आंटी का प्यार लंड बना हथियार

कैसे हो मेरे प्यारे दोस्तो. मेरा नाम योगु है और मैं एक 28 यियर्ज़ का स्मार्ट हॅंडसम लड़का हू. मेरी हाइट 5.8 इंच है और लंड की लंबाई 6.7 इंच की है. मैं अभी पुणे की मंक कंपनी मैं जॉब कर रहा हू.

मेरी यह कहानी मेरे और एक 42 यियर्ज़ के आसपास्स आगे वाली आंटी की है. मैं कोल्हापुर बेल्गौम के आसपास के गाओं से हू. मैने कभी ट्रेन से ट्रॅवेल नही किया था अबतक. सो मैने एक नया एक्सपीरियेन्स लेने की सोचा और आपको बताडू. मुझे लाइफ मैं हमेशा नये नये एक्सपीरियेन्स लेना. नयी नयी चीज़े ट्राइ करना बहुत पसंद है.

सो मैने गाओं जाने के लिए ट्रेन के लिए ट्रेन से सफ़र करके जाना तय किया. और मैं पुणे के रेलवे स्टेशन से ट्रेन मैं चाड गया. सच काहु तो मुझे ट्रेन की टिकेट कहा निकलते है ये भी पता नही था इससे पहले. सो मैने 115 रुपीज़ के आसपास की टिकेट लेली. और मैने जैसे तैसे करके एक डब्बे मैं जगह पकड़ ली.

मेरे साथ मैं एक 42 साल की मस्त आंटी बैठी थी. और सामने वेल सीट पर एक लड़की और उसकी फॅमिली बैठी थी. उस आंटी का फिगर बहुत मस्त था. सयद 36-30-34 के आसपास्स होगा मेरे अनुमान से. तो ट्रेन का सफ़र शुरू हो गया.

तो मेरे और आंटी का बदन भीड़ की कारण चिपका हुआ था. क्यूकी हमने एक छोटे बाकछे को सीट पर बैठा या था. जो सामने वाली सीट पर फॅमिली बैठी थी उनके लड़के को. तो वो बाचा विंडो सीट पर बैठा था उसके बाद आंटी और उनसे छिपककर मैं.

हमारे बदन उनकी गदराई जंगो से मेरे जंघे घिस रही थी. हमारी बेवच बीच में बाते शुरू हुई. उनकी बहन पुणे मैं रहती थी सो वो हमेशा आती जाती थी पुणे मैं घूमने वग़ैरा. हमारी बाते खूब हो रही थी.

तब अचानक से एक जंक्षन पर 3र्ड जेंडर (तृुत्ीयपानति) चाड गये. और वो इशारे करने लगे. मैने झट से आंटी के जाँघो को और एक हाथ आंटी के हाथो मैं पकड़ कर जाकड़ लिया था. तोड़ा दर लग रहा था. सो मैने झट से मेरे वॉलेट से पैसे निकलके उनको दे दिए.

मगर मैं काफ़ी दर गया था. सो मैने आंटी के हाथ को उंगलियों मैं उंगली समेटे पकड़ा रह. काफ़ी देर तक. तब उन्होने भी मेरे हाथ को थामे रखा.

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और इश्स बीच उनको फील हुआ की मैं काफ़ी अनकंफर्टबल फील कर रहा हू. तो उन्होने मुझे वैसे ही जाकड़ कर. मेरे गले मैं हाथ डालकर अपने से चिपककर रखा. ऐसा करने से उनके बड़े बड़े बूब्स मेरे बदन पे डब गये. और मुझे बहुत अक्चा फील हुआ.

मैने भी जितना हो सके उतना उनके बदन से बदन सताया और महसूस करने लगा. तोड़ा नॉर्मल होने के बाद फिर वो बोलने लगी. अरे योगु ऐसा हमेशा होता रहता है ट्रेन मैं. लगता है तुम पहली बार ट्रेन से ट्रॅवेल कर रहे हो.

तो मैने सब बताया की हा मैने आजसे पहले कभी ट्रेन से ट्रॅवेल नही किया. और आब हमारी बाते शुरू हो गयी. उन्होने मुझे ट्रेडिंग करते नोटीस किया था. तो हमारी बाते शेर मार्केट से लेकर भी होने लगी.

तो मैने भी उनको बताया की कैसे कंपनी का स्टॉक और कैसे इंडिया मैं लोगो को ग़लत तरीके से फसाया जाता है. और उन्होने भी उनका पॉइंट ऑफ व्यू बताना शुरू किया.

अब तक हम काफ़ी खुल चुके थे एकदुसरे के साथ. थोड़े देर बाद वो बातरूम के लिए उठी थी. तब मैने मेरा हेडफोन निकाला. और मोबाइल पे सॉंग्स सुनने लगा. उनके आने के बाद. मैने उनको मेरा एक इयरफोन्स दिया. आब हम गाने सुनने लगे. थोड़ी देर बाद उन्होने मेरा मोबाइल देखा और बोला तुम अपना मोबाइल कहरगे करो.

और मेरे मोबाइल से सॉंग्स सुनो. ऐसे करते करते हम काफ़ी घुलमिल गये थे. और हमने हमारे नंबर एक्सचेंज कर लिए. आब हमारे बीच बहुत आचेसे दोस्ती वाला कनेक्षन हुआ था इश्स बीच.

तो हमारे बदन घिसते हुए हम हाथ मैं हाथ डालकर तो कभी कंडे पर सर रखकर हमने हमारा सफ़र बिता या था अबतक का. और उन्होने अपने मोबाइल पे मेसेज टाइप किया. की योगु आज तुम मेरे साथ मेरे घर चलो. और कल चले जाना. क्यूकी उनके घरवाले अभी पुणे मैं ही है फंक्षन के कारण.

सो मैने भी नॉटी स्माइल करते लिखा. देख लो मेरे नखरे बहुत होते है. मेरे नखरे पूरे करते करते तुम्हे रात भर नींद नही आएगी. और हल्केसे उ की कमर पर हाथ फिरते नाभि मैं उंगली डालकर सहलाते स्माइल पास की.

तो वो भी बोली तू चल और देख मैं कैसे कैसे तेरे सारे नखरे को पूरा करती हू. और तेरे ऐसे खातिरदारी करूँगी की ये पहला सफ़र तू यादगार बनाकर रखेगा अपने दिल मैं. और उसने मेरे हाथ को. पकड़कर सारी के पल्लू के नीचेसे अपने बड़े बड़े बूब्स पर दबाते स्माइल पास की.

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अब मैने भी ज़ोर से उसकी बूब्स को दबोचते आँखों से हामी भर दी. आब हम उसकी शहर के जंक्षन पे उतार गये. और हमे रिक्षव से उसके घर पहुँच गये. जाते वक़्त ही हमने होटेल मैं खाना पार्सल लिया था.

आब जैसे ही हम घर पहुँचे. हुँने दरवाजा बंद करते ही. एकदुसरे को बहुत ज़ोर से बाहों मैं जाकड़ कर एकदुसरे के बदन को सहलाने लगे. (अबतक हम होने को यक्केन हो चुका था की हम दोनो भी अकचे घर से बिलॉंग करते है ) . सो आब कोई टेन्षन नही था.

आब मैं बातरूम मैं नाहकार फ्रेश हुआ तब तक उसने. खाना गरम किया. और उसके बाद वो भी नाहकार बाहर आई. अब उसके एक ब्लॅक ट्रॅन्स्परेंट सिल्की गाउन पहना था. उस्मन से उसके गहरी नाभि और गदराई भारी हुई जंघे सॉफ देख रही थी. उसने अंदर नेट वाली बिकिनी टाइप ब्लू ब्रा और पनटी पहनी थी.

आब वो और मैने खाना खाया. इश्स बीच हमने बहुत सारी बाते की. और उसके बाद मैने उनको चलते वक़्त ज़ोर से गदराई गंद को चटा लगते. पीछ से बाहों में जाकड़ कर उसकी गले पर कन पर किस करते स्मूच करना शुरू किया.

हाथो के पंजो से उसके बड़े बड़े बूब्स को सहलाते मसलते दबाने लगा. वो आहे भरते भरते सीत्कार निकालने लगी. मैने पीछेसे से मेरे खड़े हुए. लूंबे लंड को उसकी गंद की दरार मैं घुसकर सेट करते. घिसना शुरू किया. वो भी गंद हिला कर उसकी गंद पे मेरा लंड महसूस करने लगी.

मैने झतसे उसको बेड पर लिटाकर. उसकी गाउन को उठातहुए. उसकी गोरी गोरी चीक्की पैर को सहलाते हल्केसे किस करते. उपर बढ़ने लगा. उनकी नेटवाली पनटी मैं उनकी गंद बहुत ही सेक्सी लग रही थी. मैने ज़ोर से छाते लगते गंद पर जाँघो पर चूमते किस करने लगा.

उसकी गदराई भारी हुई जांघों पर. तो कभी उसकी गंद को डटो मैं लेकर लोवे बाइट्स करने लगा. उसके पेट पर हाथ घूमते नाभि कुरेदने लगा. तो बड़े बड़े बूब्स को मसलते कचा कच दबाने लगा. वो ज़ोर ज़ोर से आहे भरते. कसमसने लगी.

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