बरसात की रात में मा को रगड़ रगड़ के चोद Part 2

हेलो दोस्तों देसीकाहानी पे आप सब का फिर से स्वागत है. अब तक आपने पढ़ा की कैसे मैं और मा दोनो बारिश में भीगके घर आए, और एक सेक्सी सा बोर्ड ग़मे खेलने बैठे. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा तो जल्दी से पढ़ लीजिए ताकि आप इश्स पार्ट का पूरा मज़ा ले पायें.

मा ने कहा – ये कैसा ग़मे है बेटा? ये तो बाकछे खेलते है.

मैने कहा – पता नही काउंटर वाली लड़की ने तो कहा एग्ज़ाइटिंग है बहोट. चलो शुरू करते है.

पहला तुर्न मेरा था, मैने डाइस फेका तो 5 आया. रूल्स में से 5त वाला रूल पढ़ा तो लिखा था दोनो को अपने कोई भी 2 कपड़े उतरने होंगे.

मा ने कहा – ये कैसा ग़मे है बेटा? मैं तेरे सामने कपड़े थोड़ी निकल सकती हूँ.

मैं – मों इसमे कौनसी बड़ी बात है? यहाँ बस हम दोनो ही तो है. और वैसे भी ग़मे के रूल्स तो फॉलो करने ही पड़ेंगे. प्लीज़ मों मज़ा आएगा.

मों बहोट ना नुकुर कर रही थी, लेकिन आख़िरकार मैने उन्हे माना ही लिया, क्यूंकी शॉपिंग करके आज उनका मूड अच्छा था. वो उठी और उन्होने अपनी सारी और ब्लाउस निकल दी.

अब वो मेरे सामने बस ब्रा और पेटिकोट में बैठी थी. मैने भी अपनी टशहिर्त और शॉर्ट्स निकल दी और सिर्फ़ बॉक्सर में आ गया.

अगली बारी मों की थी, उन्होने डाइस फेका तो 2 आया. रूल्स के मुताबिक 2 मीं तक दोनो को किस करना था. मैने मों की आँखों में देखा. मुझे लगा ये तोड़ा ज़्यादा हो जाएगा और मों माना कर देगी. लेकिन सर्प्राइज़िंग्ली, उनकी आँखों में थोड़ी हेसिटेशन थी, लेकिन एक अद्भुत उत्तेजना भी थी, जैसे वो भी ये नया एक्सपीरियेन्स करना चाहती हो.

मैं मों के पास गया और उनकी आँखों में आँखें डाली. उनकी साँसें तेज़ हो गयी थी, उनके विशाल बूब्स उपर नीचे हो रहे थे. मैने धीरे अपने होंठ उनकी होंठो पे लगा दिए और बड़े प्यार से उन्हे किस करने लगा.

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पहले तो वो कोई रेस्पॉन्स नही कर रही थी, लेकिन कुछ ही पल बाद वो भी मेरा साथ देने लगी. अब हम दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे. हुमको वक़्त का कुछ पता ही नही चला और हम 10 मीं तक किस करते रहे. जब फाइनली हम अलग हुए, उनका चेहरा लाल हो चुका था और उनकी आँखों में हवस सॉफ दिखाई दे रा था.

उन्होने कहा “अब तेरी बारी बेटा.” मैने डाइस फेका तो फिरसे 5 आया. मुझे इसबार कुछ बोलने की भी ज़रूरत नही पड़ी, मों ने तुरंत अपनी ब्रा पनटी और पेटिकोट सब उतार दिए.

मुझे एहसास हुआ पापा के ना होने की वजह से मों कितनी प्यासी है, और मैने तान लिया की ये प्यास मैं ज़रूर बूझौँगा. मैने भी अपना बॉक्सर उतार दिया और मेरा 9 इंच लंबा 4 इंच मोटा लंच उनके सामने आ गया. उनकी आँखें चमक उठी मेरा लंड देखके.

अब मों की बारी थी. उन्होने 6 फेका. रूल्स के मुताबिक मुझे उनकी छूट चाटनी थी अब. मैं लपक के मा के उपर टूट पड़ा, और उनकी क्लीन शेव्ड छूट में अपना मूह घुसा दिया.

मों ने बोर्ड ग़मे दूर फेक दिया और कहा – अब इसकी कोई ज़रूरत नही. आजा बेटा चूस ले अपनी मम्मी की छूट, कब से तड़प रही हूँ मैं.

मैं अपनी जीभ से उनकी छूट के दाने को चाट रा था, कभी कभी उससे काट भी लेता जिससे मा सिसक उठती. अपनी जीभ छूट के अंदर तक घुसके मैं उनका रस पी रा था. क्या ग़ज़ब की मिठास थी मा के छूट में, जैसे शहद की नदी हो.

करीब 10 मीं बाद मा का शरीर अकड़ने लगा, और वो झटके मारने लगी. मैं लगा रा और थोड़ी ही देर में उन्होने अपनी छूट का रस छ्चोड़ दिया, जिससे में पूरा चाट गया.

वो ज़ोर ज़ोर से हाफने लगी, उनके चेहरे पे एक अलग ही सुकून दिखाई दे रा था. उन्होने कहा – जन्नत का एहसास करा दिया तूने बेटा. इतना मज़ा मुझे पहले कभी नही आया. मैं बिना रुके वापस उनकी छूट पे टूट पड़ा, और करीब आधे घंटे तक उनकी छूट चाट ता रा, जिससे वो एक और बार झाड़ गयी.

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अब मैं उनकी बदन चूमने और चाटने लगा. उनकी गहरी नाभि में थूक लगा कर चूसा, और उनके विशाल तरबूज जैसे बूब्स को ज़ोर ज़ोर से दबाने और चूसने लगा. उनके बूब्स पे बड़े बड़े भूरे रंग के निपल्स को मैं ज़ोर से निचोड़ के चूस्टा, और कभी कभी काट भी देता.

मों अब सातवे आसमान पर पह्ोछ चुकी थी. वो पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थी.

अब मैं खड़ा हो गया और मों मेरे सामने घुटनीओ के बाल बैठ गयी. वो मेरा लंड दोनो हाथो से पकड़ के थूक लगा के ज़ोर ज़ोर से हिलने लगी. जब मेरा लंड अच्छी तरह से गीला हो गया, तब उसको मा ने मूह में ले लिया.

वो कभी मेरे सूपदे को जीभ से चाट ती, कभी लंड पे उपर से लेके नीचे तक जीभ फिरा देती, तो कभी मेरे टॅटन को मूह मीं भर कर चूस्टी. मुझे एक अलग लेवेल का आनंद मिल रा था, एकद्ूम नशे जैसा.

अब मों ने मेरा लंड पूरा गाके तक उतार लिया, और गूक गूक की आवाज़ से चूसने लगी. मैने उनके बाल पकड़े और बहोट रफ तरीके से उनका मूह छोड़ने लगा.

मों ज़रा भी विरोध नही कर रही थी और बड़ी आसानी से लंड गले तक ले रही थी. इतनी घमासान ब्लोवजोब की वजह से मैं झड़ने के कगार पर आ गया और अपना सारा माल मा के मूह में ही झाड़ दिया. उन्होने एक बूँद भी गिरने नही दिया और पूरा पी लिया.

मा – तेरा कितना सारा माल निकला है बेटा, और एकद्ूम गाढ़ा और मलाईदार है. मुझे और पीना है तेरा माल.

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