मेरा नाम सुधा है और मेरी बड़ी बहिन का नाम निधि है. मेरी उम्र १९ साल की है और निधि २४ साल की है. हम दोनों ही ५ फीट ५ इंच की हेइघ्त वाली हैं, मेरा रंग सांवला है और मेरे वक्ष ३६ इंच के हिप्स ३६ इंच और विस्ट २६ इंच है. मेरी दीदी के बूब्स ३४ इंच, कमर २४ इंच और हिप्स ३४ इंच हैं और रंग बहुत ही गोरा है. मेरी दीदी की शादी अज से २ साल पहले रमेश जिज्जू के साथ हुई थी. पहले दिन से ही मेरी नज़र जिज्जू पर थी और तब से अपनी छूट मरवाने की प्लान कर रही थी. लेकिन मौका आज पहली बार लगा जब की दीदी और जिज्जा जी एक हफ्तेके लिए आये हुए थे और मैं जिज्जू को फ़साने में कामयाब हो चुकी थी.
रमेश जिज्जू को मैं सब के सामने रमेश भैया कहती थी, लेकिन मैं उनके लुंड की दीवानी थी. मैं उनके लुंड की दीवानी उस दिन हो गयी थी जिस दिन मैंने दीदी को जिज्जू से चुद्वाते देखा था. उनकी हदी को एक महिना हो चूका था.
मैं दीदी के ससुराल उनसे मिलने गयी हुई थी. मेरा कमरा दीदी के कमरे के साथ वाला था और मैं शाम को नहा कर बेद पर रेलक्स कर रही थी की मेरे कानो में आवाज़ पड़ी, ? ऊई माँ काया कर रहे हो जी, कोई इससे दबाता है चूची जिस तरह तुम बेदर्दी से दबाते हो, और अभी वक़्त ही काया हुआ है और साथ वाले कमरे में सुधा भी तो है, कुछ तो ख्याल करो.? दीदी की आवाज़`थी. उधर जिज्जू बोले? तेरे को शादी कर के लाया हूँ, अगर फिर भी छोड़ न सकूँ तो काया बीवी किस्सी और के वास्ते है, तुम हो ही इतनी सेक्सी की मुझ से रहा ही नहीं जाता, हाथ लगा कर देखो मेरा लुंड कैसे फुंकर रहा है, टी ज़ालिम जवानी की कसम, अब नहीं रहा जाता.
रहा सुधा का सवाल, साली तो वैसे ही आधी घर वाली होती है, किओं न आज तुम दोनों बहनों को छोड़ डालूं, तुम्हारी बहन भी काया कातिल सुंदरी है, कभी देखना कैसी मादक गांड है उसकी, जी करता है की उसकी गांड छोड़ डालूं तेरे सामने, काया सेक्सी लार्की है साली.? जब मैंने ये सुना तो मेरा दिल धड़क गया. जिज्जू कैसी बेशर्मी से मेरे बारे में बात कर रहे थे और निधि कुछ बोल ही नहीं रही थी. मैंने कमरे के अन्दर झांक के देखा की जिज्जू दीदी को दबोच कर पलंग पैर लिटा रहे थे और दीदी की चूची को जोर जोर से दबा रहे थे. ये सब देख कर मेरा तो बुरा हल हो गया और मैं अपनी चूची को मसलने लगी, मेरी छुट से पानी बह निकला और मैं चुदासी हो गयी.
कुछ देर बाद दोनों कमरे के बहार आ गए और सभी खाना खाने लगे. खाने के बाद मैं सोने चली गयी और अपने कमरे की बाटी बंद कर दी किओं के मैं आज रात दीदी की चुदाई देखने का प्रोग्राम नबना चुकी थी. सभी समझे की मैं सो गयी हूँ लेकिन मैं तो सोने की एक्टिंग कर रही थी. थोड़ी देर के बाद, साथ के कमरे से आवाजें आणि शुरू हो गयी उर मैंने आँख खिरकी के बिच झिर्री मैं लगा दी. जिज्जू सीधे पीठ के बल लेते हुए थे और दीदी उनके लुंड को मुहं में लेकर चूस रही थी. दीदी और जिज्जू मदेर्जत नंगे थे. दीदी की चुचियन जिज्जू के पेट से रगड़ खा रहीं थी और जिज्जू दीदी के चुतर सहला रहे थे. दीदी की चूची कड़ी हो चुकी थी और निप्प्ले एक दम तिघ्त हो चुके थे. दीदी के बल खुले थे और जिज्जू अह अह की आवाजें निकल रहे थे.
तभी जिज्जू ने दीदी की जांघों को चौरा कर दिया और बोले? रानी, ज़रा अपनी छूट का सवाद तो चखने दे, देख साली कितनी फूली पड़ी है, ये लुंड का इंतजार कर रही है, ला इससे मैं मुहं मैं लेकर इस्सका छोला और भी भरका दूं, देख निधि कैसे छु रही है तेरी छूट, ला मुझे इसका रस पी लेने दे,? जिज्जू ने नीचे से दीदी की छूट पर अपना मुहं लगा दिया और कुते की ताः चाटने लगे. दीदी की दोनों जांघों के बिच जिज्जू का सर था और दीदी इससे कमर उचका कर ढके लगा रही थी जैसे कोई मर्द छोड़ते वक्त करता है. दीदी की छूट लपलपा चुकी थी और जिज्जू उसकी रसमलाई बड़े सवाद से चाट रहे थे.? ओह्ह्हह्ह मेरे रजा चाट दे मेरी बुर, पेल दे अपनी जीभ मेरी छूट के अन्दर, पी जा मेरा रस, मेरी छूट धन्य हो गयी तेरी चटाई से, छोड़ दल पनी जीभ से मुझे,? इतना कह के दीदी ने फिर से जिज्जू का लुंड चाटना शुरू कर दिया. मैं पूरी तरह से गरम हो गयी.
जीजू ने दीदी को घुटनों और हाथों के बल कर दिया और कुटिया की तरह खर अ कर के पीछे से अपना लुंड दीदी की छूट पैर टिका दिया और दीदी के चुत्रों पर प्यार से हाथ फिर कर लुंड अन्दर धकेल दिया, लुंड फच करते हुए छूट में समां गया. दीदी मस्ती में आकार अपने कुल्हे आगे पीछे करने लगी और जिज्जू धक्के मरने लगे? ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह मैं मरीईई मेरी छूट जल्ल्ल्लल्ल्ल्ल रहीईई मेरी जान मुझीई छोड़ दलोऊ, मेरी माआअ मैं मरीईई, मेरीईए राजा, पेल दो मेरी बुर में अपना लुंड.? दीदी जोर से चीलाई और जिज्जू ने दीदी के मम्मे पाकर कर जोर से मसल दिए औत दीद करह उठी, जीजू मस्ती में आकार अपना लुंड जोर से पेलने लगे . उनका लोडा किस्सी पिस्टन की तरह अन्दर बहार जा रहा था, दीदी की छूट का रस उनके लौरे पर चमक रहा था, ? ओह रनीई आज छोड़ लेने दे मुझे, मेरी प्यारी, तू कितनी सेक्सी है तू नहीं जानती, कितनी चुदकड़ बन चुकी अहि मेरी रानी.
मेरा लुंड वीर्य छोड़ने वाला है, मेरी जान कहाँ गिरवाना चाहती हो मेरा वीर्य तुम मेरी जान? दीदी भी पूरी तरह से झड़ने वाली थी? मैं दासी हूँ तेरी चुदासी हूँ मैं भी झड़ने वाली हूँ, अपना वीर्य मेरी बुर में दल दो मेरे रजाआआ मुझे अपने बचे की माँ बना दो मेरे स्वामी, मैं गयीईईई, छोड़ दल मेरी छूट को मेरे रजा,? दीदी और जिज्जू दोनों एक साथ झड कर लिपट कर नंगे ही सो गए लेकिन मेरी नींद गायब हो गयी. चुदाई के ससेने मेरी आँखों के सामने टेरते रहे और मैंने अपनी छूट में तीन उनगलियन दल कर अपने को छोड़ डाला. जब मेरी छूट से रस का फोवारा छूट रहा था तो मेरे मन मैं जिज्जू मुझे अपने जादुई लुंड से छोड़ रहे थे. मैं भी झड कर सो गयी.