हैल्लो डियर फ्रेंड्स.. आज में अंकित आपको अपने नये सेक्स अनुभव के बारे में बताने जा रहा हूँ.. में इस स्टोरी में यह बताऊंगा कि कैसे मैंने अपनी सगी बहन को जो कि शादीशुदा है और दो छोटे बच्चो की माँ है मैंने कैसे उसकी मर्ज़ी से मस्ती के साथ उसे चोदा.. यह मेरा वादा है कि स्टोरी के आखरी तक सभी लड़के अपनी मुठ मार रहे होंगे और लड़कियां अपनी प्यारी सी चूत में उंगली कर रही होगी. अब में अपनी स्टोरी शुरु करने से पहले अपने और अपनी फेमिली के बारे में कुछ विस्तार से बता देना चाहूँगा. मेरा नाम अंकित है और में मेरी उम्र 20 साल है.. मेरे लंड का साईज़ 8.5 इंच है और में बिल्कुल भी झूठ नहीं बोल रहा.. मेरे पापा की उम्र 65 साल और मेरी मम्मी की उम्र 60 साल है. मेरी दो बड़ी बहनें है और में घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए मुझे सबका बहुत प्यार मिलता है. मेरी एक बहन 40 साल की है और दूसरी बहन 34 साल की और मेरे सेक्स संबंध दूसरी बहन के साथ बने.. उसका नाम शिवानी है और उसका पति एक प्राइईट कम्पनी में एक बहुत अच्छी पोस्ट पर नौकरी करता है.
दोस्तों जब में छोटा था तब शिवानी की शादी हुई.. मेरी उससे बहुत बनती थी और वो मुझे बहुत प्यार करती थी और मुझे उसकी शादी के बाद बहुत दुख हुआ और में बहुत रोया. फिर जैसे जैसे में बड़ा होता गया मेरा प्यार मेरी बहन के लिए सेक्स के नाम में बदल गया और में उससे सेक्सी लेडी के रूप में देखने लगा. अब में थोड़ा बहुत शिवानी के बारे में बताना चाहूँगा.. उसकी उम्र 34 साल है और उसकी हाईट 5.3 है और वो बहुत ही मस्त और उसका सेक्सी शरीर है उसके बूब्स 38 कमर 34 और कुल्हे 39 है.. कुल मिलाकर देखा जाए तो वो एक बहुत ही सेक्सी औरत है और किसी का भी लंड खड़ा कर सकती है. एक साल पहले हमे पता चला कि मेरे जीजा जी का किसी दूसरी लड़की के साथ बहुत समय से चक्कर है और उनके नाजायज संबंध भी है और यह बात मालूम पड़ने पर घर में सभी लोगों को बहुत टेंशन होने लगी और मेरी बहन भी बहुत दुखी रहने लगी.. उसके दो बच्चे है एक लड़का 6 साल का और एक लड़की 4 साल की.
फिर में हमेशा से उसकी बेटी को बहुत प्यार करता हूँ तो जब हमे जीजा जी के रिलेशन का पता चला तो हमने उसके परिवार से बात की.. लेकिन हमे कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिला और बस अब तक तो सब कुछ सही चल रहा था.. लेकिन अब वो मेरी बहन को हाथ भी नहीं लगाता और यह बात मेरी बहन ने मुझे बाद में बताई. फिर में अपनी बहन को पिछले 1.30 साल से चोदने का बहाना खोजने की कोशिश में लगा हुआ था और जब भी मेरी बहन हमारे घर पर रहने आती थी तो में छुपकर उसके बूब्स देखा करता था और उसकी पेंटी को हाथ में लेकर मुठ मारता था और पेंटी की चूत वाली जगह को मुहं में लेकर चाटता था और मुझे उसकी चूत की खुश्बू बहुत अच्छी लगती थी और मुझे बहुत बार मेरी बहन ने उसके बूब्स को घूरते हुए देखा था.. लेकिन उसने मुझे कभी कुछ नहीं बोला और इसे में उसकी तरफ से एक हरी झंडी समझने लगा. फिर 6 महीने पहले मेरे पापा की तबियत खराब हो गई और वो मोहाली के हॉस्पिटल में भर्ती हुए तो माँ को भी उनके साथ रहना पड़ा और में भी साथ में हॉस्पिटल गया और हमारे घर पर शिवानी अपने दोनों बच्चो के साथ घर को संभालने के लिए रहने आ गई. फिर उन दिनों मेरी पढ़ाई के पेपर चल रहे थे 3rd सेमेस्टर के.
वो दिसम्बर का समय था तो में एक दो दिन में ही पापा को भर्ती करवा कर हॉस्पिटल से वापस घर पर आ गया और जब में घर पर आया तो कुछ देर बाद मेरी बहन नहाकर बाथरूम से बाहर आई और सीधी मेरे रूम में चली आई. दोस्तों उस समय में उसे देखता ही रह गया.. उसने लोवर और एक पतली सी टी-शर्ट पहनी हुई थी और उसने अंदर ब्रा नहीं पहन रखी थी और उसकी टी-शर्ट उसके बूब्स से पानी की वजह से चिपक गई थी. तो मेरा लंड यह सब देखकर खड़ा हो गया और बहुत मुश्किल से मैंने उसे छुपाया और फिर वो कुछ सामान लेकर मेरे रूम से चली गई. फिर रात को खाना खाकर हम लोग सोने की तैयारी करने लगे हमारे घर में तीन बेडरूम है. एक मेरा एक मेरे माता पिता का और एक मेहमानों का रूम. फिर में अपने रूम में आ गया और मेरी बहन अपने दोनों बच्चों के साथ मम्मी, पापा के रूम में सोने चली गई. उस रात मुझे बिल्कुल नींद नहीं आई और मैंने अपनी बहन के नाम की तीन बार मुठ मारी.. अगली सुबह मेरे कॉलेज की छुट्टी थी उस दिन कोई भी पेपर नहीं था. तो में थोड़ा देरी से उठा और नहाकर नाश्ता किया और अपनी छोटी भांजी के साथ खेलने लगा मेरी बहन भी मुझसे बातें कर रही थी.. उसने सलवार कमीज़ पहना था वो बार बार हंस रही थी तो मेरे पूछने पर कि तुम बार बार हंस क्यों रही हो? तो वो बोली कि कुछ नहीं वैसे ही.
खैर फिर लंच टाइम हुआ तो लंच करके में अपने रूम में आ गया और बेड पर लेट गया. मेरा लंड फिर से मचलने लगा और में मेरी बहन के नाम की मुठ मारने लगा. उस वक़्त मेरी बहन दूसरे रूम में अपने दोनों बच्चो को सुला रही थी. तो मुझे बिल्कुल भी इस बात का ध्यान ही नहीं रहा और में मस्ती से धीरे धीरे उसका नाम लेते हुए मुठ मारने लगा. जैसे ही मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने अपनी दोनों आंखे बंद कर ली और उसका नाम लेकर ज़ोर ज़ोर से मुठ मारने लगा और जब मेरा पानी निकला तो मैंने थोड़ा अच्छा महसूस करके अपनी आंख खोली तो देखा कि मेरी बहन दरवाजे के पास खड़ी सब कुछ देख रही है और तब मुझे याद आया कि में दरवाजा बंद करना ही भूल गया था. तो मेरी बहन मेरे पास आई और उसकी नजरें मेरे आधे खड़े हुए लंड पर टिकी थी. उस समय मेरा लंड 8.5 इंच का लटका हुआ था. फिर वो बोली कि क्यों तुम मेरे नाम की मुठ मारते हो? तो में बोला कि सॉरी दीदी अब कभी भी नहीं करूंगा और में बहुत डर गया था और मेरा लंड 8.5 इंच से सिकुड कर 4.5 इंच का रह गया था. तभी वो बहुत ज़ोर ज़ोर से हंसने लगी और बोली कि तो क्या हुआ तू अब जवान हो गया है और यह अहसास हम सभी में होता है और फिर थोड़ा आगे बड़ी और धीरे से मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी और बोली कि तेरा तो तेरे जीजा जी से भी बहुत बड़ा है.