट हुए बोला ना भाभी ऐसा कुछ नही है मुजसे रा नही गया उनके चाहेरे पे शरम की वजह से लाल चेहरे नेमूजे बाहेका दिया. मई उठ क उनके पास बैठ और उनको किस कर दिया मेरे इश्स अचानक किस की वजह से वो डांग रह गयी उसे कुछ समाज नही आया. वो कुछ नही बोली मेरी हिम्मत बाद गयी और मैने उसस्के होतो पे होत रख क
फिर किस किया और बूब्स को ईक हाथ से दबा दिया उसने मूज़े ढाका दिया और ज़ोर से तपद लगा दी नलायका, ये क्या कर रहा है कुछ अककाल है क नही मई तेरी भाभी हू और वाउ आहा से चली गयी. अब मूज़े भी शरम आई के मैने क्या किया. रात का खाना हम दोनो ने ब नही ख्या. दूसरे दिन ब मैने ना तो चाय पी ना ही कुछ कहाया मई मेरे रूम मे था क भाभी की आवाज़ आई अजय खाना लगा दिया है आ जा
वो वही थी इससे देखते ही मूज़े कल की याद आ गयी मैने माना कर दिया और नही खाया. रात को फिर से भाभी मूज़े खाना खाने क लिया बुलाया, भूक तो लगी थी पर उसके सामने कैसे जौ इश्स लिए ना बोला उनोणे मूज़े काफ़ी फोर्स किया रात क 11 बाज रहे थे,मैने सोचा क बहभही सोई होगी इसलिए खाना हा लू मैने दरवाजा खोला
और रूम से निकालने लगा क तभी वो आगी और कहा अब चलो खाना खा ब लो, अब क्या अपनी भाभी की नाराज़ग खाने पे क्यों मई अब भाव खाने लगा नही मूज़े भूक नही है जाओ यहा से भाभी अरे बाबा सॉरी प्लीज़, तूमे मेरी कसम खाना खा लो मैने कहा चलो आपने आपकी कसम दी है तो.
मई खाने क लिए बैठ गया भाभी आज तुम नही मई मेरे प्यारे ड्यूवर को अपने हाथो से खिलौंगी और उनोणे मूज़े उनके हाथो से खाना खिलाया. अब मई उनके पास ही रहेने लगा वो खाना बनती तो उनके पास उनके बदन से टच करके खड़ा रहेता. वो धीरे धीरे कुछ नही कहेनी लगी तो मेरी हिमत बादने लगी मई उनके पीछे उनकी पीठ को बॉडी टच कर क खड़े रहेने लगा वो इसी हालत मे मुजसे बात करती.
अब धीर धीरे उनके पे को पकड़ क पीछे चिपक जाता और वो खाना बनती मेरा तो पूरा लंड उनकी गंद पे सात जाता. मई उनके गालो को चूमता पहेले टोव मूज़े ढाका देके हटा देती अब वो कुछ नही बोलती एक दिन मई उनके पीछे एकद्ूम सात क खड़ा हुया मेरा लंड उनकी गंद की बड़ी दरार मे चिपका दिया और लंड को दबाने लगा इढ़हाए मैने उनके गालो को चूम रा था.

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