5 साल बड़ी दीदी के सात सेक्स का मज़ा 2

दीदी की गोल संतरे सी चूची, पतली सी कमर और गोल-गोल सुंदर से चूतड़ों को देख कर मैं तो जैसे पागल ही हो गया। मैं धीरे से अपने हाथों में दीदी की चूचियों को लेकर के धीरे-धीरे बड़े प्यार से दबाने लगा।

‘दीदी तुम्हारी चूचियाँ बहुत प्यारी हैं बहुत ही सुंदर और ठोस हैं।’ मैंने दीदी से कहा और दीदी ने मुस्कुरा कर अपने हाथ मेरे कंधों पर रख दिए।

मैंने झुक करके अपने होंठ उनकी चूचियों पर रख दिए। मैं दीदी की चूचियों के निप्पलों को चूसने लगा और दीदी सिहर उठीं।

मैं अपने मुँह को और खोल करके दीदी की एक चूची को मेरे मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
मेरा दूसरा हाथ दीदी की दूसरी चूची पर था और उसको धीरे-धीरे दबा रहा था। फिर मैं अपना मुँह जितना खोल सकता खोल करके दीदी की चूची को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा।
अपने दूसरे हाथ को मैं धीरे से नीचे लाकर के दीदी चूत को पहले सहलाया और फिर धीरे से अपनी एक ऊँगली चूत के अंदर कर घुसेड़ दी।

मैं कुछ देर तक अपने मुँह से दीदी की मुसम्मी चूसता रहा और अपने दूसरे हाथ की ऊँगली दीदी की चूत के अंदर-बाहर करता रहा। मुझे लगा रहा था कि दीदी आज अपनी चूत मुझसे ज़रूर चुदवायेंगी।

थोड़ी देर के बाद मैंने अपना मुँह दीदी की चूची पर से हटा कर दीदी को इशारे से पलंग पर लेटने के लिए बोला। दीदी चुपचाप पलंग पर लेट गईं और मैं भी उनके पास लेट गया।

फिर मैं दीदी को अपने बाहों में भर कर उनकी होठों को चूमने और फिर चूसने लगा।

मेरा हाथ फिर से दीदी की चूचियों पर चला गया और दीदी की बड़ी-बड़ी चूचियों को अपने हाथों ले कर बड़े आराम से मसलने लगा। इस वक़्त दीदी की चूचियों को मसलने में मुझे किसी का डर नहीं था और बड़े आराम से दीदी की चूचियों को मसल रहा था।

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चूची मसलते हुए मैंने दीदी से बोला- तुम्हारी चूचियों का जवाब नहीं, बड़ी मस्त मुस्म्मियाँ हैं। मन करता है कि मैं इन्हें खा जाऊँ।

मैंने अपना मुँह नीचे करके दीदी की चूची के एक निप्पल को अपने मुँह में भर कर धीरे-धीरे चूसने लगा। थोड़ी देर के बाद मैंने अपना एक हाथ नीचे करके दीदी की चूत पर ले गया और उनकी चूत से खेलने लगा, और थोड़ी देर के बाद अपनी एक ऊँगली चूत में घुसेड़ कर अंदर-बाहर करने लगा।

दीदी के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं।

थोड़ी देर के बाद दीदी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया। मैं समझ गया कि दीदी अब चुदवाने के लिए तैयार हैं। मैं भी दीदी के ऊपर चढ़ कर उनको चोदने के लिए बेताब हो रहा था।

थोड़ी देर तक मैं दीदी की चूची और चूत से खेलता रहा और फिर उनसे सट गया।

मैंने दीदी के ऊपर झुकते हुए दीदी से पूछा- तुम तैयार हो? बोलो ना दीदी क्या तुम अपनी छोटे भाई का लौड़ा अपनी चूत के अंदर लेने के लिए तैयार हो?

उस समय मैं मन ही मन जानता था कि दीदी की चूत मेरा लंड खाने के लिए बिल्कुल तैयार है। और दीदी मुझे चोदने से ना नहीं करेंगी।

दीदी तब मेरी आँखों में झाँकते हुए बोलीं- सोनू, क्या मैं इस वक़्त ना कर सकती हूँ? इस समय तू मेरे ऊपर चढ़ा हुआ है और हम दोनों नंगे हैं।

दीदी ने अपना हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगीं। तब मैंने अपने लंड को अपने हाथ में लेकर दीदी की चूत से भिड़ा दिया।
चूत पर लंड लगते ही दीदी ‘आह! अहह्ह्ह! ओहह्ह्ह्ह!’ करने लगीं।

मैंने हल्के से अपने कमर हिला कर दीदी की चूत में अपने लंड का सुपाड़ा फँसा दिया। दीदी की चूत बहुत टाइट थीं लेकिन वो इतना रस छोड़ रही थीं कि चूत का रास्ता बिल्कुल चिकना हो चुका था।

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जैसे ही मेरा लंड का सुपाड़ा दीदी की चूत में घुसा, दीदी उछल पड़ीं और चीखने लगीं- ‘मेरिई चूऊत फटीईईए जा रहिईई हैंईई निकाल अपना लंड मेरी चूऊऊत से ईईए है मैं मर गईंई मेरिईई चूऊऊओत फआआट गईंई’

मैंने दीदी के होठों को चूमते हुए बोला- दीदी, बस हो गया और थोड़ी देर तक तकलीफ़ होगी और फिर मजा ही मजा है। लेकिन दीदी फिर भी गिड़गिड़ाती रही।

मैंने दीदी की कोई बात नहीं सुनी और उनकी चूचियों को अपने हाथों से मज़बूती से पकड़ते हुए एक और ज़ोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा का पूरा लंड दीदी की चूत की में घुस गया। दीदी की चूत से खून की कुछ बूँद निकल पड़ीं।
मैं अपना पूरा लंड डालने के बाद चुपचाप दीदी के ऊपर लेटा रहा और दीदी की चूचियों को मसलता रहा। थोड़ी देर के बाद दीदी ने मेरे नीचे से अपनी कमर उठाना शुरू कर दी।

मैं समझ गया कि दीदी की चूत का दर्द खत्म हो गया है और वो अब मुझसे खुल कर चुदवाना चाहती हैं।

मैंने भी धीरे से अपना लौड़ा थोड़ा सा बाहर खींचा और उसे फिर दीदी की चूत में हल्के झटके के साथ घुसेड़ दिया। दीदी की चूत ने मेरा लंड कस कर पकड़ रखा था और मुझे लंड को अंदर-बाहर करने में थोड़ी सी मेहनत करनी पड़ रही थीं।

लेकिन मैं भी नहीं रुका और धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाना शुरू कर दी। दीदी भी मेरे साथ-साथ अपनी कमर उठा-उठा कर मेरे हर धक्कों का जबाब बदस्तूर दे रही थीं। मैं जान गया कि दीदी की चूत रगड़-रगड़ कर लंड खाना चाहती है।

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