हैलो दोस्तो आप का हर्ष फिर आप के लिए मस्तीभरी कहानी लेकर हाजिर हूं। ये कहानी मेरे दोस्त की पत्नी की है उसका नाम अंजलि है। बहुत सुंदर और मस्त फिगर है उसके फिगर का साइज 32-28-30 का है। मेरे दोस्त का नाम वीर है। उसकी शादी 2 साल पहले हुई थी। शादी के 1 साल तो वीर अंजलि में खूब प्यार भरी बात होती थी। मगर कुछ दिनों से वीर के ऑफिस में काम बड़ जाने से वो अंजलि को समय नहीं दे पा रहा था वीर की इस बेरुखी से अंजलि की हसरत व मन में वासना की आग भड़कने लगी। एक बार वीर को ऑफिस के काम से दिल्ली जाना था 5दिन अंजलि उसे रुकने को कहा मगर ऑफिस का जरूरी काम बताकर उसने अंजलि को मना कर दिया रुकने से। जिससे अंजलि उदास हो गई। में कभी कभी वीर के घर जाता था तो वीर को बहुत खुशनसीब मानता था कि उसे अंजलि जैसी बहुत खूबसूरत वाइफ मिली। में उसकी जवानी आखो से पीने की कोशिश करता था। ये बात अंजलि ने भी नोटिस कि थी। अंजलि मेरे सामने अपनी अदा और अपनी जवानी का प्रदर्शन भी करने लगी। थीरे थीरे में अंजलि से बाते करना शुरू की और फिर दोस्ती में मजाक में उससे कभी कोई गलत बात भी कर लेता तो बुरा नहीं मानती फिर एक दिन जब पांच दिनों के लिए घूमने जा रहा है। तो मैने अंजलि को साथ फिल्म देखने के लिए पूछा उसने भी हा कहा। हम फिल्म देखने गए तो हमे एक कोने की सीट मिली जो कि हॉलीवुड फिल्म थी तो दोस्तो हॉलीवुड फिल्म में सेक्सी सीन तो होते है जब हॉट सीन आता तो अंजलि मेरा हाथ पकड़ कर सहलाती थीरे थीरे में होठ उसके होठों से जुड़ गए और हम बही एक दूसरे को किस करने लगे थिरे से मैने उसकी चुद की सहलाना चालू किया और वो मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड को दबाने लगी हम इतना गरम हो गए की हम ने फिल्म बीच में ही छोर कर घर आगाए और उसे अपनी बाहों में लिया वो मेरी तरफ देखने लगी और मैंने मौका देखकर उसका हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया। और उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसका अधर-पान करने लगा। हम दोनों ने देर तक एक-दूसरे के होंठों का रसपान किया। अब मेरा हाथ उसके ब्लाउज के ऊपर गया और मैं उसके मम्मों को दबाने लगा.. तो वो और उत्तेजित हो गई। फिर मैंने उसकी साड़ी उतार दी और वो सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में रह गई। उसकी नाभि बहुत ही सुन्दर थी। मुझे देखकर उसने नज़रें झुका लीं। वो बहुत शर्मा रही थी। फिर मैंने उसका ब्लाउज और पेटीकोट उतार दिया तब वो सिर्फ लाल ब्रा और पैन्टी में रह गई। उस वक्त वो बड़ी कातिल लग रही थी। उसके बाद उसको मैंने दीवार के पास खड़ा किया और उसके हाथ पकड़ कर बोला-अंजलि आप बड़ी ब्यूटीफुल और सेक्सी लग रही हो। कौन सा पति आप जैसी बीवी को तड़पा कर छोर कर जाएगा.. आप तो कम से बढ़कर हो अंजलि। आज तो मैं आप कि जवानी का रस अवश्य पिऊंगा।
फिर वो धीरे-धीरे शर्म को त्याग कर बोली- मैं आज से आपकी ही हूँ.. जिस तरह मुझे पीना चाहो.. उस तरह पी लो मुझे सिर्फ आपका प्यार चाहिए हर्ष और फिर एक औरत को प्रेम से बढ़कर क्या चाहिए। इतना सुनते ही मैं जोश में आ गया।
मैंने अंजलि को गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और उसके पूरे बदन को गौर से देखा। उसके चूचे ब्रा में से निकलने के लिए आतुर थे। उसकी पतली कमर पर मैं फ़िदा था। हमें जल्दी नहीं थी क्योंकि हमारे पास पूरे पांच दिन थे। मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता था इसलिए मैंने फ़ोरप्ले में ज्यादा ध्यान दिया और सच बताऊँ तो सेक्स का असली मज़ा आराम से करने में ही है। फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोलकर उसके मम्मों को आज़ाद कर दिया। एक चूचे को मुँह से चूसता और दूसरे को अपने हाथों से मसलता था। अंजलि के मुँह से मादक सिसकारियाँ निकलने लगीं ‘आह.. और चूसो हर्ष.. आज तो इन्हें मसल ही दो।’मैं उसके दोनों चूचों को बेरहमी से मसलता हुआ बोला- अंजलि, ये तो काफी कड़क हैं।
तो वो बोली- हर्ष मेरे बूब्स की पकड़ने वाला ही नहीं हो, तो ये तो कड़क ही रहेंगे ना। आज तीन महीने बाद किसी ने इन्हें मसला है। मैं बोला- अंजलि अब तुम चिंता मत करो.. अब मैं इनको सॉफ्ट बना दूंगा और तुम्हारी चूत को फाड़कर भुरता बना दूंगा। फिर अंजलि ने मेरे कपड़े उतारे और मैं सिर्फ अंडरवियर में ही रह गया। उसने मेरे सलामी मारते लण्ड का तंबू देखा तो उसने और जल्दी से मेरी चड्डी उतार दी। मैंने भी अंजलि की पैन्टी निकाल दी। अब हम दोनों एक-दूसरे के सामने नंगे थे, हम 69 की अवस्था में आ गए वो मेरा लम्बा लण्ड चूस रही थी और मैं उसकी की चूत पी रहा था। कुछ देर बाद मैंने अपने लण्ड को उसकी क्लीवेज के बीच रखा और वो अपने दोनों चूचों से लण्ड को दबाकर चुदवाने लगी।
फिर मैं वापस उसके मम्मों को चूसने में लग गया और वो सिसकारियां लेती हुई अपने हाथों से मेरे सर को अपने मम्मों में दबाने लगी। मैं बोला- आज तो मैं तुम्हें मेरी रखैल बना लूँगा।
अंजलि बोली- प्लीज ऐसी गालियां मुझे पसन्द नहीं.. मैं आपसे प्यार करती हूँ किसी की रखैल बनना नहीं चाहती हूँ। यह सुनकर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने उसे चुम्बन किया और बोला- अंजलि डार्लिंग सेक्स में थोड़ी बहुत गालियां तो चलती हैं.. पर अगर तुम्हें पसंद नहीं, तो मैं नहीं बोलूंगा.. जानू। मैं उसके पेट पर चुम्बन करने लगा और वो मचलने लगी.. क्योंकि मैं पहले ही उसके चूचों को चूसकर और मसल कर लाल चुका था।
फिर मैंने उसे उल्टा लिटाया और उसकी पीठ सहलाने लगा।
उसकी पीठ में बना हुआ निशान उसकी सुंदरता को और मनमोहक बना रहा था। मैं उसकी पीठ को चूमने लगा और फिर मैंने उसके कूल्हे पर एक हाथ से चपत मारी तो उसके मुँह से ‘आह..’ निकल गया। मैंने और मारी तो बोली- जान और मारो बहुत मजा आ रहा है.. गुदगुदी भी हो रही है।