अमीर औरतों की अय्याशी ज़िन्दगी

ये सब लंडन, अमेरिका और ब्राजिल मेँ आम बात है । वहां पर आप कोई भी मस्तानी हसीनाएं यानि किसीकी पत्नी या फिर मां को देख के अंदाजा लगा नहीँ सकते की व भी किसी मर्द से कम नहीँ है । अब ये फॅन्टासी भारतीय महिलाएं भी ज्यादा से ज्यादा अपनाने लगीँ है । और क्योँ न हो! दोहरी चोदाई का मजा जो इसमेँ है । और बडे-बडे घराने के औरतेँ इसके शौकीन बनते जा रहे थे । खैर, लेकिन मालती पर इसका कोई असर नहीँ था । तभी मालती की नजर समीरा मैडम की तन रही लंड पर पड़ी । मालती ने अपनी एक हाथ से समीरा की लंड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी । समीरा को भी काफ़ी मजा आ रहा था ।

“मालती, इसे उतार दे ! मेरी मालिश के लिए इसका भी इस्तेमाल कर ना ! कितना तगड़ा हो चुका है मेरी लंड । तेरी बुर के दर्शन तो करा इसे ।” समीरा ने मालती की बुर को पेटीकोट के उपर से मसलती हुई बोली ।

मालती ने बिना किसी देरी के अपनी पेटीकोट को अपने से अलग कर दिया । अब उसकी गदराई मस्त बदन समीरा के सामने था । समीरा उसकी मस्त चुचियां और बुर को अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी ।
समीरा थोड़ी देर यूं हीं मालती की बदन को मसलती हुई मजा लेती रही, और उठ कर मालती को टेबल पर लिटा दिया । फिर वहीं पास के मेज़ पर रखी शहद की शीशी को लेकर मालती की चूत के पास पहुंच गयी । उसने बहुत सारा शहद मालती की चूत पर टपका दिया । समीरा ने अपने हाथोँ से मालती की बुर के झांटें साफ कर रखी थी, ताकि बुर चाटने मेँ मस्ती आ जाए । शहद सीधे चूत की दरार में जाता दिखने लगा । समीरा वहीं अपनी लंड को मुठ्ठी मेँ सहलाती हुई पैरों पर झुक गयी और अपनी जीभ से मालती की बुर के दरार को चाटने लगी । समीरा को मालती की चूत का स्वाद काफी अच्छा लग रहा था और मालती भी पूरी मस्ती में आ चुकी थी । समीरा अपनी जीभ बुर के छेद मेँ घुसाने का प्रयास कर रही थी और साथ ही अपनी मूषल लंड को मुठिया रही थी ।

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“चाटो चाटो मैडम ! ऐसे ही चाटो ! बड़ा मजा आ रहा है … वाह, क्या चाटती है आप ! हां हां ! ऐसे ही ! ऐसे ही! और अन्दर तक ! बहुत अच्छा लग रहा है ।” मालती मस्ती मे बडबडा रही थी ।

समीरा बुर चाटती ही जा रही थी । अचानक मालती कांपने लगी, उसका बदन झटके खाने लगा और उसने हाथ बढ़ाकर अपनी मालकिन की सर को पकड़ लिया और जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी ।

“मैडम, ऐसे ही चाटो ! मैं झड़ रही हूं ! हां हां ! चाटती रहो ! रुकना मत ! हां हां ! बड़ा अच्छा लग रहा है !” मालती उत्तेजना मेँ कराहने लगी और फिर व पूरी तरह से झड़ चुकी थी ।

समीरा सारे चुत रस को चाट गई । कुछ देर पडे रहने के बाद मालती ने अपनी आंखें खोल कर अपनी मालकिन की तरफ देखा । समीरा की 10 इंच का लंड लोहे की तरह खड़ा था, मालती ने उसे बड़े प्यार से अपने हाथ में थाम लिया और हिलाने लगी । मालती की आंखों में मस्ती साफ दिखने लगी थी ।

“मैडम, बड़ा प्यारा लंड है आपकी ।” मालती लंड के सुपाडी को बाहर निकालते हुए बोली । यह कह कर मालती ने समीरा को अपनी ओर खींच लिया और अपने मुंह के करीब ले गई । उसने जबान निकालकर समीरा की लंड को चाटना शुरु कर दिया । फिर धीरे से पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चुसने लगी । समीरा अपनी उभरी गांड हिलाए जा रही थी और मालती के मुंह में अपना लंड पेले जा रही थी ।

“मैडम, आप बहुत अच्छी हैं ! कितना ख्याल रखती हैं हम लोगों की ” मालती लंड को मुंह से बाहर निकाल कर समीरा की और देखते हुए बोली ।

“अरे पगली ! मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखूंगी तो कौन रखेगा? बता ! देख, मेरी लंड कितना गरम हो चला है ? कितनी झटके ये रहा है यह !” अपनी लंड को मालती की होँठोँ पर रगडते हुए समीरा बोली ।

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“जी मैडम, मैं अभी आपकी लंड से गरमी निकालती हूं । पर मैडम जरा प्यार से ! आपकी लंड काफी बड़ा और मोटा है ।” मालती अपनी बुर को चिदोर कर लेटते हुए बोली ।

“तु चिन्ता मत कर मालती ! मैँ ज्यादा जोर नहीँ लगाउंगी ।” मालती की चिकनी मोटी जांघोँ को फैलाते हुए समीरा बोली ।

समीरा मालती की चूत के पास जाकर अपना लंड उस पर घिसने लगी । पानी से उसकी चूत एकदम लथपथ थी । फिर समीरा अपनी लंड अपने हाथ में लेकर चूत के छेद पर भिड़ा कर अन्दर डालने लगी और अन्दर-बाहर करने लगी । मालती की बुर के कसाव से समीरा एकदम से मस्ती में आ गई ।

अब समीरा ने अपना पूरा लंड बाहर निकाली और उसकी चूत के पास झुककर उसे चाटने लगी । कुछ देर तक चाटने के बाद समीरा उठी और अपनी लंड मालती की चूत में फ़िर से पेल दी । इस बार समीरा का पूरा का पूरा लंड मालती की चूत के अन्दर जा चुका था, अब समीरा अपनी लंड को अन्दर-बाहर करते हुए मालती को चोदने लगी ।

“मैडम, काहे तड़पा रही हैं ! जम कर चुदाई करो न ! और जोर से पेलो ! हां हां ! ऐसे ही … वाह क्या लंड पाई है मैडम आप ने ! इतना बड़ा ! बड़ा मजा आ रहा है ! करो करो ! और जोर से करो न ।” मालती निचे से गांड उछालते हुए बडबडाने लगी ।

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