मेरा नाम राहुल है। में नागपुर में रूम लेकर रहता हु। मेरी उम्र २२ है और एक पतला सा एवरेज लड़का हु. दिखने में ज्यादा अच्छा नहीं हु। मेरा लंड 6 इंच का है और 2.5 inch मोटा है। मुझे शादी शुदा आंटिया बहुत पसंद है और लड़कियों को तो दिल की रानी समझता हु। यह कहानी मेरी पहली सेक्स की कहानी है जो की मेने २ साल पहले अपनी गर्लफ्रेंड के साथ अपने रूम पर किया था। अब हमारा ब्रेकअप हो चूका है और जब से मेने उसके साथ सेक्स किया है तब से बस अब चुदाई ही करने की इक्षा होती है। पर अभी तक सिर्फ एक ही बार चुदाई की है वो भी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ। मेरी गर्लफ्रेंड सावली थी और उसकी हाइट 5.2 inch है।उसका नाम प्रेरणा था. उसका फिगर 32-32-32 का है। अब में अपनी कहानी पर आता हु। मुझे और मेरी गर्लफ्रेंड को साथ साथ में एक साल ही चुके थे। हम दोनों बहुत खुल चुके थे। किश भी हम बहुत बार कर चुके थे। पर उसके आगे कभी नहीं बढ़ पाए थे। मुझे अब सेक्स करने की बहुत इक्षा होने लगी थी और सायद वो भी अब चुदाई करवाना चाहती थी ऐसा कभी कभी उसके बातो से मुझे लगने लगा था। पर हम कभी एक दूसरे को बोल नहीं पाए थे। बारिश का मौसम था और हम हमेशा की तरह घूमने निकले थे तब उसने बताया की आज उसकी फ्रेंड का बर्थडे है और वो रात को उसके बर्थडे पर उनके साथ रहेगी और फिर पार्टी करने के बाद घर जाएगी। मेरी तो कहने की इक्षा हो गई की पार्टी के बाद मेरे रूम में रूक जाओ पर फिर नहीं बोल पाया। रात को बर्थडे पार्टी मानाने के बाद उसने मुझे कॉल किया और कहा की में उसे घर छोड़ दू। उसका घर उसकी फ्रेंड के रूम से बहुत दूर था। में उसे लेने गया और हम उसके घर के लिए निकल गए। हम थोड़ी ही दूर गए थे की बारिश स्टार्ट हो गयी। हम कुछ देर के लिए एक पेड़ के निचे रूक गए। हम भीग गए थे और ठण्ड भी लगने लगी थी। उसका भीगा हुआ बदन मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। उसकी टॉप उसके बदन से चिपक गई थी जिसके कारण उसके बूब्स का शेप मुझे उत्तेजित करने लगा। मेने उसे अपने तरफ खींचा और गले से लगा लिया। अब उसके बूब्स मेरे सीने पर मुझे महसूस होने लगे थे जिन्हे और ज्यादा फील करने के लिए मेने उसे कश के पकड़ लिया। और उसे उसके नरम रसीले होठो पर किश करने लगा। हमने लगभग मिनट तक किश किया। फिर रास्ते पर होने की वजह से हम अलग हुए . बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी और प्रेरणा भी अब बारिश की वजह से परेशान होने लगी थी क्युकी रात के ११ बज चुके थे। तभी कुछ सोचकर और हिम्मत करके मेने उसे कहा।
मै :- बारिश तो सायद अब नहीं रुकने वाली। तुम चाहो तो आज की रात मेरे रूम पर रूक सकती हो। ( प्रेरणा कुछ सोचने लगी फिर कहा ) की वो अपने घर पर क्या बोलेगी।
प्रेरणा :- पर में अपने घर पर क्या कहुंगी।
में :- घर पर यह बोल दो की बारिश हो रही है इसीलिए बर्थडे वाली फ्रेंड के रूम पर ही रुक रही हु।
ये आईडिया उसे भी थोड़ा ठीक लगा और उसने वैसा ही किया। फिर हम भीगते भीगते मेरे रूम गए। रूम पहुंच कर मेने सारी खिड़किया और दरवाजे बंद कर दिए। प्रेरणा ने कहा की उसे कपडे चाहिए पहनने के लिए। पर मेरे दिमाग में कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी। में सीधा उसके पास गया और उसे अपनी बाहो जकड लिया। वो भी मुझसे कसकर लिपट गयी। फिर हमने किश करना स्टार्ट किया और खड़े खड़े ही हम आधा घंटे तक किश करते रहे। हम अपनी अपनी टंग को दूसरे के मुंह में अंदर तक घुसाने लगे। अब मेने उसे पकड़ा और बेड पर लिटा दिया फिर उसके ऊपर होकर उसे बे इन्तहा किश करने लगा। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। फिर में उसे लिप्स को छोड़कर उसके गालो को चूमने और चाटने लगा और धीरे धीरे चूमते चूमते में उसके नैक को चूमने लगा। अब तक वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी। उसने अपनी आँखे बंद कर ली थी उसका एक हाथ मेरे बालों को सहला रहा था और दूसरा हाथ मेरी पीठ पर था।में उसके कपड़ो के अपर से ही उसके बूब्स को सहलाने लगा और फिर धीरे धीरे उन्हें दबाने लगा। अब वो सिसकिया लेने लगी थी तो में भी समझ गया की उसे भी बहुत मजा आ रहा है . में लगभग दस मिनट तक उसे बूब्स दबाता रहा और उसके नैक पर किश करता रहा . अब तक उसने अपनी आँखे बंद ही रखी हुए थी। अब में उसके ऊपर से हट गया और उसे दोनों हाथो से पकड़ के बिठा दिया। अब वो मुझे देखने लगी तभी मेने फिर से उसे नैक पर किश करना स्टार्ट किया और उसके बूब्स को दबाने लगा पर इस बार थोड़ा ज्यादा जोर से। फिर मेने अपने हाथो को धीरे धीरे निचे ले जाकर टॉप के अंदर उसकी कमर को छूना स्टार्ट किया। … और फिर उसकी टॉप को एक ही बार में उसके बदन से अलग कर दिया। चुकी वो भीगी हुए थी इसलिए उसके ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स दिख रहे थे और में आँखे फाड़ कर सिर्फ उसके बूब्स को बिना पलके झपकाएं देखे जा रहा था और वो मुझे देखे जा रही थी . मेने उसे झटके से फिर से बेड पर लिटा दिया और इस बार उसकी नाभि को चूमने लगा। वो फिर से सिसकारने लगी । और फिर मेने धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसके सावले बूब्स मेरे सामने थे मेने अपने होठ उसके बूब्स पर रख दिए और उसके निप्पल्स को चूसने लगा। उसकी सिसकारियाँ अब बढ़ने लगी थी। पांच मिनट तक में उसके निप्पल्स को ही चूसता रहा तभी अचानक से उसने मुझे हटा कर फिर से बैठ गयी और मुझे देखने लगी। उसकी आँखों में एक अलग सा ही नशा झलक रहा था. उसने बैठे बैठे फिर से अपने होठ मेरे होठो पर रख दिए और मेरे हाथो को अपने बूब्स पर और प्रेरणा मेरे शर्ट की बटन्स को खोलने लगी। मेने भी उसे शर्ट को उतरने दिया और उसके चूतड़ों को जीन्स के ऊपर से ही मसलने लगा.