चूत का रास्पान और खुला हुआ आसमान

ही फ्रेंड्स कैसे हो आप सभी छूट वाली और लंड वेल दोस्तो. मैं आपका योगु फिर से हाजिर हू एक नयी कहानी लेकर. आप तो जानते ही हो मैं पुणे मई मंक कंपनी मैं जॉब कर रहा हू. मैं देखने मैं सेक्सी हॅंडसम और सिंगल बंदा हू.

आज की कहानी मेरे और मेरी एक रीमा नाम की भाभी जी के बारे मैं है. रीमजी और मेरी दोस्ती ऐसे ही हुई थी. और हम काफ़ी फ्रेंड्ली बाते शेर करते थे. उनके हज़्बेंड कही बाहर मैं जॉब करते है.

उनका फिगर साइज़ बहुत मस्त है. 34 30 और 38 की भारी हुई गदराई गंद. और उनकी छूट के होत बहुत रसीले बड़े बड़े मस्त और फूले हुए देखते है. जैसे मानो एक लूंबा किस करने के बाद जैसे होत फूलटे है वैसे. बस याद करता हू तो पूरा 6.7+ इंच का लंड टाइट होकर फूंकारने लगता है.

उनकी छूट मस्त फूली हुई है. छूट के होन्ट मानो जैसे किस करने को रेडी हो ऐसे लगते है गुलाबी गुलाबी . एक दिन उन्होने मुझे खाने पे इन्वाइट किया था. उनका घर बहुत आलीशान और बंगलोव है. सामने बगीचा और मस्त टहलने को एरिया भी है.

उनके घरवाले किसी फॅमिली फंक्षन मैं गये थे 3 दिन के लिए. हुँने मस्त टेरेस पर खाना खाने की सोची . और हम उनके टेरेस पर गाड़ी लगाकर वाहा बैठकर मस्त बियर की चुस्किया लेते.

एकदुसरे की आँखों में देखते बाते कर रहे थे. हमने हल्केसे नशा हो रहा था. मैने एक चिकन का पीस मेरे मूह मैं रखा और पास होकर उनको मूह से खिलाने लगा उन्होने भी मेरे मूह से चिकन पा पीस खाना सुरू किया.

जैसेही आधा पीस उन्होने खाया तब तोड़ा पीस मेरे मूह मैं बचा था .मैने भी हल्केसे उनके कामसीँ रस्सेले होतो पर मेरे होत लगते जीभ से उनकके होत चाटने लगा.

आब मैने उनको कसकर बाहों मैं पकड़के ज़ोर से उनके लिप्स चूसना शुरू किया और उनकी भारी हुई 38 इंच की बड़ी गंद को मसलने शुरू किया. आब वो भी मेरा साथ देते हुए मेरे मूह मैं अपनी जीभ घुसकर चूसने लगी.

हमारे जीभ एकदुसरे की मूह मैं डालकर हम एकदुसरे को स्मूच करते हुए हमने आब एकदुसरे को नंगा करना शुरू किया.

उसके बड़े बड़े बूब्स और गोरी गोरी गदराई गंद देखकर मेरा काबू खोने लगा. हू भी आब बस पनटी मैं थी और मैं बस अंडरवेर मैं था. मैने उसके बूब्स दबाते हुए.

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उनकी गंद दबाना शुरू किया. उसको गाड़ी पे लिटाकर उनके गाल नाक माथे से चूमते उनके गले पर चाटते लोवे बीते करते नीचे नीचे आने लगा. उनके निपल को डटो से हल्केसे काटता तो कभी उंगलियों के बीच में लेकर ज़ोर से मसलता.

आब उनकी गंद को सहलाते उनकी गहरी नाभि मैं जीभ डालकर सरसरते चाटने लगा. और जीभ के साथ गोल गोल घूमते नाभि और उसस्के भरा हुआ पेट को चाटने लगा.

उसकी गदराई जाँघो को सहलाते दबाने लगा. पैर पर हाथ घूमते सहलाने लगा . आब उसकी कामसीँ भारी हुई जाँघो को किस करते करते.

जाँघो के अंदर की तरफ डातों से लोवे बाइट्स करते हल्केसे धीरे धीरे काटते आब उसकी छूट की और बढ़ने लगा.

वो ज़ोर ज़ोर से सासे छोड़ रही थी. कसमसाते हुए आहें भरते हुए. मेरे सर मैं हाथो से बलों को सहलाने लगी नोचने लगी. मैने आब हल्केसे उनकी छूट के उलर पनटी पर मेरे नोस लाकर सूंघने लगा.

हल्केसे उसकी छूट को पनटी के उपर. से डटो मैं प्लादकर खिचाते हुए उसको तड़पाना शुरू किया. वो आब कसमसाते मेरे सर को पकड़ के छूट के होतो पर हल्केसे दबाने लगी. मैने उसकी छूट पर, मेरे गरम सासों की फूंकर मरते. पनटी निकलते छूट पर जीभ जे चटा .

और जीभ से छूट पर थपथपाते हुए चूसने लगा. गंद को साथ मैं ही सहलाते गंद परा चमते मरके थपतपाने लगा.

श ईीस्स स आह श बाबयी उसकी छूट से आब गरम गरम सासे चल. रही हो ऐसा लगा रहा था. मैं मस्त होकर उसकी छूट के होठों को अपने मूह मैं लेकर. चूस्ते हुए छूट मैं जीभ अंदर तक घुसके चाटने लगा था.

मैं अब छूट के अंदर जीभ घुसकर. कुत्ते की जीभ जैसे पानी पीते फड़फदते है. वैसे ही छूट मैं अंदर डालकर फड़फड़ाना शुरू किया.

वो ज़ोर से मेरा सर छूट मीं घुसके चतावा रही थी. मैने इसी बीच बड़े बड़े बूब्स को ज़ोर ज़ोर से. मसलते छाते लगते. उसके भरे हुए मस्त पेट को मसलते, सहलाते छूट को निचोड़ निचोड़ कर चूसने लगा था.

आब वो पागलो की तरहा मेरे सर को जाँघो मक्न जाकड़ कर छूट पर दबा रही थी. मैने झट से उसके पर आकर उसकी छूट पर लंड लगाकर, घिसना शुरू किया .

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मेरे लंड का सूपड़ा बहुत मस्त है जिसने भी देखा है उसको पता होगा. अगर कोई देखना चाहे तो मुझे मैल करके बताना आपको देखा दूँगा फिर आप इमॅजिनेशन कर सकेंगे.

जैसे ही मैने लंड के सूपदे से चाँदी पीछे की. और उसकी छूट के होतो पर घिसने लगा. उसके बदन पे लेटकर बदन घिसते, स्मूच करने लगा. उसने भी मेरे साथ अपनी गंद. गोल गोल घूमते, लंड पर छूट को रगड़ते स्मूच चालू किया.

मेरे पीठ पर नाख़ून गाड़ते नोचने लगी तो कभी मेरे गंद को दबोचते दबाने लगी. हमारा यह कंक्रीड़ा का खेल. हम खुले आसमान के नीचे नंगे होकर मस्ती मैं एकदुसरे की प्यास को बुझाने लगे थे.

चाँद की रोशनी मैं दो प्यासे जवान बदन अपनी प्यास भुझहने माब् लगे थे. उसका गोरा गोरा भरा हुआ बदन चाँद की लाइट मैं और चमक उठा था. मैं उसके रेशमी ज़ुल्फोन मैं उंगलिया घूमते स्मूच करते. आब मैने मेरे लंड को छूट मैं सेट करते हल्केसे धक्का लगाया.

मेरा गरम गरम लंड सरसरते हुए छूट की पंखुड़ियों को चीरते हुए उसकी गरम गरम गीली छूट मैं अंदर घुस गया. उसने ज़ोर से मुझे जाकड़ कर. आब नीचे से अपनी गंद आयेज पीछे उठाते लंड को छूट की गहराई मई अड्जस्ट करवाते.

आब मेरी गंद पर थपथपाते मुझे इशारा किया. मैं भी आब ज़ोर ज़ोर से मेरे चेस्ट को उसके बूब्स दबाते हुए. अब ज़ोर ज़ोर लंड अंदर बाहर करते छोड़ने लगा. वो कसमसाते मेरे पीठ मई पंजे गाड़ते नीचे से छुड़वाने लगी.

आहह आ श फट फट आहह एस एस ओह फॅक फॅक फॅक आ की आवाज़ टेरेस पर गूँज उठी. हम दोनो बीच बीच मैं अपनी गंद गोल गोल घूमते और छूट की हर एक को ए मैं लंड का एहसास करवाते चुदाई करने लगते.

हम मस्त स्मूच करते करते बड़े मस्त होकर. खुले आसमान के नीचे नंगे होकर. मस्ती मैं एकदुसरे की बहो मे गंद उठा उठा कर चुदाई का मज़ा ले रहे थे.

रात के समय होने पर किसी को कुछ समझने का भी दर नही था. आब उसने उठाकर मेरी गले पर लोवे बाइट्स करे और मेरे गले लगकर मुझे हटते. आब वो मेरे उपर आकर मेरे लंड को चाटने लगी.

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