बेगानी शादी मे बहेन की चुदाई

ये बात कुछ सालो पहले की है जब मैं मेरी बेहन आइयर्षा के साथ मेरी मामा की लड़की की शादी मे गया.मम्मी की तबीयत ठीक नही थी इसलिए मुझे भेजने का फ़ैसला हुआ.लेकिन आइयर्षा भी ज़िद करने लगी और मा ने उसे भी मेरे साथ भेज दिया.
शादी एक छोटे से गाओं मे थी और वो लोग बड़े ही परम्परावादी है इसलिए ह्यूम भी कुछ दीनो पहले जाना पड़ा.जैसा की वाहा हर बार होता था इस बार भी बहुत से महमान आनेवाले थे मेरे मामा की जॉइंट फॅमिली थी और बहुत ही बड़ा परिवार है.
मेहमान आने लगे थे, आइयर्षा की उमर अभी केवल 18 साल की थी लेकिन उसकी जवानी अंग अंग से फुट रही थी,वो बहुत ही खूबसूरत थी, बिल्कुल पुराने जमाने की हेरोइन मुमताज़ की कॉपी थी.इसके पहले मई बता दूं के हम दोनो बेहन भाई मे बहुत प्यार है.मम्मी से ज़िद करने पर आइयर्षा को मेरे साथ जाने की इजाज़त दे दी.हमारे बीच बचपन से ही प्यार मे कुच्छ नोक जॉहक होती रहती थी. पर आब वो जवान हो रही थी.हम वाहा दोपहर मे पहुचे थे. जब शादी के पहले लॅडीस संगीत का कार्यकर्म चल रहा था,मेरी नज़र आइयर्षा पर थी.
वो कार्यकर्म एक भवन मे था जो की घर से कुछ दूरी पर था.जब हम पहुचे तो कार्यकर्म सुरू हो चुका था.हम वही चेर पर बैठ गये और कुछ लड़किया डॅन्स कर रही थी.आइयर्षा ने उस समाए घग्रा चोली पहना था वो बहुत ही सेक्सी लग रह रही थी और उस भीड़ मे मे वो सबसे अलग थी आब चढ़ती जवानी मे आइयर्षा के अंदाज ही बदल गये थे.
मेरी च्छेर-च्चर से उसके चुचे और चूतड़ तो एक भरपूर जवान लड़की जैसे हो गये थे.उसके चूतड़ और चुचियाँ भारी ज़रूर हो गयी थी पर जबरदस्त फिगर मेनटेन किया था लो कट का चोली पहन ने के कारण उसके क्लीवेज साफ साफ दिख रहे थे.मेरी नज़र सिर्फ़ आइयर्षा के चूतादो पर ही थी वो जब कमर मटका2 कर चलती तो उसके भारी कूल्हे लहंगे मे गजब ढा रहे थे.वो कजरारे!

2 गाने पे कमर लचका के ठुमके लगा रही थी उसकी ये अदाएँ बहुत ही सेक्सी थी. जब करिए कर्म ख़तम हो गया तब मेने आइयर्षा को सब से मिलवाया. आब हम लोग उस प्रोग्राम से वापिस आने के लिए गाड़ी का वेट कर रहे थे.तभी कार आई और सब बैठ गये मैं अकले ही बचा आइयर्षा पिछली सीट पर विंडो की तरफ बैठी थी उसने सरक कर कहा भैया बैठ जएए मैने कहा बाद मे आज़ौंगा उसने कहा कुछ नही होता घर तक जाना है बैठ जाइएए मैं उस के बगल मे बैठ गया उसका पूरा सरीर मेरे सरीर से सता था उसकी मोटी मोटी जाँघो पर मेरा हाथ चला गया उसने माइंड नही किया पर मेरे मॅन मे चोर था वो जाग गया.
रात को खाना खाते समाए आइयर्षा और लड़की साथ मे खाना खा रहे आइयर्षा ने मुझे आते देखा और कहा भैया खाना खा लो मैने कहा मैने अभी नई तोड़ा देर से ख़ौगा उसने कहा क्या कोई और प्रोग्राम है मैने कहा नही कुछ नही अभी बुख नही है उसने कहा जो आछा लगे मेरी प्लेट से खलीजिए मैने कहा ठीक है
और हम हॉग खाने लगे. आब मैने धीरे धीरे बेहन को बातो मे फसाना चाहता था मैने कहा आज तुम बहुत आछा डॅन्स कर रही थी और हर कोई तुम्हारी डॅन्स की तारीफ कर रहा था और आज तुम लग भी बहुत खूबसूरत रही हो उसने कहा थॅंक्स भैया.आइयर्षा बहुत ख़ूले विछोरो की थी.आब मैने उसकी और तारीफ करने लगा.आब बहुत ही खूल के बात कर रही थी मैने कहा यहाँ के जवान लड़को से बच के रहना, तुम बड़ी कातिल लग रही हो. वो शर्मा गई और बोली बड़ी तारीफ कर
रहो भैया, क्या बात है. बीच बीच मे मेरी नज़र आइयर्षा के क्लवागे पर पद जाती उसने अभी तक वही ड्रेस पहन रखी थी इस बात को वो भी साँझ रही थी और बार बार अपनी चुनी को ठीक करके अपने क्लावेगे को छुपाने की कोसिस करती मेरे पापी मान आब पूरी तरहा बिगड़ चुका था आब मैने उस पाने के लिए प्लान बनाने लगा पर मुझे लग रहा था की मुस्किल है.और दर भी था की काम नही हुआ तो इज़्ज़त चली जाएगी.

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आइयर्षा खाना खा चुकी थी मैने कहा मैं चलता हू और मई वाहा से निकला गया. इन सब बातो से पहले आइयर्षा का मान जानना बहुत ज़रूरी था.रात को हम सब बैठ कर बाते कर रहे थे तब आइयर्षा मेरे सामने बैठी थी उसने उस समाए ढीला ढीला पंजाबी सार्वर सूट पहना था.और हमारी नज़ारे मिल रही थी मैने गौर से आइयर्षा की तरफ ही देख रहा था ये बात उस भी पता थी पर वो नज़ारे चुरा रही थी बेच2 मे वो मेरे तरफ देखती कही ना कही उसके मान मे भी कुछ2 चल रहा था.उस रात वो लॅडीस के साथ ही सो गयी. दुरसे दिन आब मेरे पूरा धान आइयर्षा के तरफ़ ही था उस दिन कोई खास प्रोगर्म नही था इसलिए मैने प्रोगर्म बनाया पास ही एक वॉटर फॉल है सब वाहा चले कुछ बाचे तैयार हुए मैने आइयर्षा से कहा तुम भी चलो वो तैयार हो गई मैने कहा जल्दी तैयार हो जाओ कुछ देर बाद आइयर्षा तैयार होकर आगाई उस समाए आइयर्षा ने चूड़ीदार सूट पहना था और टाइट कुरती जिससे जैसे मुमताज़ ने ” तौबा ये मतवाली चाल” गाने मे पहना हुआ था.उसके बूब्स और बड़े बड़े लग रहे थे पेचए से उसके वाइट कलर की ब्रा का स्ट्रॅप साफ दिख रहा था पहली बार उसके बूब्स की साइज़ देख कर मैं भी हैरान रहा गया मेरे नज़र उसके बूब्स पर टिकी थी उसे भी लगा की मैने उसके बड़े2 गोल2 बूब्स ही देख रहा हू कार मे वो मेरे बाजू मे ही बैठी कुछ दूर चलने के बाद मैने अपना हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और उससे बाते करने लगा.वाहा पर भी एक दो जगह उसका हाथ पाकर कर उसे संभाला बाकी सब बाचे थे इसलिए कोई दर नही था वापस लौटे लौटे शाम हो गई आब भी हम बगल मे बैठे थे मैने एक हाथ उठाकर आइयर्षा के कंधे पर रह दिया उसने मेरे तरफ़ देखा और कुछ नही कहा मैने उ हाथ को रहने दिया.एक दो बार जब कार मे झटका लगता था मेरा हाथ उसके बूब्स को तुछ कर देता था और मैने उ बिहेव कर रहा की ये सब अंजाने मे हो रहा है.पर ये बात दोनो साँझ रहे थे की हो क्या रहा है आब अंधेरा काफ़ी हो गया था.आब मैं एक बार उसके बूब्स दबाना चाहता था फिर चाहे जो हो और इससे आछा मौका मुझे घर पर नही मिल सकता था. और ऐसा दबाना चाहता था की उसे भी अहसास हो जाए की ये मैने जान बुझ कर किया है.

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