बरसात की रात में मा को रगड़ रगड़ के चोद Part 2

हम दोनो वापस किस्सिंग में लग गये और मेरा लंड फिरसे खड़ा हो गया. मैने मों को सोफे पर लिटाया, उनकी टांगे अपने कंधे पे टिकाई और ज़ोरदार झटके के साथ लंड पेल दिया छूट में. मों ज़ोर से चिल्लाई – आ बेटा आरामसे, तेरा लंड बहोट बड़ा है.

पर मैं कहाँ मानने वाला था. अब मेरे सर पे चुदाई का भूत सवार हो चुका था. मैं कुछ ही झटको में अपना पूरा लंड मा की छूट में पेल दिया और छोड़ने लगा. मेरा लंड उनकी बछेड़नी से टकरा रा था और मा ज़ोर ज़ोर से चिल्ला र्ही थी.

मैं झटके लगता गया लगातार. अब मा की चीखे सिसकारियो में बदल चुकी थी, और वो भी गांद उठा उठा के मेरा साथ दे रही थी. मैने अपने झटको की स्पीड और बढ़ा दी.

मा – आ आ बेटा मार गयी मैं, यह कैसा नशा चढ़ा दिया तूने, आ छोड़ बेटा और ज़ोर से छोड़, फाड़ दे मेरी छूट आज. आ आ ऊफ़.

मैं करीब 30 मीं तक छोड़ के झड़ने वाला था. मैने मा से पूछा कहाँ निकालु. उन्होने कहा – मुझे तेरा माल पीना है फिरसे. प्लीज़ चखा दे मुझे तेरा माल.

मैने 3-4 झटके और मारे और उनकी छूट से अपना लंड निकाल कर उन्हे मूह में देते ही झाड़ गया. मेरा इतना सारा माल निकला की मा के मूह से बाहर आ कर उनके बूब्स पर गिरने लगा. पर मा ने सारा सॉफ करके पी लिया फिरसे.

हम दोनो लेट गये थोड़ी देर और एक दूसरे को फिरसे चूमने चाटने लगे.

मा ने कहा – आज तूने मेरी तड़पति छूट की प्यास बुझा दी बेटा. काफ़ी दीनो बाद ऐसा सुकून मिला मुझे, बस तेरी वजह से. थॅंक योउ बेटा.

मैं – मा अभी तुम्हारी प्यास पूरी नही बुझाई है. अभी तो खेल और बाकी है.

मा थोड़ी घबराते हुए बोली – क्या मतलब बेटा? क्या बाकी है?

मैं उनकी गांद की च्छेद पे हाथ फिराते हुए बोला – अभी एक और च्छेद को खोलना है मुझे. देखो मेरा लंड कैसे फिरसे खड़ा हो गया तुम्हारी गांद देखकर. इश्स गांद का मैं बरसो से दीवाना हूँ. आज तसाली से इसका भोसड़ा बना कर ही मेरा लंड दूं लेगा.

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मा बोलने लगी – नही बेटा मेरी गांद अभी कुवारि है. मैने कभी नही किया ऐसा. प्लीज़ रहने दे प्लीज़.

मैने मा की एक ना सुनी और बेबी आयिल का डब्बा उठा लाया. उसमे से तोड़ा से तेल मैने आने लंड पे लगाया और बाकी बॉटल का मूह मा की गांद में घुसेड दिया. ढेर सारा तेल पूछ पूछ कर के मा की गांद की च्छेद को पूरी तरह से गीला कर रही थी. मा की आ आ की आवाज़ें जारी थी.

मैने दो उंगली पे तेल लगे और उनकी गांद के च्छेद में पेल दिया. धीरे धीरे दोनो उंगली अंदर बाहर करने लगा ताकि मा की टाइट गांद थोड़ी सी खुल जाए.

थोड़ी देर बाद जब मुझे लगा की मा की गांद थोड़ी रिलॅक्स हुई है, मैने अपना जीभ घुसा दिया. मुझे बरसो से मा की गांद का स्वाद लेना था, और आज उनकी नरम नरम गांद में बेबी आयिल मिलके एक कमाल का स्वाद दे रा था.

मा की छूट ने पानी छ्चोड़ना शुरू कर दिया था फिरसे, और मैने छूट का पानी भी गांद में डाल दिया अपनी उंगलियों से. अब मुझे लगा की आयिल और छूट के पानी से मा की गांद काफ़ी गीली हो गयी है, और अब बारी थी मेरे हात्ोड़े की.

मैने वापस से ढेर सारा तेल लगाया मेरे लंड पे, और मा की गांद पे लंड टीकाके एक ज़ोर से झटका मारा. लंड गांद को चीरता हुआ उसका सूपड़ा अंदर चला गया, और मा ज़ोर से चिल्लाई…

मा – आआआः मैं मार गयी, निकल इससे बहोट मोटा है तेरा लंड, आ ऊफ़ बहोट दर्द हो रा है.

मैं मा के गले में किस करता रा और उनके बूब्स दबाता रा ताकि वो थोड़ी रिलॅक्स हो जाए. तेल के कारण गांद में गीलापन काफ़ी था, बस पहली बार था इसीलिए मा को दर्द हो रा था.

5 मीं बाद मा का दर्द कम हो गया, और मैने धीरे धीरे पूरा लंड उनकी गांद में उतार दिया और हल्के झटके मारने लगा. जब वो सिसकारिया भरने लगी तो मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी, और धमाकेदार तरीके से मा की गांद मारने लगा.

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मा सिसकारिया लेते हुए चिल्लाने लगी – आ आ आ बेटा छोड़ मेरी गांद, फाड़ दे इससे, भरता बना दे मेरी गांद का. मैं आज से तेरी हूँ. तू मुझे जब चाहे जहाँ चाहे छोड़ना, छोड़ता रह बेटा, छोड़ और ज़ोर से.

मा की टाइट गांद में मेरा लंड अंदर बाहर होने से मेरे अंदर का जानवर जाग रा था, सेक्स का नशा मेरे उपर पूरी तरह से चढ़ चुका था, मैने मा को घोड़ी बनाया और उनके बाल खिच कर बेहद ज़ोर से उनकी गांद मारने लगा, और गांद पे थप्पड़ भी लगा रा था लगातार.

मैं – आ मा क्या मज़ा है तेरी गांद में, मैं पूरी ज़िंदगी तेरे गांद के अंदर लंड डालके बिता दूँगा, क्या जन्नत है तेरी गांद में मा.

मैं ताबड़तोड़ तरीके से 45 मिन्स तक मा की गांद मारता रा. उनकी गांद लाल हो चुकी थी मेरे छातों की वजह से. वो पूरी तरह मदहोश हो चुकी थी. 45 मिन्स के बाद मैं और रोक नही पाया और उनके गांद में ही ज़बरदस्त झटको के साथ झाड़ गया और उनपे ढेर हो गया.

दोनो बुरी तरह हाफ़ र्हे थे इश्स घमासान चुदाई के बाद. जब मैने फाइनली अपना लंड मा की गांद में से निकाला, तो मेरे माल की धारा उनकी गांद से तपाक कर सोफे पे गिरने लगी. मुझे गर्व हो रा था की मैने मा की प्यास पूरी तरीके से बुझा दी थी आज.

मैं उनको अपनी बाहों में लेके बेडरूम में आ गया और हम दोनो नंगे ही सो गये. अगली सुबह मा ने मुझे ब्लोवजोब देके उठाया, और मैने शवर के नीचे उनकी छूट मारी सुबह सुबह. वो कहानी कभी और सुनौँगा.

मेरी और मा की सेक्स लाइफ पाइयर रफ़्तार से चल रही है. तब से हम दिन में काई बार चुदाई करते है हर रोज़. मैने उनको घर के हर कोने में छोड़ा है – किचन, बाल्कनी, टेरेस हर जगह.

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